भटगांव क्षेत्र बना कोयला व कबाड़ माफियाओं का गढ़:पुलिस अफसरों और राजनीतिक संरक्षण में चल रही है कोयले व कबाड़ की अफरातफरी।
शशी रंजन सिंह
सूरजपुर( सीएनबी लााईव न्यूज़ ब्यूरो चीफ ):--सूरजपुर जिले की काले हीरे की नगरी एसईसीएल भटगांव क्षेत्र कि कुछ वर्षो से चालू खदान एवं बंद पड़ी कोयला खदानों में लोहा चोरी का सिलसिला पिछले कई महीनो बाद पुनः फल फूल रहा हैं ,जहा लगातार बेरोकटोक कबाड़ चोरी हो रही हैं, जिसके चलते क्षेत्र और बाहर से आए हुए अवैध काम को अंजाम देने वाले संदिग्ध व्यक्तियों की संदिग्ध गतिविधियों को देख कर आम जनमानस में भी भय व्याप्त होता रहा है, बताया जाता है आखिर ऐसी कौन सी वजह है की भटगांव क्षेत्र के चालू खदान और बंद पड़े कोयला खदानों से बड़े पैमाने पर लोहा तांबा पीतल जैसे किमती कबाड़ो की चोरी का कार्य बड़ी सक्रियता से फलफूल रहा है फिलहाल प्रशानिक बदलाव के बाद आमतौर पर ऐसे कार्यों पर कुछ दिनों के लिए रोक लग जाता है ,लेकिन भटगांव थाना एसईसीएल क्षेत्र में ऐसा कुछ नहीं है यहां का नजारा ही कुछ और है जहा का नजारा ही बदला बदला सा लग रहा है इसके पीछे की वजह क्या है? यह तो प्रशासनिक अधिकारी ही जाने और कारोबारी जो इस काम में संलिप्त हैं जो उन्हें काम करने की अनुमति कैसे और किससे मिल जाती है और फिर बेरोकटोक व बेखोफ काम शुरू कर देते हैं आखिर ये काम पूरी तरह से बंद कब होगा ये सवालिया निशान लगाते हैं।
बताया जाता है कि एसइसीएल प्रबंधन भी अपने बेशकीमती उपकरणों और लोह सामग्रियों के संरक्षण के लिए अपने सुरक्षाकर्मियों सहित देश की अन्य सुरक्षाकर्मियों को भी भारी भरकम पेमेंट देकर अपने खदानों और बेशकीमती मटेरियल की सुरक्षा नहीं कर पा रहा है मिली जानकारी के अनुसार इन सुरक्षाकर्मियों की भी स्थिति संदिग्ध है ,कहीं ना कहीं इस अनैतिक कार्य में इनकी भी सहमति होती है ,जो क्षेत्र में बड़ा जन चर्चा का विषय है यही कारण है कि कबाड़ी अपनी इच्छा के मुताबिक भटगांव क्षेत्र की कोयला खदानों को अपना चारागाह बनाये हुए है और करोड़ों रुपए की संपत्ति को लूट कर प्रबंधन को खोखला कर रहे है वही कालरी प्रबंधन के जिम्मेदार अधिकारी अपनी बेशकीमती सामग्रियों के संरक्षण के बजाय आपस में एक दूसरे को दोषारोपण कर मामले को ठोस कार्यवाही करवाने के बजाय एक दूसरे पर दोषारोपण करते हुए नजर आते हैं खबर यह भी है कि यदि पुलिस प्रशासन इन लोहा चोरी करने वाले कबाडियो की गाड़ियों को जप्त करता है तो प्रबंधन का कोई भी अधिकारी रिपोर्ट करने को भी तैयार नहीं होता और नहीं एसईसीएल प्रबंधन का कोई मैनेजर यह मानने को तैयार नहीं होता कि यह माल उनके कालरी का है यही कारण है कि इन काबडियो के हौसले और बुलंद हो चलें कहीं ना कहीं इन कबाडि़यो की संदिग्ध गतिविधियों पर प्रबंधन के अधिकारियों की भी संलिप्तता प्रतीत होती है, करोड़ों रुपए के बेशकीमती कलपुर्जे लोहे पीतल तांबा एवं अन्य सामग्रियां चोरी होती हैं लेकिन कोयला कंपनी का कोई भी अधिकारी इस अपराध पर अंकुश लगाने के लिए अपनी तरफ से कोई प्रयास नहीं करता है जो पुनः कबाड़ सहित अवैध कार्यो का लगातार चलता रहना पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लग रहे हैं।
वर्तमान समय में अगर देखा जाए तो पूरे भटगांव एरिया में कोयला खदानों की सुरक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे ही है, क्योंकि जिस तरह से लगातार चोरी की घटनाएं बढ़ रही हैं उसे लेकर सुरक्षा व्यवस्था और चोरी को रोकने पर होती नाकाम सुरक्षा एजेंसियों पर कई सवाल उठ रहे हैं। अभी की स्थिति में देखा जाए तो लगभग सभी खदानों में चोरी की घटनाओं में इजाफा हो रहा है। वही भूमिगत खदान और ओपन खदानों में पिछले कुछ दिनों से चोरी की घटना बढ़ी है। कहने को तो यहां पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं और हर महीने करोड़ों रुपए सुरक्षा के नाम पर खर्च भी किए जा रहे हैं। इसके बाद चोरी की घटनाओं में किसी प्रकार की कमी नहीं आ रही है। यहां दिन और रात जिस तरह से खदान के अंदर से कोयले की चोरी हो रही है उसे लेकर सवाल उठ रहा है। आखिर सुरक्षा व्यवस्था होने के बाद भी खदान के अंदर से खुलेआम कोयला चोरी कैसे हो रही है या फिर यह सब मिलीभगत से हो रहा है। खदान के अंदर देखा जाए तो चारों तरफ बेशकीमती कबाड़ फैला हुआ हैं. खदान के अंदर चोरी की घटनाएं ना हो इसे लेकर सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है, लेकिन सवाल यह उठता है कि जब सुरक्षाकर्मियों की तैनाती यहां पर की गई है तो फिर चोरी की घटनाएं घटित कैसे हो रही हैं। यहां पर जिन्हें व्यवस्था दी गई है कि चोरी की घटनाएं ना हो वह अपनी जिम्मेदारियों का पूरी तरह से सही निर्वहन नहीं कर रहे हैं। एक तरफ सुरक्षा के नाम पर बड़ी राशि खर्च की जा रही है तो दूसरी तरफ चोरी की घटनाएं रुक नहीं रही हैं।
*कुछ महीनों पूर्व महान -1 ओ सी एम कोयला खदान में चोरों के द्वारा की गई थी एसईसीएल कर्मचारी से मारपीट*
कुछ महीने पूर्व महान -1 ओ सी एम खदान में भटगांव निवासी और कबाड़ चोरी में सक्रिय पप्पू निषाद और उनके साथियों के द्वारा हरगोविंद जयसवाल सावेल अपडेटर के ऊपर जानलेवा हमला कर घायल कर दिया गया था वहां चोरों द्वारा अकेला पाकर लाठी डंडों से बेदम पिटाई कर दी जिस पर उसके सर में गंभीर चोट आई , जिसके बाद साथियों द्वारा रात में ही उसे एस.ई.सी.एल हॉस्पिटल भटगांव में दाखिल किया गया बाद में डॉक्टर्स द्वारा उन्हें जीवन ज्योति हॉस्पिटल में रेफर किया गया था जिसके बाद पुलिसिया कार्रवाई करते हुए निषाद को पकड़कर जेल भी भेजा गया था जहां जेल से पुनः वापस आने के बाद क्षेत्र में चोरी जैसी हलचल फिर से फलने फूलने लगा है चोरी की घटनाए कई माह बाद फिर से प्रतिदिन बड़ी संख्या में हो रही ऐसे कार्य का फिर से प्रारंभ होना आखिर किसकी मिलीभगत को उजागर करता है।
*खदानों से लगातार हो रही है कोयले की चोरी*
कबाड़ तो कबाड़ है साथ में कोयले की चोरी तो धड़ल्ले से हो रही है जिसका पूछ परख करने वाला कोई भी नहीं है फिर वह शासन हो या प्रशासन धड़ल्ले से दिन दुगनी रात चौगुनी चल रही है जहां अवैध ईट भट्ठा में इनकी खपत हो रही है जहां कोयला चोर बोरी में भरकर साइकिल और मोटरसाइकिल के माध्यम से अवैध ईट भट्टों मे रोजाना पहुंचा रहे हैं जहां रोजाना लाखों का चूना लग रहा है कंपनी को लेकिन न तो खनिज विभाग को इसका परवाह है और न हीं संबंधित अन्य विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को आखिर सरकार इनको किस लिए वेतन देती है क्या सिर्फ आंखों में पट्टी बांधकर बैठे रहने के लिए।
*पुलिसिया पेट्रोलिंग पर उठ रहे हैं सवालिया निशान*
पुलिस प्रशासन के द्वारा ऐसे कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए लगातार रातों में पेट्रोलिंग की जाती है जिसका दिशानर्देश लगातार बीच-बीच में जिला प्रशासन के द्वारा संबंधित क्षेत्राधिकारीयों को दिया जाता रहता है लेकिन लगातार पुलिस पेट्रोलिंग के बाद भी ऐसे कार्यों पर अंकुश न लगना सवालिया निशान खड़ा करता है कि आखिर ऐसे कार्यों को संरक्षण किसका प्राप्त हो रहा है जो लगातार रुक-रुक कर फलने फूलने लग जाता है और विभाग सहित कंपनियों को सालाना करोड़ों का चूना लगाया जा रहा है लेकिन इनके संबंधित विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों की आंखों में जूं तक नहीं रेंगती जो सिर्फ आंखों में पट्टी बांधकर इन को संरक्षण देने में उतारू रहते हैं........ आखिर क्यों ??