पीएचक्यू में लाखों रूपए के फर्जी आहरण का मामला सामने आया है।इस हेराफेरी को अंजाम देने वाले लिपिक राजेश शर्मा को डीजीपी अशोक जुनेजा ने निलंबित कर दिया है। पीएचक्यू के सूत्रों के मुताबिक लेखा शाखा में पदस्थ उक्त लिपिक ने उसने, भुगतान के ऐसे पे-ऑर्डर बनाए और विथड्राल भी ले लिया है।पे-ऑर्डर बनाने से पहले लिपिक ने कई तरह से गलत डाक्यूमेंटेशन निस्तियां तक इन पर आला अफसर मंजूरी की मुहर और हस्ताक्षर करते रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक लिपिक ने 40 लाख से अधिक की रकम निकाली गई। समझा जा सकता है कि इस राशि को निकालने में लंबा समय लिया होगा।आला अफसरों इस मामले में ज्यादा नहीं जानकारी दे रहे हैं। उनका कहना है,कि किसी जिले को भेजने के नाम पर नहीं गलत प्रयोजन बनाकर राशि निकाली।जब मामला अधिकाधिक जुनेजा ने लिपिक राजेश शर्मा को निलंबित कर दिया!
सूत्रों ने बताया कि शर्मा को पहले भी हटाया जा चुका था। गंभीर चेतावनी के साथ बहाल किया गया था। बीते 22 वर्षों में पीएचक्यू में सबसे बड़े गबन का मामला बताया गया है।अभी इस मामले की थाने में रिपोर्ट नहीं कराई गई
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