@वेब न्यूज़ डेस्क।
कमिश्नरेट पुलिस ने यूएएसए से भारत तक फैले नशे के ऑनलाइन रैकेट का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने दिल्ली के कॉलेज में पढ़ाई करने वाले फरीदाबाद सूरजकुंड निवासी भानु, अधिराज, सोनू कुमार को गिरफ्तार किया है। ये आरोपी टेलीग्राम पर ग्रुप बनाकर ऑन डिमांड नॉलेज पार्क, एनसीआर व देश के अन्य नामी कॉलेज के छात्रों तक नशे की खेप पहुंचाते थे।
पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से ओजी (ओरिजनल ग्रोवर कैलिफोर्निया वीड), एमडीएमए एक्स्टेसी, एक एलएसडी कुल 960 ग्राम मादक पदार्थ, छोटा इलेक्ट्रोनिक तराजू, पाउडर बनाने की मशीन बरामद की है। मादक पदार्थ की कीमत 29 लाख रुपये बताई गई है। आरोपी टेलीग्राम पर ग्रुप बनाकर ऑन डिमांड मादक पदार्थ कैलिफोर्निया, बर्लिन आदि विदेशी शहरों से कोरियर के माध्यम से मंगाकर आपूर्ति करते हैं और एडवांस में क्रिप्टो करेंसी और बिटकाइन के माध्यम से लेनदेन करते हैं।
डीसीपी अभिषेक वर्मा ने बताया कि प्रदेश सरकार व आलाधिकारियों के निर्देश पर गौतमबुद्घ नगर पुलिस नशे के नेटवर्क को तोड़ने का काम कर रही है। इसी कड़ी में स्वॉट टीम ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया है। ये आरोपी लंबे समय से एनसीआर और देश के छात्र-छात्राओं को हॉस्टल आदि तक नशे की खेप पहुंचा रहे थे। आरोपी नॉलेज पार्क क्षेत्र में कुछ छात्राओं को मादक पदार्थ की बिक्री करने पहुंचे और तभी एलजी गोलचक्कर से शारदा अस्पताल गोलचक्कर जाने वाले रास्ते पर दबोच लिया गया।
आरोपी टेलीग्राम ग्रुप के अलावा विभिन्न ऑनलाइन माध्यमों से छात्रों से जुड़कर उन्हें तरह-तरह के मादक पदार्थों के फोटो व डिटेल भेजते थे। इनकी कीमत आदि की भी जानकारी ऑनलाइन देकर आर्डर लेते और कोरियर आदि माध्यमों से टेबलेट, पाउडर, पुड़िया आदि बरामद एक ग्राम तीन से चार हजार रुपये में आपूर्ति करते थे।
विदेश से मंगाए गए नशीले पदार्थ गांजा आदि से 50 गुना अधिक नशीले हैं। इनकी बिक्री पर आरोपी मोटा मुनाफा कमाते हैं। इस नेटवर्क से अन्य आरोपी भी जुड़े हैं। पुलिस अब इन्हें तलाश रही है। वहीं, आरोपियों ने मादक पदार्थ मंगाने वाले छात्रों को पुलिस ने कड़ी हिदायत दी है।
डीसीपी ने ग्राहक बनकर किया खुलासा, अन्य की तलाश तेज :
ग्रेटर नोएडा जोन के डीसीपी अभिषेक वर्मा गौतमबुद्घ नगर में तैनाती से पूर्व ही ऑनलाइन फैले नशे के मकड़जाल को तोड़ने के प्रयास में जुटे थे। डीसीपी किसी तरह आरोपियों के ऑनलाइन ग्रुप में शामिल हो गए।
उन्होंने भी मादक पदार्थ का ऑनलाइन आर्डर दिया और आरोपी जब डिलीवरी करने आए तो उन्हें दबोच लिया गया। फिर आरोपियों ने पूछताछ में पूरे नेटवर्क का खुलासा किया। इस रैकेट में बड़ी संख्या में अन्य आरोपी शामिल हैं। अब इनकी तलाश शुरू कर दी गई है।
डोप पाजी के नाम से बनाया ग्रुप, कोड वर्ड से डीलिंग :
आरोपियों ने टेलीग्राम पर डोप पाजी के नाम से ग्रुप बनाया था। सोनू ग्रुप का एडमिन था। इस ग्रुप में 200 से अधिक सदस्य जुड़े हुए थे। आरोपी इस ग्रुप पर कोड वर्ड के माध्यम से मादक पदार्थ की डीलिंग करते थे। आरोपी हेलो गॉड, कॉपरेट आदि कोड वर्ड का इस्तेमाल कर डीलिंग करते थे। आरोपी ग्रुप के अलावा सीक्रेट चैटिंग भी करते थें और पुराने ग्रुप मेंबर की पुष्टि के बाद ही नए सदस्य को जोड़ते थे।
डेढ़ साल से कर रहे तस्करी, हर माह दो सौ छात्रों को बिक्री की :
पुलिस के मुताबिक, पकड़े गए आरोपी पहले खुद नशे के शौकीन बने। इसके बाद आरोपियों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा। फिर खुद ही तस्करी करना शुरू कर दिया। आरोपी डेढ़ साल से तस्करी कर रहे थे और हर माह लगभग दो सौ छात्रों को मादक पदार्थ की बिक्री कर देते थे।
हिमाचल के कैफे से चलता है धंधा :
आरोपी अधिराज दिल्ली से 12 वीं करने के बाद कैट की तैयारी कर रहा था। उसने फीस के रुपये भी ड्रग्स के धंधे में लगा दिए थें। सोनू बीबीए करने के बाद हिमाचल में कैफे चला रहा है। आरोपी वहीं से नशे के अवैध धंधे का संचालन करता था। भानू फिलहाल नौकरी की तलाश में था और आरोपियों से जुड़ गया।
कॉलेजों को पत्र लिखेंगे :
डीसीपी ने बताया कि नशे के मकड़जाल को तोड़ने के लिए वह हर संभव प्रयास करेंगे। इस संबंध में वह नॉलेज पार्क के कॉलेज प्रबंधन को भी पत्र लिखेंगे। जिससे वह अपने छात्र-छात्राओं को जागरूक कर नशे से दूर रख सकें और इस तरह के किसी नेटवर्क की सूचना मिलने पर पुलिस को जानकारी दें।
सोर्स : इंटरनेट वेबसाइट।