संजीवन पण्डो ने बताया कि खाना तो यहां पर मिल रहा है लेकिन छुट्टी होने के कारण इलाज नहीं हो रहा है। अगर घर जाने के लिए किराया होता तो घर जाकर कुछ घर का काम करते। हम सभी परिवार सहित बहुत परेशान हैं, उसने बताया कि घर जाने के लिए मेरे द्वारा जिला बलरामपुर के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को भी बताया गया है लेकिन मुझे कोई मदद करने सामने नहीं आये। संजीवन पण्डो ने बताया कि मुझे पहले बताए होते कि अम्बिकापुर अस्पताल से छुट्टी होने के बाद घर वापसी सरकारी सुविधा नहीं दिया जायेगा तो मैं नहीं आता क्योंकि मेरे पास रूपयों का दिक्कत है , मैं अपना और बच्चे का इलाज रूपए व्यवस्था कर के कराता।
मुझे 108 से लाकर अम्बिकापुर अस्पताल में छोड़ दिया गया है।
मेरे द्वारा समाज सेवी उदय पण्डो को बोला गया है घर जाने का व्यवस्था करने उनके द्वारा बोला गया है कि आपको घर भेजवाया जायेगा।
मेडिकल कॉलेज में अन्य विशेष पिछड़ी जनजाति परिवार के मरीज भी किराया न होने के स्थिति में फंसे हुए हैं
मेडिकल कॉलेज अम्बिकापुर में इलाज के बाद छुट्टी होने पर अन्य फुलेश्वरी पण्डो, रतन पण्डो, समिक्षा पण्डो , प्रमिला पण्डो, विशेष पिछड़ी जनजाति परिवार के मरीज किराया नहीं होने पर फंसे हुए हैं । ये सभी पण्डो विशेष पिछड़ी जनजाति परिवार बिमार पड़ने पर जिला अस्पताल बलरामपुर से रिफर होकर 108 एंबुलेंस से मेडिकल कॉलेज अम्बिकापुर इलाज कराने आये थे।
" पण्डो एवं पहाड़ी कोरवा विशेष पिछड़ी जनजाति परिवारों के इलाज के लिए जिला प्रशासन बलरामपुर के द्वारा अच्छा पहल रहा है परंतु अस्पताल से छुट्टी होने पर घर वापस भेजने में दिक्कत हो रहा है, इनका घर जाने का सुविधा शीघ्र उपलब्ध कराया जाना चाहिए। क्यों कि इनके पास रूपए नहीं रहता है इस लिए और ज्यादा परेशानी होता है"
--- उदय पण्डो
प्रदेश अध्यक्ष- विशेष पिछड़ी जनजाति समाज कल्याण समिति छत्तीसगढ़ प्रदेश