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विधानसभा के 3 दिन चले शीतकालीन सत्र में अफसरों की वजह से सरकार की किरकिरी हो गई. खासकर 3 मंत्रियों में किसी को स्पीकर की डांट खानी पड़ी तो किसी को माफी मांगनी पड़ी जिसके बाद नाराज सरकार ने गलत आंकड़े देने वालों की जांच शुरू कर दी है. प्राथमिक जांच में कई अफसरों की भूमिका संदिग्ध मिली है. मंत्रियों को गलत आंकड़े देने के मामले में सरकार को सदन में तीन बार शर्मिंदा होना पड़ा.
शिक्षा विभाग की शुरू हुई जांच में चार अफसरों की भूमिका संदिग्ध मिली है. इनमें दो को सरकार ने सस्पेंड और दो खिलाफ चार्जशीट कर जांच शुरू कर दी है. इनमें ब्रांच असिस्टेंट सुनील कुमार और डिप्टी सुपरिटेंडेंट इंदर सिंह को सस्पेंड और असिस्टेंट डायरेक्टर शमशेर सिंह और असिस्टेंट राजेश चौधरी को चार्जशीट किया गया है. मुख्यमंत्री ने भी सदन में गलत आंकड़ों को लेकर नाराजगी जताई है. उन्होंने इस मामले में सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.
सत्र के तीसरे दिन बाढडा से विधायक और डिप्टी CM दुष्यंत चौटाला की मां नैना चौटाला ने स्कूलों के मुद्दे पर शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर से सवाल किए थे. इन सवालों के जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री ने गलत आंकड़े दे दिए, जिस पर सदन में सदस्यों ने आपत्ति प्रकट की. स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने भी मंत्री को सदन में सही आंकड़े पेश करने की हिदायत दी.
फरीदाबाद विधायक नीरज शर्मा के सवाल पर राज्य के निकाय मंत्री कमल गुप्ता को भी शर्मिंदा होना पड़ा. हुआ यूं कि नीरज शर्मा ने सवाल किया कि सीवर के ढक्कन खुले होने के कारण फरीदाबाद में अब तक 4 लोगों की मौत हो चुकी है. इस पर कमल गुप्ता ने जो आंकड़े पेश किए वह अलग थे. इस पर स्पीकर ने नाराजगी प्रकट करते हुए उन्हें सही आंकड़े पेश करने की हिदायत दी.
सदन के पहले दिन ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान ऐलनाबाद से विधायक अभय चौटाला ने अवैध शराब का मुद्दा उठाया. जहरीली शराब के मुद्दे पर चर्चा के दौरान गृह मंत्री अनिल विज ने जवाब दिया कि अवैध शराब से 2016 से अब तक 36 मौतें हुई हैं.
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