@दुर्ग
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर ११ मार्च,शुक्रवार को एनएसएस बीआईटी दुर्ग द्वारा विशेष कार्यक्रम "सेलिब्रेटिंग वोमन" का आयोजन किया गया और यह "स्थायी कल के लिए आज लैंगिक समानता" के विषय पर आधारित था।
इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि के रूप में दुर्ग ज़िले की एडिशनल कलेक्टर श्रीमति पद्मिनी भोई साहू उपस्थित रहीं।
इस कार्यक्रम का विषय स्त्री पुरुष समानता को बढ़ावा देना था। एनएसएस बीआईटी दुर्ग की प्रोग्राम अधिकारी डॉ. शबाना नाज़ सिद्धकी ने श्रीमति पद्मिनी भोई का स्वागत करते हुए कार्यक्रम का आरंभ किया।इसके पश्चात लाइव इंटरव्यू का कार्यक्रम किया गया, जिसमे स्वयंसेविका प्रीति गबेल एवं शालिनी श्रीवास ने पद्मिनी जी के साथ इंटरव्यू किया, जिसमे उन्होंने ने अपनी जिंदगी से जुड़े महिला सशक्तिकरण कुछ किस्से एवं अपने विचार सभी के साथ साझा किए। साथ ही उन्होंने "सखी सेंटर" के बारे मे तथा कैसे सरकार की योजनाओं से महिलाओं का उद्धार हो रहा है।इसके पश्चात एनएसएस बीआईटी दुर्ग की कार्यक्रम अधिकारी डॉ शबाना नाज़ सिद्दीकी द्वारा पद्मिनी जी को उपहार स्मृति चिन्ह प्रस्तुत किया गया।
महिला सशक्तिकरण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए तत्कालीन भाषण प्रतियोगिता आयोजित किया गया था। प्रतियोगिता में निर्णायक के रूप में कंप्यूटर साइंस विभाग की एचओडी, श्रीमति सुनीता सोनी एवं इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग की एचओडी श्रीमति सुरेखा भुसनुर मौजूद रहे। सभी प्रतियोगियों द्वारा पर्चे निकाले गये, और उसमें मौजूद विषय पर 1 मिनट के अंतराल में अपने विचार निर्णयकगण, मुख्य अतिथि एवं दर्शकों के सामने रखे गये। विषय के प्रवाह की प्रासंगिकता के आधार पर एल साईं कुमार(इलेक्ट्रॉनिक्स एंड टेलीकम्यूनिकेशन, छठवाँ सेमेस्टर) ने प्रथम स्थान, कृतिका उपाध्याय(सिविल, छठवाँ सेमेस्टर) ने द्वितीय एवं तीसरे स्थान पर अरीन सिंह(सिविल, चौथा सेमेस्टर) ने अपनी जीत दर्ज की।
इसके पश्चात एनएसएस के स्वयं सेवको द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुति दी गई, जिसके अंतर्गत कार्यक्रम के विषय पर गीत प्रस्तुत किया गया।
कार्यक्रम के आखिर में एनएसएस बीआईटी दुर्ग के स्वयंसेवकों ने नाटकीय प्रस्तुति के द्वारा लैंगिक समानता पर एक जागरूक संदेश दिया। इसमें महिलाओ की सशक्तिकरण और उन्हें आगे पढ़ने और बढ़ने की बड़ी सोच की प्रस्तुति दी गई।
यह कार्यक्रम एनएसएस बीआईटी दुर्ग के कार्यक्रम अधिकारी डॉ शबाना नाज़ सिद्दीकी के निर्देशन में तथा डॉ अरुण अरोरा(डायरेक्टर, बीआईटी दुर्ग) एवं डॉ एम के गुप्ता(प्राचार्य, बीआईटी दुर्ग) की सहयोग से आयोजित किया गया।
स्वयं सेवक अविनाश, कृष्णकांत, नमन, हिमांशु , आशी, श्रेया, अंशिता सहित अन्य सेवकों ने इस कार्यक्रम के आयोजन में महत्वपूर्ण योगदान दिया।