चुनावी ब्रेकिंग - बिहारी बाबू शत्रुघ्न सिन्हा जीते चुनाव, ममता बनर्जी ने दिया बधाई,,सिन्हा ने कहा मैं एक बाहरी व्यक्ति नहीं हूं..देखे कितने वोट से

चुनावी ब्रेकिंग - बिहारी बाबू शत्रुघ्न सिन्हा जीते चुनाव, ममता बनर्जी ने दिया बधाई,,सिन्हा ने कहा मैं एक बाहरी व्यक्ति नहीं हूं..देखे कितने वोट से

 


@पश्चिम बंगाल - अभिनेता से नेता बने सिन्हा ने तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर जीत दर्ज करने के साथ ही विपक्षी दल भाजपा द्वारा लगाए गए ''बाहरी'' के टैग को भी तोड़ दिया। तृणमूल कांग्रेस प्रत्याशी सिन्हा ने अपनी निकटम प्रतिद्वंद्वी भारतीय जनता पार्टी की अग्निमित्रा पॉल को 3,03,209 मतों के भारी अंतर से हराया। खास बात यह भी रही कि तृणमूल कांग्रेस ने इस सीट पर जीत का स्वाद पहली बार चखा है।

मैं एक बाहरी व्यक्ति नहीं हूं 
आसनसोल उपचुनाव में जीत से जहां सिन्हा का 2019 लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद आये राजनीतिक ठहराव से आगे बढ़ने का रास्ता साफ हो गया, वहीं, दूसरी तरफ यह जीत तृणमूल कांग्रेस को भी बंगाली उप-राष्ट्रवाद के तमगे से छूटकारा दिलाने में मददगार साबित हो सकती है जोकि खुद को राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने को प्रयासरत है। फिल्मों में अपनी दमदार डायलॉग अदायगी के चलते 'शॉटगन' के नाम से मशहूर अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा कांग्रेस में संक्षिप्त पारी खेलने के बाद तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए थे जबकि इससे पहले वह करीब चार दशक तक भारतीय जनता पार्टी से जुड़े रहे। सिन्हा ने संवाददाताओं से कहा, ''मैं किसी भी अन्य बंगाली, जितना ही बंगाली हूं। मैं एक बाहरी व्यक्ति नहीं हूं।
मैं लोगों के विकास के लिए काम करूंगा 
मैंने हमेशा बंगाली भाषा और संस्कृति का सम्मान किया हैं। आज का नतीजा, इसका प्रमाण है। मैं लोगों के विकास के लिए काम करूंगा।'' वर्ष 1946 में बिहार के पटना में जन्म लेने वाले सिन्हा 80 के दशक से ही भाजपा से जुड़े रहे थे और वाजपेयी-आडवाणी के जमाने में पार्टी से स्टार प्रचारक हुआ करते थे। अपनी चुनावी पारी की शुरुआत में सिन्हा को 1992 में नयी दिल्ली लोकसभा सीट के उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार एवं अभिनेता राजेश खन्ना के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। इसके बावजूद, अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी जैसे नेताओं से करीबी के चलते सिन्हा की भाजपा में पकड़ बनी रही। वह 12 साल के लिए राज्यसभा जबकि 10 साल के लिए लोकसभा के सदस्य रहे।
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