CG :- रूपेश, रेवेन्द्र, और लोकेश ने बालोद जिले को किया गौरवांवित...-17 डिग्री सेल्सियस तापमान मे 12500 फिट ऊंची केदारकांठा पीक पर लहराया तिरंगा...-

CG :- रूपेश, रेवेन्द्र, और लोकेश ने बालोद जिले को किया गौरवांवित...-17 डिग्री सेल्सियस तापमान मे 12500 फिट ऊंची केदारकांठा पीक पर लहराया तिरंगा...-

PIYUSH SAHU (BALOD)
@बालोद//पीयुष कुमार।।

पोस्टर के माध्यम से रक्तदान, नेत्रदान और देह दान का दिया संदेश



जब हौसला बना लिया ऊंची उड़ान का.. फिर देखना फिजूल है कद आसमान का... कुछ ऐसे ही मजबूत इरादों के साथ छत्तीसगढ़ के ट्रेकरो ने उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी जिले में स्थित केदारकांठा ट्रैक जिसकी ऊँचाई 12500 फीट है जहां तापमान सुबह -2 से -8 डिग्री सेल्सियस तथा रात्रि मे तापमान -15 से -18 डिग्री सेल्सियस तक रहता है, जिसका सफल आरोहण किया l

हिमालयन एम्बीसन ( ट्रेक श्रैक) के तत्वाधान मे दिनाँक 15/01/2023 से 18/01/2023 तक उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी जिले मे नेशनल विंटर ट्रेकिंग कैम्प का आयोजन किया गया था जिसमें विभिन्न राज्य दिल्ली, केरल, बंगलौर, तमिलनाडु, हरियाणा, बिहार, महाराष्ट्र, तेलंगाना सहित छत्तीसगढ़ के प्रतिभागियों ने प्रतिभाग लिया था..

छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के डौंडीलोहारा विकासखंड के ग्राम ख़ामतराई से रूपेश साहू पिता हेमंत साहू और लोकेश साहू पिता खेम लाल तथा ग्राम मुड़खुसरा से रेवेन्द्र साहू पिता यादो राम ने बालोद जिले सहित पूरे प्रदेश को गौरवांवित किया, 
वहीं राजनांदगांव से उमेश साहू, गरियाबंद से खेमराज साहू, रायपुर से लोकेश साहू (विक्की), धमतरी से ओमप्रकाश नेताम, जगदलपुर से ज्योति बघेल, नेहा ध्रुव, राजकुमारी मौर्य ने भी प्रतिभाग लिया था,सभी ने अदम्य साहस के साथ -17 डिग्री सेल्सियस तापमान में कठिनाई भरी बर्फीली रास्तो से होकर केदारकांठा ट्रैक के 12500 फीट ऊंची पीक (चोटी) पर माँ भारती और छत्तीसगढ़ महतारी के जयकारें के साथ 75 फीट का विशाल राष्ट्र ध्वज लहराकर एक नया कीर्तिमान रचा गया l

दृढ़ निश्चय से ही मिली सफ़लता
हाथ पैर पड़ गए थे शून्य फिर भी हार नहीं मानी जब चढ़ाई शुरू की तो किसी ने पीछे मुड़कर तक नहीं देखा कई बार परिस्थिति ऐसी बनी की किसी भी समय हिम्मत टूट जाए लेकिन किसी ने हिम्मत नहीं हारी, दृढ़ इच्छाशक्ति, और अदम्य साहस के साथ सभी ने सफ़लता पूर्वक चढ़ाई की और आखिरकार अपना लक्ष्य हासिल किया l

खड़ी चढ़ाई ने दी थी चुनौती
12500 फीट ऊंची चोटी केदारकांठा ट्रैक तक पहुंचने का रास्ता बेहद मुश्किल और चुनौती पूर्ण था रात्रि 3 बजे जब पीक सबमिट के लिए निकले तो बर्फीली ठण्डी हवाओं के कारण हाथ पैर सुन्न पड़ रहे थे, बर्फ के कारण जुतों मे फिसलन हो रही थी, चढ़ाई भी खड़ी थी, लेकिन पहली बार इतनी अधिक ऊंचाई पर पहुँचना और तिरंगे झंडे को इस ऊंचाई पर लहराना हमारे लिए किसी सपने से कम नहीं था और आखिरकार प्रातः 6:58 बजे हमे सफलता मिल गई l

विश्व के 07 महाद्वीपों के सबसे ऊंची चोटी पर तिरंगा लहराने का है सपना
रूपेश साहू का विश्व के पूरे 07 महाद्वीप के सबसे ऊंची चोटी पर राष्ट्र की आन बान शान तिरंगे झंडे को हर एक ऊंचाई पर रिप्रेजेंट करने की इच्छा है l

रक्तदान, नेत्रदान, देह दान का दिया संदेश
टीम छत्तीसगढ़ ने सामुहिक रूप से बैनर पोस्टर के माध्यम से जीते जी रक्तदान और मृत्यु उपरान्त नेत्रदान, देह दान का संदेश दिया... आप को बता दे कि रूपेश साहू, लोकेश साहू, रेवेन्द्र साहू रेगुलर ब्लड डोनर है जो हर तीन - चार महीने मे जरुरतमंद मरीजों के लिए रक्तदान करते हैं, रक्तदान सेवाओं के माध्यम से रक्त मुहैया कराते हैं l
 वहीं अद्भुत गरियाबंद का मोटो लेकर खेमराज साहू ने अपने जिले का प्रतिनिधित्व किया l
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