- क्या रेंजर की लापरवाही ने एक हाथी की जान??
- क्या मौत से हाथी को बचाया जा सकता था??
- क्या जिम्मेदारी से भागते है अधिकारी??
- जंगली जानवरों के कारण ज्यादा तर जंगल बचे हुये है, मगर इनकी जान जाना आम बात क्यू??
बताया जा रहा है कि रेंजर की लापरवाही ने आज फिर एक दंतेल की जान ले ली हैं। प्रतापपुर रेंज के अंतर्गत आने वाले ग्राम पकनी में दंतैल हाथी की मौत करंट की चपेट में आकर हुई है ऐसा सूत्रों से हमे जानकारी मिल रही हैं। बताया जा रहा है कि ग्रामीणों द्वारा जंगली हाथियों से अपनी फसल के बचाव के लिए फेसिंग तार का इस्तेमाल किया गया था जिसकी चपेट में आकर के एक हाथी की आज दर्दनाक मौत हो गई है। जिसके बाद ग्रामीणों ने वहां से लगाए गए करंट के तारों को हटा दिया हैं। लेकिन वहां मौजूद ग्रामीणों का कहना है कि हाथी की मौत करंट की चपेट में आकर ही हुई है। ग्रामीणों ने साथ में यह भी आरोप लगाया है कि 2 घंटे पहले ही इसकी जानकारी वन विभाग को दे दी गई है लेकिन अब तक वन विभाग का एक चौकीदार भी वहां तक नहीं पहुंच पाया है। रेंजर से हमारे प्रतिनिधि द्वारा संपर्क की कोशिश की गई लेकिन शायद चैन की नींद ले रहे रेंजर शाहब ने फोन उठाकर अपनी नींद में खलल डालना सही नही समझा गया और कॉल रिसीव नहीं किया।
जनवरी में भी हाई टेंशन तार की चपेट में आकर हुई थी हथनी की मौत आज तक नहीं कर पाए कोई कार्यवाही
हाथी की मौत को पूरे 11 महीने होने के बावजूद आज पर्यंत नही हो पाई कोई कार्यवाही। हिंद स्वराष्ट्र के दबाव के बाद मान सिंह जांच अधिकारी ने जांच रिपोर्ट 6 महीने बाद पेश कर दिया था लेकिन जांच रिपोर्ट आने के 5 महीने बीत जाने के बावजूद रेंजर ने आज तक आरोपियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की हैं। जबकि जांच करता ने कैमरे के सामने हिंद स्वराष्ट्र को दिए बयान में बताया था की जांच रिपोर्ट में पूरी गलती लाइन मैन और विद्युत विभाग की हैं। इस तरह से जांच रिपोर्ट आने के बाद भी कार्यवाही न करना किसी मिलीभगत की ओर इशारा कर रहा हैं।
@सोर्स - सोसल मीडिया