CG डकईपारा:- 6 साल से अधूरा पढ़ा समुदायिक भवन चढ़ा भ्रष्टाचार की भेंट या शासन-प्रशासन के लोग नहीं करवाना चाहते कार्य को पूर्ण..?? कई बार ग्रामीणों ने विधायक और पंचायत से कर चुके हैं मांग..मगर सुनने वाले कोई क्यु नहीं..देंखे video??

CG डकईपारा:- 6 साल से अधूरा पढ़ा समुदायिक भवन चढ़ा भ्रष्टाचार की भेंट या शासन-प्रशासन के लोग नहीं करवाना चाहते कार्य को पूर्ण..?? कई बार ग्रामीणों ने विधायक और पंचायत से कर चुके हैं मांग..मगर सुनने वाले कोई क्यु नहीं..देंखे video??


@कोरिया//छत्तीसगढ़!!

कोरिया जिले की ग्राम पंचायत डकईपारा में 6 सालों से पड़ा अधूरा सामाजिक भवन भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुका है या तो कागजों में यह कार्य पूरा हो चुका है या यह कार पूरा कराना नहीं चाहते शासन प्रशासन के लोग - ग्रामीणों का गंभीर आरोप..??


आगे ग्रामीणों ने बताया कि डकईपारा के सरपंच और सचिव दो बार बदल चुके हैं मगर इस अधूरे कार्य को कोई भी पूरा नहीं करा पा रहा है ,इसकी क्या वजह है इस पर ग्रामीणों ने कई गंभीर आरोप वर्तमान सरपंच सचिव एवं अधिकारियों पर आरोपी|

भवन को पूर्ण कराने की मांग ग्रामीण कई बार कर चुके हैं आखिर वह कौन सी वजह है जिसके वजह से इस भवन को पूर्ण नहीं कराया जा रहा जिससे कि ग्रामीणों में भारी आक्रोश है ग्रामीणों ने बताया कि यह भवन 6 साल पूर्व में पास हो चुका था जिसका कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है मगर ऊपर में लेंटर पुताई दरवाजे आदि छोटे-मोटे कार्य अधूरा छोड़ दिया गया है..आखिर क्यूँ??

ग्रामीणों ने आखिर थक हार कर मीडिया को सूचित किया की हमारी मांगों को ऊपर तक लेकर जाएं ताकि सरकार भी देखें और उनके साथ क्या हो रहा है..ग्रामीणों के साथ कैसा व्यवहार हो रहा हैं, वहीँ एक तरफ कई सामाजिक भवन विधायक अंबिका सिंह देव के द्वारा सभी समाज के वर्गों के लोगों को दिया जा रहा है तो वही अधूरे भवन को पूर्ण कराने की जिम्मेदारी आखिर क्यों नहीं ले रही हैं- ग्रामीण??

पंचायत में ग्रामीण सरपंच एवं सचिवों से इस विषय में कई बार चर्चा कर चुके हैं उनका कहना है कि जिस तरह ग्रामीणों ने हमको बताया की मौखिक रूप से बोल दिया जाता है आपका यह भवन पूर्ण कर दिया जाएगा लेकिन 6 साल बीत जाने के बाद भी यह भवन अधूरा का अधूरा पड़ा हुआ है जो यह दर्शाता है कि यहां ग्रामीणों की मांग को सुनने वाला कोई नहीं है, चूंकि ग्रामीण एक विशेष समुदाय से आते हैं जोकि काफी गरीब एवं SC कास्ट से बिलॉन्ग करते हैं आखिर इनका सुनने वाला सरकार में कौन है, ऐसा महसूस ग्रामीणों को खासकर होता है, ग्रामीणों को उम्मीद थी कि उनका सामाजिक भावन पूर्ण हो जाएगा फिर छोटे-मोटे कार्यक्रम अपने गांव में ही कर सकते थे और सामाजिक गतिविधियां एक भवन में बैठ कर के एक निर्णय समाज को ऊपर उठाने में कर सकते थे मगर एक छोटी सी मांग को इस तरह से शासन-प्रशासन में बैठे अधिकारी एवं विधायक इतना नजरअंदाज कर दिए जाएंगे यह समाज के ग्रामीणों को उम्मीद नहीं था..??

ग्राम पंचायत के वरिष्ठ एवं पूर्व में वन विभाग में अपनी सेवाएं दे चुके शोभित राम कुर्रे ने वीडियो में बताया कि आखिर क्या कारण है जो सरकार और उनके अधिकारी और ग्राम पंचायत सुनने को तैयार नहीं है आगे की जानकारी और शिकायत पत्र हम आपको वीडियो के माध्यम से आला अधिकारी एवं जनता के बीच में हैं- देंखे - 




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