CG कोरिया -"जिला के 3 बड़े अधिकारी एक साथ झुके" शिविर में 450 से ज्यादा बुजुर्ग, दिव्यांगजन, महिलाओं को दिया लाभ और मुलाकात कर कलेक्टर श्री कुलदीप शर्मा ने बताया कि..!!

CG कोरिया -"जिला के 3 बड़े अधिकारी एक साथ झुके" शिविर में 450 से ज्यादा बुजुर्ग, दिव्यांगजन, महिलाओं को दिया लाभ और मुलाकात कर कलेक्टर श्री कुलदीप शर्मा ने बताया कि..!!



कोरिया 08 अप्रैल 2022/जिला प्रशासन की विशेष पहल पर जिले में दिव्यांगजन सहायता शिविर और समाधान तुंहर दुआर शिविर का आयोजन किया गया है। इन शिविरों में वृद्धजनों, विधवा महिलाओं एवं दिव्यांगजनों द्वारा जीवन यापन में आर्थिक सहारे के रूप में मिले पेंशन के आवेदनों को प्राथमिकता में लेते हुए निरंतर प्रकरण स्वीकृत किये जा रहे हैं। जिससे उनके जीवन की ज़रूरतों को पूरा करने की राह आसान हो। इन शिविरों में प्राप्त आवेदनों में पेंशन प्रकरण से संबंधित लगभग 650 प्रकरण परीक्षण के बाद पात्र पाए गए। इनमें से 460 से ज्यादा पेंशन प्रकरण जनपद पंचायतों से स्वीकृत कर लिए गए हैं।
नेत्रहीन बच्चों के विद्यालय में भ्रमण के दौरान बच्चों से मुलाकात कर कलेक्टर श्री कुलदीप शर्मा के दिव्यांगजनों से जुड़ी विभिन्न आवश्यकताएं संज्ञान में आई जिससे कलेक्टर ने जिले में दिव्यांगजनों की सहायता के लिए शिविर शुरू करने के निर्देश दिए। बीते 25 मार्च से शुरू हुए शिविर में दिव्यांगजनों के आधार कार्ड, दिव्यांगता प्रमाण पत्र, यूडीआईडी और पेंशन के नवीन आवेदन की सुविधा एक ही जगह पर उपलब्ध कराई गई। इसी तरह जिले में राजस्व मामलों के निराकरण, लोकहित से जुड़ी मांगों और समस्याओं के समाधान के लिए चलाए जा रहे  समाधान तुंहर दुआर शिविर जिला प्रशासन की टीम द्वारा आमजनों के बीच पहुंचकर प्रकरणों का निराकरण किया गया। 



कलेक्टर हितग्राहियों से स्वयं बात कर ले रहे फीडबैक
बीते मंगलवार को हुई साप्ताहिक समय सीमा की बैठक में कलेक्टर ने पंचायतों से शिविर में मिले आवेदनों के संधारण के लिए तैयार पंजी मंगाकर अवलोकन किया और निराकरण की समीक्षा की। इस दौरान कलेक्टर श्री शर्मा ने हितग्राहियों को रैंडम कॉल किये और उनसे आवेदन के निराकरण और शिविर पर फीडबैक भी लिया। कलेक्टर ने बैठक में ही ग्राम पंचायत केशगवां के धर्मजीत सिंह और हितग्राही मंगलसाय से पेंशन प्रकरण के स्वीकृति पर कॉल पर बात की। कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश भी दिए हैं कि आवेदनों के निराकरण अथवा आवश्यक कार्यवाही और प्रक्रिया की जानकारी हितग्राही को ज़रूर दें जिससे उनमें आवेदन के निराकरण को लेकर किसी तरह का संशय ना रहे।
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