दरअसल मृतका संध्या राजपूत नाम की महिला का अपने पति से तलाक हो चुका था। उसका उठना-बैठना गांव के ही एक शख्स विकास कुमार यादव के साथ था। दोनों पिछले 2 सालों से अवैध संबंधों में थे। तलाकशुदा महिला बार-बार अपना अकेलापन दूर करने के लिए युवक को अपने घर बुलाती थी।
इससे युवक परेशान हो गया था और उसने महिला को हमेशा के लिए अपने रास्ते से हटाने का खतरनाक इरादा कर लिया। पहले आरोपी ने महिला के सिर पर लकड़ी से जानलेवा वार किया और जब वो गिर गई, तो उसके गले को सब्जी काटने वाले चाकू से रेत डाला।
29 जुलाई 2022 को ग्राम भालूकोन्हा में संध्या राजपूत की लाश घर की छत पर मिली थी और आसपास खून के गहरे निशान थे। सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने घटना की जांच शुरू की। वो शुरुआत में इधर-उधर भटकती रही, जबकि आरोपी पड़ोस में ही छिपा हुआ था। इसके बाद पुलिस अधीक्षक जितेंद्र कुमार यादव ने कुछ दिन पहले ही अर्जुंदा थाना प्रभारी के रूप में शिशिर पांडे को नियुक्त किया था।
उन्होंने इस अंधे कत्ल की गुत्थी को सुलझाने के लिए विशेष टीम का भी गठन किया। आरोपी तक पहुंचने के लिए साइबर सेल की मदद ली गई। पुलिस और साइबर सेल की टीम ने दुर्ग, बालोद और थाना अर्जुंदा क्षेत्र के करीब 200 से अधिक सीसीटीवी कैमरों को खंगाला। आखिरकार पुलिस की मेहनत रंग लाई और आरोपी विकास यादव पकड़ा गया। इस सफलता के लिए लोगों ने थाना प्रभारी शिशिर पांडे को बधाई दी है।
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