CG :- जनकपुर रेंजर चन्द्रमणि तिवारी जी के आकस्मिक निधन पर , भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ द्वारा उनकी छायाचित्र पर माल्यार्पण कर, 2 मिनट का मौन धारण किया गया एवं कैंडल जलाकर कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई.. देंखे

CG :- जनकपुर रेंजर चन्द्रमणि तिवारी जी के आकस्मिक निधन पर , भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ द्वारा उनकी छायाचित्र पर माल्यार्पण कर, 2 मिनट का मौन धारण किया गया एवं कैंडल जलाकर कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई.. देंखे


@छत्तीसगढ़//जनकपुर!! 

जिला एम.सी.बी. के जनकपुर से एक बड़ा ही दुखद समाचार शनिवार की सुबह लोगों को सुनने को मिला, जब जनकपुर में कार्यरत वन विभाग के एक सक्षम अधिकारी चन्द्रमणि तिवारी का शोक संदेश लोगों के बीच हवा की तेज़ रूख पकड़ता दिखाई दिया, जिसके बाद लोगों की मनोस्थिति दुख के भाव में परिवर्तित हो गई।

इस दुख की घड़ी में जिला एम.सी.बी. एवं जिला कोरिया के भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ के सदस्यों द्वारा चिरमिरी शहर के जी.एम.कॉम्प्लेकस में, दुर्गा पंडाल में, स्व. श्री चन्द्रमणि तिवारी के निधन के दुखद समाचार को सुनने के बाद, उनकी याद में उनकी तस्वीर में मालार्पण कर, 2 मिनट का मौन धारण किया गया एवं कैंडल जलाकर कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई, भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ के छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष महेश प्रसाद, प्रदेश महासचिव सत्येन्द्र सोनी, जिला कोरिया अध्यक्ष सावन कुमार एवं जिला अध्यक्ष सुरेश कुमार, जिला महासचिव मुस्ताक कुरैशी, जिला कोरिया के जिला मीडिया प्रभारी देबाशीष गांगुली, करन सोनी एवं कुछ स्थानीय लोगों द्वारा सम्मिलित हो‌कर शोक सभा का आयोजन करते हुए उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की गई।


आपको बता दें, वन मंडल मनेंद्रगढ़ अंतर्गत वन परिक्षेत्र जनकपुर के वन परिक्षेत्र अधिकारी सम्माननीय श्री चन्द्रमणि तिवारी जी का अकास्मिक निधन शनिवार की सुबह दस बजे के करीब हो गया, जानकारी मिली की उनका स्वास्थ्य काफ़ी दिनों से खराब था, कई दिनों से उनका निरंतर ईलाज भी जारी था, मगर शनिवार की सुबह दिल का दौरा पड़ने से उनकी मृत्यु हो गई, और बड़े ही मधुर एवं व्यवहारिक व्यक्तित्व के कुशल अधिकारी अपने समस्त चाहने वालों को सदैव के लिए अलविदा कह कर इस दुनिया से चले गए।


लोगों की मानें तो वन परिक्षेत्र जनकपुर के रेंजर जो अब इस दुनिया में नहीं रहे, स्व. सम्माननीय श्री चंद्रमणि तिवारी जी, बड़े ही हसमुख, खुशहाल एवं सीधे सरल स्वभाव के इंसान थे, जिन्हें अक्सर किसी ना किसी ज़रूरतमंद की मदद करते ही देखा जाता था, उनके कार्यक्षेत्र में भी उन्हें अक्सर तत्पर एवं कर्मठ देखा जाता था, वन परिक्षेत्र जनकपुर अंतर्गत जंगलों की हरियाली, वहां की खूबसूरत वनस्पतियों के संरक्षण एवं जंगलों के लिए हितकारी योजनाओं को सफल बनाने में स्व. श्री चन्द्रमणि तिवारी जी का काफी बड़ा योगदान है, जिसकी प्रशंसा ना केवल आम जनता के मुख से सुनने को मिलता है, मगर साथ ही साथ वन विभाग के बड़े बड़े उच्च अधिकारीयों के हृदय में भी उनके लिए भरपूर सम्मान हमेशा देखा गया है, वन विभाग के ऐसे कर्मठ एवं निष्ठावान अधिकारी के इस तरह अकास्मिक निधन हो जाने के दुख का आंकलन लगा पाना असंभव है।


अक्सर उनके परिक्षेत्र में वन प्राणियों द्वारा दुर्घटनाग्रस्त ग्राम एवं ग्रामिणों की अक्सर सहायता करते नज़र आते थे, जिनके स्वर्गवास की खबर सुन कर सर एक शख्स की आँखें नम हो गईं, तो किसी ने कहा कि स्व. श्री चन्द्रमणि तिवारी जी का इस तरह शुन्य में विलीन हो जाना एक बेहद बड़ी दुख की घड़ी समान है।

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