@जशपुर//छत्तीसगढ़!!
जिले के पत्थलगांव वन परिक्षेत्र में वन विभाग ने पेड़ों की अवैध कटाई मामले में कार्रवाई की है। लुड़ेग के सागौन जंगल में अवैध कटाई के मामले में डिप्टी रेंजर और वन रक्षक को निलंबित किया गया है। डिप्टी रेंजर आशा लकड़ा और वन रक्षक अनूप लकड़ा को जांच टीम ने दोषी पाया गया है। सागौन जंगल में वन माफिया ने लाखों रुपए पेड़ की दिनदहाड़े कटाई की थी। इसके अलावा लुड़ेग के सागौन जंगल में अवैध कटाई के मामले में वन माफिया के तीन सदस्य भी गिरफ्तार किए गए हैं। इसके बाद मुख्य वन संरक्षक ने कार्रवाई की है।
पिछले शुक्रवार को पत्थलगांव के बेलडेगी जंगल में ग्रामीणों ने छापामार कर जंगल में लकड़ी की कटाई और तस्करी को पकड़ लिया था। जंगल से काटी जा रही सागौन की लकड़ी को खुद वन विभाग द्वारा जलाऊ लकड़ी की रसीद देने का भी मामला उजागर हुआ। ग्रामीणों ने लकड़ी की तस्करी कर रहे ट्रैक्टर ड्राइवर से पूछताछ की। इसमें पता चला कि यह काम लुड़ेग के मनोज खुटिया के कहने पर कर रहा है। ग्रामीणों ने इसकी सूचना पत्थलगांव पुलिस को दी। सूचना मिलते ही पत्थलगांव थाना प्रभारी भास्कर शर्मा पूरे दल-बल के साथ बेलडेगी जंगल पहुंचे और सागौन से भरा ट्रैक्टर और जेसीबी को जब्त कर लिया।
इसके बाद पुलिस की टीम मनोज खुटिया के घर पहुंची। वहां पुलिस को बड़ी मात्रा में सागौन की लकड़ी मिला था। वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की निष्क्रियता और मिलीभगत ने मामले में सामने आई। इसे लेकर असिस्टेंट रेंजर आशा लकड़ा व फारेस्ट गार्ड अनूप लकड़ा की भूमिका को लेकर सवाल खड़े हो गया था।
सागौन की अवैध कटाई के मामले में तीन गिरफ्तार
पत्थलगांव वन परिक्षेत्र अधिकारी कृपासिंधु पैकंरा ने जानकारी देते हुए बताया कि सागौन तस्करी के मुख्य आरोपी मनोज खुंटिया लुडेग के निवासी एवं उसके अन्य दो सहयोगी रंजन कुजूर बंधनपुर लुडेग, कश्मीर कुजूर लुडेग निवासी को पकड़कर लाया गया है, जिनसे लाखों रुपए के सागौन तस्करी के बारे में विस्तृत पूछताछ की जा रही है कि उनके द्वारा लुड़ेग क्षेत्र के जंगलों से लकड़ी काटकर अवैध रूप से तस्करी किया जा रहा था जिससे आने वाले दिनों में क्षेत्र में सागौन तस्कर से सागौन खरीदी करने वालों के हड़कंप मचा हुआ है जल्द ही क्षेत्र में वन विभाग द्वारा छापामार कार्यवाही की जावेगी।
अवैध कटाई में वन कर्मियों की संलिप्तता का संदेह
वन परिक्षेत्र अधिकारी पैकरा ने बताया कि सागौन कटाई के मामले में वन विभाग के कर्मचारी की संलिप्तता भी नजर आती है जिसका प्रतिवेदन हमारे द्वारा उच्चाधिकारियों को भेज दिया गया है साथ ही लकड़ी तस्करी मामले की भी सघन जांच की जायेगी जो 1भी इन कामों में संलिप्त पाया जाएगा। उसको वन विभाग अधिनियम के तहत कार्यवाही की जाएगी
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