@छत्तीसगढ़//तेलीबंधा
आलोक पांडेय - इस मामले में हम रायपुर महापौर एजाज ढेबर का समर्थन करते हैं क्योंकि जो गंडक वर्षों से उस जगह में अपना जीवन यापन कर रहे हैं दुकान लगा कर रहे हैं उनके साथ अत्याचार कदापि हम सहन नहीं करेंगे छत्तीसगढ़ असंगठित कामगार एवं कर्मचारी कांग्रेस के अध्यक्ष और नेशनल स्ट्रीट वेंडर्स ऑफ इंडिया के छत्तीसगढ़ होने के नाते हम महापौर एजाज ढेबर के साथ हैं और उनके साथ ही इस लड़ाई में कंधे से कंधा मिलाकर चलेंगे किसी भी वेंडर्स के साथ हम नाइंसाफी नहीं होने देंगे और अगर किसी वेंडर को किसी भी प्रकार की तकलीफ है तो मेरे नंबर पर संपर्क कर सकते हैं (आलोक पांडे - +91 79872 64817)
और इस आईएएस की शिकायत मुख्यमंत्री भूपेश बघेल नगरी निकाय मंत्री डहरिया समेत प्रधानमंत्री कार्यालय में भी की जाएगी - आलोक पांडेय ||
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तेलीबांधा मेरिन ड्राइव में काबिज अवैध दुकानदारों को हटाने को लेकर महापौर एजाज ढेबर और नगर निगम कमिश्नर, आईएएस मयंक चतुर्वेदी आमने-सामने हो गए हैं। इस विवाद में दो विधायक कुलदीप जुनेजा और सत्यनारायण शर्मा भी कूद पड़े हैं। दोनों विधायक एजाज ढेबर के साथ खड़े हैं जबकि कमिश्नर प्रशासनिक अमले के साथ अलग थलग पड़ गए हैं।
सूत्रों के मुताबिक नगर निगम कमिश्नर आईएएस मयंक चतुर्वेदी चाहते हैं कि मरीन ड्राइव में जो 8-10 दुकानदार अपनी अवैध दुकान संचालित कर रहे हैं, उन्हें हटाया जाये। कई बार चेतावनी देने के बाद भी अवैध कब्जाधारी दुकानदार नहीं मान रहे थे, जिसके बाद कल चतुर्वेदी तोड़ फोड़ दस्ता को लेकर चौपाटी पहुंचे तथा अवैध ठेले और गुमटियों को हटाने के निर्देश दिए। उसके बाद नगर निगम के दस्ते ने कार्यवाही शुरू कर दी थी कि तभी किसी ने महापौर एजाज ढेबर को इसकी जानकारी दी तो ढेबर भी वहां पहुंच गए। उन्होंने तुरंत कार्यवाही को रोकने के निर्देश दिए।
उधर इसकी भनक जैसे ही दोनों विधायकों को लगी तो विधायक सत्यनारायण शर्मा और कुलदीप जुनेजा भी घटनास्थल पर पहुंच गए और इस समय कार्यवाई ना करने के निर्देश दिए। महापौर ऐजाज़ ढेबर ने कमिश्नर से फोन पर बात की.
इस पर ढेबर ने तर्क दिया कि कार्यवाई के पहले उनकी जानकारी में इसे लाया जाना चाहिए था। उनका तर्क था कि पहले मास्टर प्लान तैयार किया जाय, उसके बाद कार्यवाई होना चाहिए। ढेबर के साथ दोनो विधायक भी साथ थे।
तीनों ने कमिश्नर से बात करने के लिए उन्हें बुलाया तो उन्होंने आने में असमर्थता जताई। कमिश्नर ने कहा कि चौपाटी में अवैध कब्जे हैं जिन्हें हटाना जरूरी है। ढेबर का कहना है कि कार्यवाई गलत है। ग्वाला फ़ूड विवाद होने के बाद वैसे भी व्यापारी गुस्से में हैं और सरकार के खिलाफ माहौल बन रहा है।
इधर खुलासा हुआ है कि तेलीबांधा चौपाटी में अधिकृत दुकानें एक बड़े भाजपा नेता के बेटे के नाम है। वे नही चाहते कि ठेले और गुमटियां संचालित हों क्योंकि इससे उनके मुनाफे पर असर पड़ता है। भाजपा नेता के इशारे पर यह कार्यवाई हो रही है, ऐसा पता चला है लेकिन मेयर एजाज़ ढेबर और दोनों विधायक इस कार्यवाई के ख़िलाफ़ हैं। जो भी हो, कमिश्नर के लिए तो इधर कुआं, उधर खाई जैसी स्थिति बन गई है।
पूरे मामले पर महापौर एजाज ढेबर ने कहा कि जो भी होगा, नियम और कानून से होगा। उन्होंने कमिश्नर से किसी मनमुटाव से इनकार किया।
@सोर्स - सोसल मीडिया