@दुर्ग
शहर और गांव की दूरियों को पाटने हेतु एनएसएस बीआईटी दुर्ग का सात दिवसीय विशेष शिविर डाॅ. शबाना नाज़ सिद्दीकी(कार्यक्रम अधिकारी बीआईटी, दुर्ग) एवम् श्री अभिजीत लाल, (कार्यक्रम अधिकारी, बीआईटी, दुर्ग) कि देख देख में आयोजित किया गया था | इस शिविर में सभी स्वयंसेवकों ने आगे आकर गाँव के विकास हेतु कार्य किया|
एनएसएस बीआईटी दुर्ग के इस विशेष शिविर का प्रारंभ दिनांक २२ फ़रवरी 2022 को ग्राम भानपुरी के लिए रवाना होने से हुआ। शिविर का उद्घाटन भानपुरी गाँव के सरपंच, श्री राजू लाल देशमुख जी द्वारा किया गया|
इस शिविर की हर सुबह की शुरुवात जागरुकता अभियान के तहत रैलीयाँ एवं प्रभात फेरी निकाल कर जाती थी। जिनमे ग्राम वासियों को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, नशा मुक्ति इत्यादि विषयों के प्रति सजग किया जाता था।
स्वयंसेवको द्वारा गाँव मे विभिन्न परियोजना कार्य किये गए, जिसके अंतर्गत सबसे पहले गाँव को स्वच्छ एवं प्लास्टिक मुक्त बनाने का प्रयास किया गया। गाँव की शासकीय शाला में क्यारियों का निर्माण कर, स्वयंसेवको द्वारा वृक्षारोपण का कार्य भी किया गया। इसके अलावा वहाँ के शौचालय की दीवारों का पुनर्निर्माण किया गया और साथ ही साथ गाँव की सुंदरता बढ़ते हुए, सामुदायिक भवन एवं स्कूल की दीवारों पर चित्रकारिता कर, उन्हें रंगा गया|
गाँव के स्कूली बच्चो को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न प्रत्योगिताओ का आयोजन भी किया गया , जैसे पोस्टर ,नारा लेखन , निबंध लेखन, और साथ ही साथ फिट इंडिया को बढ़ावा देते हुए ,छोटे बच्चो के लिए खेल कूद की प्रतियोगिताएं भी कराई गई। स्वयंसेवको द्वारा गाँव की शाला के विद्यार्थियों को कंप्यूटर शिक्षण भी प्रदान किया गया। बीआईटी दुर्ग के विभिन्न प्राध्यापकों ने भी इस शिविर का हिस्सा बन शाला के बच्चों को कॉपी, कलम व अन्य शिक्षा सम्बंधित चीज़े प्रदान की। स्वयंसेविकाओं द्वारा महिलाओं की व्यक्तिगत स्वच्छता एवं स्वास्थ्य के विषय पर भी जागरूकता फैलाई गई। गाँव की महिलाओं के लिए रंगोली प्रतियोगिता व स्वछ आवस प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया जिसके अंतर्गत शौचालय के उपयोग, पानी को छान व उबाल कर ग्रहण करने जैसे स्वच्छता व स्वास्थ्य संबंधित विषयों को बढ़ावा दिया गया।
साथ ही साथ उच्चतर माध्यमिक शाला में शिक्षा ग्रहण कर रहे विद्यार्थियों को स्वयंसेवकों द्वारा कैरियर कॉउंसलिंग भी प्रदान की गई जिससे वे अपने भविष्य का सुनिर्माण कर सके।
प्रतिदिन गाँव मे घर घर जाकर स्वयंसेवको ने सर्वेक्षण का कार्य भी किया, जिसमें गाँव में कोरोना तथा उसके टीकाकरण, कन्याओं की शिक्षा एवं मतदान संबंधित जानकारी संकिलित की गई।
बच्चों में बौद्धिक विकास हेतु प्रतिदिन बौद्धिक परिचर्चा का भी आयोजन किया जाता था, जिनमे श्री प्रभात कुमार(सीनियर फैकल्टी, आर्ट ऑफ लिविंग), डॉ आभा शशि कुमार (डी अडिक्शन काउंसेलर, सीआईआईएमएचएऐनऐस) तथा श्री हरमन दुलाई(नव दृष्टि फाउंडेशन) जैसे विभिन्न वक्ताओं ने अपनी उपस्तिथि दे कर, व्यक्तितव निर्माण, मानसिक स्वास्थ्य एवं अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की।
संध्या होते ही स्वयंसेवको द्वारा गाँव के बच्चों को नाईट ट्यूशन भी प्रदान किया जाता था ।
गांव के लोगों में उत्साह बढ़ाने और अंतरिक्ष के तारों को समझाने लिए के लिए बीआईटी दुर्ग के एस्ट्रो क्लब द्वारा तारामंडल का प्रदर्शन भी किया गया |
इस सात दिवसीय शिविर के अंत में गाँव के बच्चों में प्रतिभा को बढ़ावा देने हेतु एनएसएस बीआईटी दुर्ग द्वारा सांस्कृतिक दिवस का आयोजन किया गया। इस दिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में स्वयंसेवकों के साथ साथ गाँव की शाला के बच्चों ने भी बढ़चढ़ कर भाग लिया। उनका उत्साहवर्धन करने हेतु उनके बेहतरीन प्रदर्शन के लिए उन्हें पुरस्कार भी दिए गए। एनएसएस स्वयंसेवकों ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया और छत्तीसगढ़ और भारत की संस्कृति और परंपराओं को बढ़ावा देते हुए राउत नाचा, लोक नृत्य, नुक्कड़ नाटक, बेटी बचाओ पर एक सूचनात्मक नाट्य के साथ साथ विभिन्न अन्य प्रस्तुतियां दी। संस्कृत कार्यक्रमों के पश्चात शिविर में आयोजित किये गए सभी प्रतियोगिताओं के पुरस्कार वितरित किये गए।
इस विशेष शिविर का समापन 28 फरवरी 2022 को हुआ जिसके समारोह मे एनएसएस बीआईटी दुर्ग द्वारा समस्त ग्राम वासियों को उनके सहयोग एवं स्नेह के लिए आभार व्यक्त किया गया।
शिविर के सफल आयोजन में योगदान दिया श्री अके निर्देशन में डाॅ. अरुण अरोरा(संचालक बीआईटी, दुर्ग), डाॅ. एम के गुप्ता(प्रचार्य बीआईटी, दुर्ग) एवं श्री राजू लाल देशमुख जी (सरपंच, भानपुरी) के सहयोग से राष्ट्रीय सेवा योजना बीआईटी दुर्ग द्वारा सफलतापूर्वक आयोजित किया गया है।