Shraddha Murder Case: श्रद्धा के कातिल को सजा दिलाना इतना आसान नहीं, क्या हैं पुलिस के सामने???

Shraddha Murder Case: श्रद्धा के कातिल को सजा दिलाना इतना आसान नहीं, क्या हैं पुलिस के सामने???


@उत्तर प्रदेश

श्रद्धा हत्याकांड में नित नए चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। पुलिस ने पाया है श्रद्धा के लीव इन पार्टनर आफताब ने बेहद शातिराना तरीके से इस हत्याकांड को अंजाम दिया। आफताब ने श्रद्धा की हत्या करने की पूरी प्लानिंग बनाई। ऐसा लगता है कि आफताब ने हत्या के बाद कानूनी शिकंजे से बचने के लिए पूरी रिसर्च की थी। आफताब के लैपटॉप की छानबीन में गूगल सर्च हिस्ट्री की जांच की। उसमें पता लगा कि उसने हत्या के बाद लाश ठिकाने लगाने के तरीके ढूंढ़े थे। आफताब बार बार अपने बयान बदल रहा है। ऐसे में उसके खिलाफ साक्ष्यों को जुटाना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती साबित हो रही है। एक्सपर्ट की मानें तो पुलिस के लिए आफताब को सजा दिलाने की राह इतनी आसान भी नहीं है। 


'द इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के मुताबिक श्रद्धा वाकर के शरीर के अंगों का निरीक्षण कर रही फोरेंसिक विशेषज्ञों की टीम का कहना है कि इस हत्याकांड में डीएनए सैंपलिंग की प्रक्रिया चुनौतीपूर्ण है। अब तक उन्हें जो नमूने मिले हैं वे काफी पुराने हैं। इन नमूनों की एनलसिस में कम से कम दो हफ्ते लग जाएंगे। नमूनों की जांच से सबूत जमा करना आसान नहीं है क्योंकि सेंपल संदिग्ध हैं। नमूनों की जांच में यह नहीं कहा जा सकता है कि इसमें कितनी जीवित कोशिकाएं मिलेंगी। 


एक फोरेंसिक विशेषज्ञ ने कहा कि नई तकनीकों के आ जाने से चीजें आसान जरूर हुई हैं लेकिन इस मामले में नमूनों की छानबीन आसान नहीं है। मध्य प्रदेश के भोपाल में जीव विज्ञान विभाग क्षेत्रीय फोरेंसिक प्रयोगशाला के प्रभारी डॉ. पंकज श्रीवास्तव कहते हैं कि डीएनए नमूना लेने के लिए हड्डी शरीर का सबसे चुनौती वाला हिस्सा है। डीएनए परीक्षण के लिए दांत सटीक अंग हैं लेकिन इस मामले में यह नहीं मिला है। ऐसे में यदि हड्डियां जंगल में पड़ी हैं तो संभावना है कि जंगली जानवर उसके संपर्क में आए होंगे। इससे जांच जांच की चुनौतियां बढ़ जाती हैं।




@सोर्स - सोसल मीडिया 

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