CG - ग्राम पंचायत में हो रहे गुणवत्ताविहीन सड़क निर्माण में विभाग का पक्ष देने से कतरा रहे कार्यपालन अभियंता,कार्यपालन अभियंता से सवाल पूछने पर भड़के विभाग के इंजीनियर सुनील सोनी,कहा किस हक से पूछ रहे सवाल.. जिम्मेदार चुप क्यू???

CG - ग्राम पंचायत में हो रहे गुणवत्ताविहीन सड़क निर्माण में विभाग का पक्ष देने से कतरा रहे कार्यपालन अभियंता,कार्यपालन अभियंता से सवाल पूछने पर भड़के विभाग के इंजीनियर सुनील सोनी,कहा किस हक से पूछ रहे सवाल.. जिम्मेदार चुप क्यू???



@छत्तीसगढ़//जशपुर 
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना विभाग अंतर्गत मरगा में बन रहे सड़क के गुणवत्ता पर पूछे गये सवाल का जवाब देने विभाग के जिम्मेदार अधिकारी (कार्यपालन अभियंता) कतरा रहे हैं वहीं इस कार्य में लगे इंजीनियर सुनील सोनी इतना बौखला गये कि कार्यपालन अभियंता से पूछे गये सवाल पर खुद ही पत्रकारों से उलझ गये और बड़े ही ताव में यह कह बैठे की आपको सवाल पूछने का अधिकार ही नहीं।


ज्ञात हो कि जिला मुख्यालय से लगे ग्राम मरगा में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना विभाग अंतर्गत सड़क निर्माण का पेंच वर्क कराया जा रहा है।इस निर्माण कार्य में बरती जा रही लापरवाही व गुणवत्ता पर ग्रामीणों ने सवालिया निशान उठाते हुवे मीडिया को जानकारी दी,जिसके बाद निर्माण हो रहे सड़क का समाचार कवरेज करने पत्रकारों की टीम मौके पर पहुंचे। यहाँ सड़क के गुणवत्ताविहीन पेंच निर्माण की शिकायत के साथ साथ उचित मापदंड के अनुरूप सड़क निर्माण नहीं होने का आरोप भी ग्रामीणों ने लगाया।ग्रामीणों ने बताया कि जिला मुख्यालय से लगभग 8 किलोमीटर दूर मरगा पहाड़ से मरगा को बारहमासी पक्की सड़क से जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत लगभग डेढ़ किलोमीटर सड़क निर्माण की स्वीकृति दी गई थी। निविदा प्रक्रिया के बाद इस सड़क निर्माण की जिम्मेदारी,दिल्ली की एक निर्माण एजेंसी को सौंपा गया था। निर्माण एजेंसी ने इस सड़क का निर्माण कार्य पूरा कर,एक दिन पहले ही डामरीकरण का कार्य पूर्ण किया है। लेकिन,इस कार्य की गुणवत्ता को लेकर विवाद की स्थिति बन गई है। ग्रामीणों ने बताया की सड़क उचित मापदंड के अनुरूप नहीं बन रहा है। सड़क में न तो तय मापदंड के अनुरूप थिकनेस दिया जा रहा और न ही सड़क की चौड़ाई उचित मापदंड के अनुरूप है। इतना ही नहीं ग्रामीणों ने कहा कि सड़क के निर्माण में बरती जा रही लापरवाही इतनी ज्यादा है कि सड़क अभी से उखड़ने की कगार पर है। सड़क निर्माण में लगे मटेरियल भी उचित मापदंड में नहीं होने के कारण कुछ जगह उखड़ रहे सड़क का स्थल भी ग्रामीणों ने दिखाया।ग्रामीणो ने उक्त सड़क के निर्माण पर जांच का मांग किया है।



जानकारी के लिए बता दें कि यह विवादित सड़क पर्यटन के लिहाज से भी काफी महत्वपूर्ण है। मरगा से आगे यह सड़क प्रसिद्व धार्मिक पर्यटन स्थल मरगड़ा भैसासुर की पहाड़ी तक पहुंचती है। इस स्थान के बारे में मान्यता है कि बाहरी आक्रमणकारियों से मुकाबला करते हुए,कुछ सैनिक,इस जंगल में गुम हो गए थे। इन वीर सैनिकों की आवाज इन पहाड़ियों में आज भी सुनाई देती है। इस पहाड़ में कार्तिक माह की पूर्णिमा में मेला भी लगता है।

विभाग ने कहा नहीं दे सकते सड़क निर्माण से संबंधित कोई भी जानकारी
जिसके बाद समाचार का कवरेज कर वापस आये पत्रकारों ने कार्यपालन अभियंता से विभाग का पक्ष जानने का प्रयास किया तो कार्यपालन अभियंता सत्यनारायण ने आन रिकार्ड कुछ भी कहने से साफ इंकार कर दिया। श्री साय ने कहा कि वे इस संबंध में अधिकृत बयान कुछ भी नहीं दे सकते और न ही विभाग का पक्ष रख सकते हैं। जिसके उपरांत पत्रकारों ने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लिये खबर के साथ बाइट की आवश्यकता अनिवार्य होने का बात कहते हुवे विभाग का पक्ष रखने का निवेदन किया इस बात से वहाँ खड़े उप अभियंता सुनील सोनी आगबबुला हो गये और पत्रकारों से उलझते हुवे आवेश में इतना कह गये कि किस हक से आप सवाल पूछ रहे,आपको सवाल पूछने का हक नहीं। जब साहब बोल रहे हैं कुछ नहीं बोलना है तो क्यों पूछ रहे फिर.. और विभाग के कार्यपालन अभियंता इस घटना को मूक दर्शक बन कर देखते रहे।



जिस सड़क की गुणवत्ता पर पत्रकार पूछ रहे थे सवाल उसी साइट के इंजीनियर हैं सुनील सोनी
विदित हो कि भ्रस्टाचार के आगोश में निर्मित हो रहे इस सड़क निर्माण में पेंच कार्य उप अभियंता सुनील सोनी के देखरेख में ही हो रहा है,जिसमें भारी लापरवाही बरती जा रही है। सड़क का निर्माण इतना घटिया है कि इसमें तय मापदंड के अनुरूप न ही मटेरियल लगाया जा रहा और न ही तय मापदंड के अनुरूप ग्रेडेंस व थिकनेस का ख्याल रखा जा रहा इतना ही नहीं सड़क के मोटाई व चौड़ाई में भी डंडी मार दिया गया है। जिस पर उप अभियंता की कारगुजारी उजागर होने से सुनील सोनी आग बाबुला हो उठे और पत्रकारों को इस कारनामे पर सवाल पूछने से रोकने में जुट गये।

एक मुंशी के भरोसे हो रहा निर्माण कार्य
प्रधानमंत्री ग्राम सडक योजना की सड़कों की दुर्दशा का सबसे बड़ा कारण,विभागिय इंजिनियरों की ठेकेदारों से मिली भगत को माना जा रहा है। निर्माण स्थल पर चल रहे निर्माण कार्य का जायजा जब लिया गया तो यहां मात्र एक मुंशी खड़ा हुआ मिला।जिसे न तो उक्त सड़क की चौड़ाई की जानकारी थी और ना ही डामरीकरण की मोटाई की। सड़क की घटिया निर्माण,इस बात की गवाही दे रहा है कि पूरे निर्माण के दौरान जिम्मेदार अधिकारी इस ओर झांकने भी नहीं आए।






@सोर्स - सोसल मीडिया

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