हृदय रोग के मरीजो की संख्या' देश भर मे लगातार बढ़ती जा रही है। 30 वर्ष से ज्यादा उम्र के युवाओं में भी इनएक्टिव लाइफस्टाइल और खाने पीने की खराब आदतों के कारण दिल की बिमारी होने का ख़तरा बढ़ रहा है, पिछले पाँच साल मे दिल कि समस्याओ से पिड़ित लोगो कि संख्या मे तेजी से इजाफा हुआ है। इनमे से अधिकांश 30-50 साल आयु वर्ग के पुरुष और महिलाये है। लोगो के पास अपने शरीर और मन को स्वस्त रखने का समय हि नही है जिस वजह से लोगों मे कई तरह की बिमारीयों देखने को मिल रही हैं, सभी को उच्च रक्तचाप को गंभीरता से लेनी चाहिये एवं चिकित्सक से उचित सलाह लेनी चाहिये। कुछ विशेष परिस्थिति की छोड़कर हदय रोग के लक्षणों मे, सीने मे दर्द, जलन, सांस फूलना, आँखों के सामने अंधेरा छा जाना इत्यादि लक्षण मिलते ही हृदय रोग विशेषज्ञ से तुरन्त संपर्क करना चाहिये।
बिमारीयों से बचने के लिये कम से कम आधा घंटे व्यायाम करें, बाहर घूमे टहलें, नमक, चीनी और ट्रांस फैट वाली चीजे खाने से बचना चाहिये। आपका नास्ता और भोजन ताजे फल एवं सब्जियों से भरपुर होनी चाहिये, तथा घर का बना ताजा व संतुलित भोजन करना चाहिये, बाजार के पैकेट बंद रखति को बिलकुल नहीं खाना चाहिये। हृदय रोग के गंभीरता को समझते हुये आप सभी को उन आहारों को चुनना चाहिये, जो आपके दिल के साथ-साथ पुरे शरीर के लिये पौष्टिक हो, फास्टफुड, जंक फुड, सिगरेट, और शराब से दूरी बनाकर रखनी चाहिये क्योकि उससे हदय रोग होने का खतरा ज्यादा होता है।
डॉ. रितेश कुशवाहा ने बताया कि हृदय को स्वस्थ्य रखने के लिये दिन चर्या मे कैसे बदलाव लाया जाये ताकि हृदय की बिमारी से बचा जा सके। इसके लिये सबसे पहले समाज के हर व्यक्ति को जागरूक होना होगा। आदतो मे रात मे जल्दी सोकर सुबह जल्दी उठना, योगा, व्यायाम, टहलना खेलना आदि को शामिल करना चाहिये, अगर आप हृदय रोग से पीड़ित है तो यह ध्यान रखना चाहिये कि आपके पास हृदय रोग से जुड़ी दवाइयां उपलब्ध हो आप को यह ध्यान देने की जरूरत ही की आप दवा डॉक्टर की सलाह से लें और बिना उनकी सलाह के बंद बिलकुल ना करें।