CG कोरिया:- नही था किसी का डर..नियम को ताक में रख कर बाँट डाले साढ़े 5 करोड़, रुपये..इस कारनामे के बाद ज़िले में नंबर 01 पर विभाग..क्या इन सभी भ्रष्टाचार के आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी शासन- प्रशासन..??

CG कोरिया:- नही था किसी का डर..नियम को ताक में रख कर बाँट डाले साढ़े 5 करोड़, रुपये..इस कारनामे के बाद ज़िले में नंबर 01 पर विभाग..क्या इन सभी भ्रष्टाचार के आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी शासन- प्रशासन..??


कोरिया कृषि विभाग ने नियम को ताक में रख बाँट डाले साढ़े 5 करोड़, भ्रष्टाचार की सारी सीमाएं पार

@कोरिया//छत्तीसगढ़!!

 भ्रष्टाचार के कई मामले देखने को मिलते है लेकिन आज तक आपने इस तरह का भ्रष्टाचार का मामला नही देखा होगा। एक ऐसा मामला जिला मुख्यालय बैकुंठपुर के कृषि विभाग का है जहाँ भ्रष्ट अधिकारियों ने लगभग साढ़े 5 करोड़ डकार लिए। इसका खुलासा ए एन पांडेय सामाजिक एवं आर टी आई कार्यकर्ता ने किया। उन्होंने ये जानकारी आर टी आई के माध्यम से निकाला। मिली जानकारी के अनुसार जिला मुख्यालय बैकुंठपुर के कृषि विभाग में बहुत बड़ी राशि का अधिकारियों द्वारा बंदरबाट कर लिया गया है। कृषि विभाग के उप संचालकों ने अपने अधीनस्थ अधिकारियों कर्मचारियों सहित व्यापारियों को भी शासकीय राशि लगभग 5 करोड़ 50 लाख से अधिक की राशि का बंदरबांट कर लिया है। ये भ्रष्टाचार एक अनोखे अंदाज में किया गया है, अमूमन किसी भी निर्माण कार्य में शासकीय राशि की अफरा-तफरी एवं भ्रष्टाचार पाया जाना अमूमन होते ही रहता है परंतु कृषि विभाग कोरिया में सर्वथा विधि विरुद्ध तरीके से लोक हितार्थ की शासकीय राशि का योजनाबद्ध साजिश के तहत आपस में बतौर एडवांस लेनदेन करना बताकर बंदरबांट कर लिया है जिसके विरुद्ध आरटीआई एवं सामाजिक कार्यकर्ता ए एन पांडे ने सूचना के अधिकार के तहत दस्तावेजी प्रमाण पत्र प्राप्त किया तो उपरोक्त बंदरबांट पूरी तरह बेनकाब हुआ जिसके विरुद्ध ए एन पांडे ने सर्वप्रथम उसी विभाग उपसंचालक कृषि को एवं क्रमशः कोतवाली थाना बैकुंठपुर, पुलिस अधीक्षक बैकुंठपुर, जिला कलेक्टर बैकुंठपुर सहित संयुक्त संचालक कृषि एवं संभागीय आयुक्त अंबिकापुर के साथ-साथ माननीय मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन प्रमुख सचिव संचालक कृषि विभाग को दस्तावेजी प्रमाण सहित शिकायत प्रस्तुत कर शासकीय राशि की अफरा-तफरी करने वालों से लूटी गई राशि की वसूली एवं विधि सम्यक कार्यवाही हेतु दिया है उन्होंने अपने आवेदन में बकायदा संबंधियों के नाम एवं बंदरबांट की गई राशि का भी उल्लेख किया है जिसमें वर्ष 2013-14 में एच एस राजपूत अनावेदक क्रमांक 01, एम जी श्याम कुंवर अनावेदक क्रमांक 02, डी के रामटेके अनावेदन क्रमांक 03, पी एस दीवान अनावेदक क्रमांक 04 के कार्यालय से मनीष मेहता अनावेदक क्रमांक 05 को नगद एवं चेक के माध्यम से बतौर एडवांस 28 लाख 96 हजार रुपए एवं मनीष मेहत इंटरप्राइजेज को वर्ष 2018 तक चेक के माध्यम से 25 लाख 40 हजार रूपये बतौर एडवांस राशि दी गई है जबकि मनीष मेहता अनावेदक क्रमांक 05 एवं मनीष मेहत अनावेदक क्रमांक 06 पृथक-पृथक व्यक्ति ना होकर एक ही व्यक्ति है जो शासन-प्रशासन को गुमराह एवं आंख में धूल झोंकने के इरादे से इस तरह से नाम पता के उल्लेख जानबूझकर साजिश के तहत किया है उपरोक्त अनुसार अनावेदक क्रमांक 07 आर के वैष्णव सर्वेयर कृषि विभाग बैकुंठपुर को 35 लाख 99 हजार रुपये नगद एडवांस राशि वर्ष 2014-15 में दी गई है इसी क्रम में अनावेदक क्रमांक 08 महावीर बोरवेल को 1 करोड़ 26 लाख 63 हजार 668 रुपए एडवांस राशि वर्ष 2017-18 में तथा अनावेदक क्रमांक 09 गुप्ता ट्रेडर्स बैकुंठपुर को वर्ष 2018-19 में 1 करोड़ 15 लाख 6 हजार 277 रुपये, अनावेदक क्रमांक 10 दिव्यम सेल्स कंपनी एल एल पी रायपुर को 2018-19 में 28 लाख 80 हजार 796 रुपये, अनावेदक क्रमांक 11 विग्नेश्वर राक डीलर बैकुंठपुर को 74 लाख 69 हजार 963 रुपये अनावेदक   क्रमांक 12 ओम साई इंटरप्राइजेज बैकुंठपुर को 2018 में 20 लाख रुपए अनावेदक क्रमांक 13 ओम कंस्ट्रक्शन एवं डीलर बैकुंठपुर को 25 लाख 53 हजार 86 रुपये अनावेदक क्रमांक 14 ओम कंस्ट्रक्शन एवं सप्लायर बैकुंठपुर को 2019 में 20 लाख 31 हजार 750 रुपये अनावेदक क्रमांक 15 दीप्ति इंटरप्राइजेज बैकुंठपुर 2017 से 2019 में 31 लाख 2 हजार 272 रुपये अनावेदक क्रमांक 16 जिला प्रबंधक छत्तीसगढ़ राज्य एवं कृषि विकास निगम बैकुंठपुर को 28 लाख 23 हजार 625 रुपये एवं अनावेदक क्रमांक 17 जिसमें उपसंचालक कृषि एवं भूमि संरक्षण विभाग कार्यालय के दर्जनों अधिकारी एवं कर्मचारी गण हैं, जिन्हें लगभग 20 लाख रुपए वर्ष 2017 से 2022 के बीच बतौर एडवांस शासकीय राशि दी गई है। ज्ञात हो कि शासन द्वारा लोक हितार्थ संचालित की जाने वाली शासकीय योजनाओं के संचालन एवं क्रियान्वयन में राशि व्यय हेतु नियम एवं शर्तें निर्धारित की जाती हैं ताकि राशि में वित्तीय अनियमितता एवं भ्रष्टाचार ना हो सके किंतु उपरोक्त अन आवेदक गढ़ शासन द्वारा निर्धारित सारे नियम कायदे कानून व दिशानिर्देशों की रजिया उड़ाते हुए सभी अनावेदक गढ़ आपस में एक राय होकर भारी-भरकम उपरोक्त शासकीय राशि जो कि लगभग 5 करोड़ 50 लाख से ऊपर रुपए का बंदरबांट किया है।



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