बेखौफ माफिया :नदी की धार रोककर बना दिए रास्ते
एनजीटी की रोक के बावजूद हो रहा रेत का अवैध उत्खनन
सूरजपुर/खोपा:-सूरजपुर जिले के ग्राम पंचायत खोपा में बने अवैध घाट में रेत का अवैध कारोबार शासन स्तर( एनजीटी) की रोक के बावजूद थमने का नाम नहीं ले रहा है कार्रवाई के सख्त निर्देशों के बावजूद माफिया बेखौफ है और रात भर अवैध उत्खनन जारी है खास बात यह है कि रेत से भरे वाहन दिन में भी नगरीय सीमा से गुजर रहे हैं, वहीं अवैध रूप से भंडारित रेत को जप्त करने के लिए भी प्रशासन ने कोई रुचि नहीं दिखाई वर्तमान में एक दर्जन स्थानों पर माफियाओं ने जेसीबी लगा रखी है, जबकि खदानों में रात होते ही जेसीबी से रेत अंधाधुन उठाई जा रही है। सूरजपुर जिले में रेड नदी से लगी लगभग 30 किलोमीटर की रेतीली जमीन सोना उगलने का काम करती हैं रेत की बड़ी मात्रा में उपलब्धता होने के कारण अब तक जहां बड़े ठेकेदार एवं कंपनी यहां से उत्खनन का ठेका लेने आती थी और तारत्व में वर्तमान में रेत का ठेका लेने वाली कंपनी नियमों का ठेंगा दिखाकर खुलेआम उत्खनन कर रही है इस अवैध उत्खनन एवं भंडारण के साथ खुलेआम हो रहे परिवहन को रोकने की जहमत किसी ने नहीं उठाई ।शासन ने खदानों पर रोक लगाने नियमानुसार एक टास्क फोर्स का गठन जिला प्रशासन को करना होता है, अवैध उत्खनन रोकने में इसकी भूमिका प्रमुख रहती है, इसमें खनिज विभाग के अलावा राजस्व और पुलिस विभाग के अधिकारी शामिल रहते हैं। इसके अलावा कलेक्टर द्वारा प्राधिकृत अधिकारी को नियुक्त कर उसे एनजीटी की रोक के अनुसार बार-बार अवैध परिवहन करने वाले वाहन को राजसात करने का विशेष अधिकार दिया जाता है ।पर जिले में अभी तक ऐसा नहीं हुआ है कार्रवाई के नाम पर खनिज विभाग ने खनिज विकास निगम को एक औपचारिक पत्र भेजकर वर्षा काल में रोग की जानकारी दीजिए वर्तमान में शासन के आदेश के बाद भले ही अवैध उत्खनन नहीं रुक पा रहा पर मानसून आने की देरी का फायदा उठाकर माफिया द्वारा बड़े ट्रकों और ट्रैक्टर ट्रॉलीओं की संख्या अवश्य
बढ़ा दी है ,जो कि बगैर अनुमति के लग रहे रेत के भंडारों की संख्या बढ़ा रहे हैं ,वहीं अब तक जहां खोपा घाट से उत्खन हो रहा था ।
सूरजपुर जिले के यह सभी जगहों में चल रहा रेत का अवैध उत्खनन:-
सूरजपुर जिले के अंदर बहुत सारी वैध घाट एवं भंडारण के जगह है लेकिन उनके आड़ में रेत माफिया जो बिना लीज लिए काम कर रहे हैं। वह अवैध घाट इस प्रकार है भैयाथान तहसील के अंतगर्त आने वाले खोपा ग्राम घाट, ,प्रतापपुर तहसील के अंतगर्त आने वाले केवरा ग्राम एवम खंडगवा ग्राम के घाट अभी तक वैध न होने के बावजूद भी धड़ल्ले से चल रहे है।
भंडारण को भी देखने की जहमत नहीं उठाई:-
रेत ठेकेदार द्वारा नदी से लगे क्षेत्र से रेत उठाकर खेतों में डाल रहे हैं क्योंकि अभी तक बारिश नहीं हुई ऐसे में अधिकतर लोगों को ध्यान अवैध भंडारण करने का है पूर्व में चल चुकी अवैध रेत खदानों के पास हजारों घन मीटर रेत के ढेर लगे हुए हैं जिनकी फोटो और वीडियो भी खनिज विभाग को भेजी गई पर राजनीतिक रसूख के लोगों की हिस्सेदारी के कारण कोई भी अधिकारी अवैध भंडारण क्षेत्र में जाने की जहमत नहीं उठा रहा माफिया दिन-ब-दिन उसकी मात्रा बढ़ा रहे हैं क्योंकि बारिश शुरू होन के बाद जब नदी उफान भर होगी तो रेत के यही अवैध भंडार लोगों को महंगी रेत उपलब्ध कराएंगे।
बीना फिटनेस के चल रहे डंपर:-
रेत के अवैध कारोबार में सफेदपोश नेताओं का हाथ तो होता ही है लेकिन कुछ प्रशासनिक अधिकारी भी मिले होते हैं जिससे कि ट्रकों में ना तो फिटनेस चेक किया जाता है और ना ही परमिट जिससे रेत का अवैध उत्खनन करने वाले माफिया धड़ल्ले से नदी का सीना छलनी करने में कामयाब होते जा रहे हैं। बता दें कि इन दिनों जिले में जो ट्रक रेत सप्लाई करने में चलाए जा रहे हैं। उनमें से कोई डम्पर का फिटनेस तक नहीं है इसके अलावा भी ट्रकों की जो हालत है ,उन्हें देखकर यह लगता है कि कहीं ट्रक अभी ही ना पलट जाए लेकिन आरटीओ के द्वारा इन डंपर तथा ट्रैक्टरों का फिटनेस तक नहीं जाँचा जाता है जिससे माफियाओं के हौसले बुलंद रहते हैं।
कृषि के ट्रैक्टर में हो रहे सप्लाई:-
जब बात की जाती है कृषि की तो कृषि में उपयोग के लिए खरीदे जाने वाले ट्रैक्टरों में कुछ राशि की छूट होती है जिससे कि किसानों को कम दरों में ट्रैक्टर मिल सके लेकिन इन दिनों देखा जा रहा है कि अवैध उत्खनन करने वाले रेत माफियाओं के पास कृषि के नाम पर ट्रैक्टर खरीद कर रहे सप्लाई की जा रही है। इतना ही नहीं इन रेत माफियाओं द्वारा रेत के अलावा भी अन्य अवैध कार्य किए जाते हैं।
शासन को करोड़ों के राजस्व का हो रहा नुकसान:-
प्रदेश सरकार एक ओर रेत खदानों में अवैध खनन रोकने नियम अनुसार नीलामी के माध्यम से रेत खदानों का आवंटन कर रही है तो दूसरी ओर जिले के विभिन्न क्षेत्रो के ग्राम से दिन रात अवैध रूप से रेत खनन का कार्य किया जा रहा है जबकि नियमानुसार अभी तक इन खदानों की स्वीकृति नहीं हुई है, सूरजपुर क्षेत्र के खनन माफियाओं द्वारा जिले में प्रवेश कर अपनी राजनीतिक पकड़ का खूब फायदा उठा रहे हैं और दबंगई पूर्ण अवैध रूप से रेत की खुदाई करने पर उतारू हो गए हैं। इसके चलते शासन को करोड़ों के राजस्व का नुकसान हो रहा है साथ ही अफसरों की लापरवाही से शासन की छवि भी धूमिल होती जा रही है।
मामला शांत होते ही खनन फिर शुरू कर दिया जाता है:-
कुछ महीने पहले भी खोपा ग्राम में रेत माफियाओ द्वारा अवैध रेत खदान में रेत खनन चल रहा था, जिसे प्रशासन ने पहले रोक ग्रामीणों के आक्रोश को शांत करने के लिए खनन बंद करवा दिया गया था लेकिन उसके कुछ समय बाद प्रशासन की साठ गांठ से फिर से खनन चालू करदिया गया है लेकिन खनिज अधिकारी बेखौफ है ।
ओवरलोड वाहन से हादसों का खतरा:-
ग्राम के भीड़भाड़ वाले इलाके से रेत के भरे ओवरलोड ट्रैक्टर ट्राली तेज गति से निकलते हैं इस कारण हमेशा हादसों का डर बना रहता है, ट्राली में रेत इतनी अधिक भारी रहती है कि आगे से ट्रैक्टर उठता हुआ जाता है। जिसे देखकर लगता है कि वह कभी भी किसी बड़े हादसे का कारण बन सकता है ,लेकिन प्रशासन द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
10 जून से ही लग गई है रेत उत्खनन में रोक:-
सूरजपुर ज़िले में 34 रेत खदानें स्वीकृत हैं ,इनमें से 16 खदाने चल रहे हैं ।बारिश के सीज़न को देखते हुए ,यह खदानें भी बंद कर दी गई है, लेकिन एनजीटी के प्रस्ताव पर 10 जून को एक साथ पूरे जिले में रेत उत्खनन पर 4माह के लिए रोक लगा दी गई है अब नदी से उत्खनन नहीं हो सकता है। केवल अनुमति लेकर भंडारित की गई रेत को ही बेचा जा सकता है, लेकिन खोपा घाट में 10 जून के बाद भी अवैध उत्खनन जारी है और अवैध डंपिंग भी किया जा रहा हैं जिसकी वजह से ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है बारिश होने के बाद सड़क की दशा भी बदहाल हो जाती है।