दो किशोरी बहनों की कहानी झकझोर देने वाली है, सोमवार की सुबह उनके शव रेलवे स्टेशन के पास रेलवे ट्रैक पर पड़े मिले और..!!

दो किशोरी बहनों की कहानी झकझोर देने वाली है, सोमवार की सुबह उनके शव रेलवे स्टेशन के पास रेलवे ट्रैक पर पड़े मिले और..!!



 औरैया, कंचौसी जोगी डेरा में रहने वाली दो किशोरी बहनों की कहानी झकझोर देने वाली है। सोमवार की सुबह उनके शव रेलवे स्टेशन के पास रेलवे ट्रैक पर पड़े मिले और जब उनकी दर्दनाक कहानी के बारे में पता चला तो लोगों की आंखों में भी आंसू आ गए। और 

दुनिया में सबसे बड़ी बीमारी "गरीबी है" किसी के पास करोड़ो रूपय है तो किसी के पास, इलाज कराने के लिए तक पैसा नहीं है.. 

कंचौसी बाजार जोगी डेरा की रहने वाली 17 वर्षीय सपना व 16 वर्षीय पूनम के पिता अशोक नाथ की मौत करीब तीन साल पहले हो गई थी। पिता की मौत के बाद घर पर अकेली मां नीलम बीमारी के चलते बच्चों का पालन पोषण करने में लाचार थी। मां की बीमारी देखकर दोनों बहनों ने काम करना शुरू कर दिया। दिन भर की कमाई से दोनों बहनें घर पर मां, 12 वर्षीय भाई गोपाल समेत दो छोटी बहनों का जीवनयापन करने लगीं। किसी तरह दोनों बहनें घर की जिम्मेदारियों का बोझ उठाती रहीं। इस बीच अचानक मां की बीमारी बढ़ गई और इलाज में भी खर्च होने लगा।

बताया गया है कि बीमार मां के इलाज के लिए पैसे न होने को लेकर दोनों बहनें परेशान रहती थीं। सोमवार की सुबह तकरीबन साढ़े नौ बजे कंचौसी रेलवे स्टेशन के पश्चिमी केबिन समीप ट्रैक पर दोनों बहनों के शव पड़े मिले। दोनों ने इटावा से कानपुर आ रही मालगाड़ी के सामने आकर जान दे दी थी। शरीर का आधा हिस्सा इंजन के बम्फर हाइट में फंसने से 27 मिनट तक मालगाड़ी को रोका गया। शरीर का हिस्सा निकालने के बाद मालगाड़ी रवाना की गई और ट्रैक पर रेल यातायात सामान्य हो सका। मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों शवों की शिनाख्त के बाद स्वजन को सूचना। जानकारी होने पर स्वजन पहुंचे तो कोहराम मच गया। वहीं मौके पर मौजूद लोगों ने दोनों बहनों की दर्दनाक दास्तां सुनी तो उनकी भी आंखे नम हो गईं। पुलिस ने कहा कि प्रथम दृष्टया में मामला खुदकुशी का है।

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