अंबिकापुर। सरगुजा पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। 9 माह पुराने अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझ गई है। आरोपियों द्वारा मृतक की पहचान छुपाने सिर, घड और पैर काटकर अलग कर दिया गया था। सैकड़ो सीसीटीव्ही फुटेज एवं गुम इंसान खंगाले गये। वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में सफलता मिली। गर्दन पाठ मंदिर के तालाब के बांध में मछली बहने से रोकने के लिये जाली बांधने ग्रामीण गए था। तालाब से निकलकर बहने वाले नाले में झाड़ियों के नीचे दो जूट के बोरे में कोई समान भरा होना एवं अत्यधिक तीव्र सडनयुक्त गंध आना की जानकारी दिया गया। सूचना कोतवाली पुलिस को दिया गया।
कोतवाली पुलिस द्वारा ग्रामीणों की सहायता से दोनों जूट के चोरों को निकलवाकर खोलकर देखा गया। जिसमें एक अज्ञात पुरुष का शव पाया गया। सरगुजा पुलिस द्वारा तत्काल त्यरित कार्यवाही करते हुए घटना स्थल पर फॉरेंसिक एक्पर्ट की सहायता से शव का निरीक्षण किया गया। बोरे से शव को निकालकर देखने पर यह ज्ञात हुआ कि बोरे में धड, दोनों हाथ, दोनों जांध के टुकड़े पड़े हुए हैं तथा घुटने से नीचे दोनों पैर व गर्दन के उपर सिर गायब है। शव की पहचान योग्य कोई भी वस्तु या साक्ष्य आस पास मौजूद होना नहीं पाया गया। वरिष्ठ अधिकारियों को इस संबंध में सूचना दिया गया।
कई टुकड़ों शव के मिलने से आस पास के क्षेत्र में भय व असुरक्षा का महौल व्यप्त हो गया था। अज्ञात मृतक की शिनाख्तगी एवं अज्ञात आरोपी की पता तलाश हेतु सरगुजा रेंज पुलिस महानिरीक्षक अजय यादव, सरगुजा पुलिस अधीक्षक अमित तुकाराम कांबले द्वारा अपने मार्ग दर्शन में अति. पुलिस अधीक्षक विवेक शुक्ला के निर्देशन में अनुविभागीय अधिकारी अखिलेश कौशिक के नेतृत्व में एक टीम गठीत किया गया। जिस पर टीम द्वारा अज्ञात शव की शिनाख्त हेतु आस पास के क्षेत्रों में पता तलास किया गया कई दिन तक पता तलास करने के बावजूद जब शव का शिनाख्त नहीं हो पाया।
तब आस पास के जिलों तथा सरहदी राज्यों के जिलों में भी कई दिनों तक पता तलास किया गया साथ ही साथ सरगुजा पुलिस द्वारा करीब 100 सीसीटीवी फूटेज व तकनिकी पहलुओं की भी बारीकी से निरीक्षण किया जा रहा । डाक्टरों और एक्सपर्ट की राय की हिसाब से शव का 20 से 25 दिन पुराना होना पाया गया। मामले के हर पहलु को बारीकी से जांच के दौरान तथा अज्ञात शव के शिनाख्ती के प्रयास के दौरान सरगुजा जिले के साथ-साथ अन्य दीगर जिलों के कई गुम इंसान दस्तयाब हुए।
परन्तु अभी भी उक्त शव के शिनाख्त की कार्यवाही नहीं हो से पुनः सरगुजा पुलिस के द्वारा अज्ञात शव की शिनाख्ती व अज्ञात आरोपी के संबंध में सूचना देने हेतु पुलिस अधीक्षक द्वारा एक पोस्टर जारी किया गया जिसे गठित टीम द्वारा शहर के प्रमुख स्थानों, संभाग के सभी जिलों व दीगर राज्य जाने वाले बस, टैक्सी बाजार हॉट, रेल्वे स्टेशन व सरहदी इलाकों के महत्वपूर्ण चौक चौराहों पर पोस्टर चस्पा कर उक्त शव की शिनाख्ती हेतु आम जन से अपील किया गया साथ ही सोशल मिडिया के द्वारा भी अज्ञात शव की पता तलास हेतु अभियान चलाया गया। इसी दौरान विशेष टीम को यह पता चला कि जनपद पारा अम्बिकापुर का रहने वाला व्यक्ति राजेश जायसवाल पिछले 3-4 महिनों से गायब है तथा उसके संबंध में कोई गुमशुदगी रिपोर्ट भी दर्ज नहीं है उक्त संबंध में राजेश जायसवाल की बहन ललीता जायसवाल पति देवकांत दुबे उम्र 35 वर्ष निवासी चांदनी चौक अम्बिकापुर नामक युवती से पुछताछ किया गया जिसके बाद ललीता जायसवाल द्वारा कोतवाली पहुंचकर इस संबंध में रिपोर्ट दर्ज कराया गया कि उसका भाई राजेश जायसवाल पिता मनकु जायसवाल उम्र 32 वर्ष निवासी नवाडीह थाना चांदो हा० मु० जनपदपारा अम्बिकापुर विगत 3-4 महीनों से गायब है तथा उसका पता तलास करने पर भी उसके बारे में कोई पता नहीं चल पा रहा है तब अजात शव के पता तलास में लगे टीम को भी उक संबंध में जानकारी मिली।
।मामला संदेहास्पद होने पर वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में ललीता जायसवाल से गुम इंसान के बारे में विस्तृत जानकारी लिया गया जिसमें यह ज्ञात हुआ कि गुम इंसान राजेश जायसवाल के पैर के पंजे असमान्य रूप से थे जिससे कि राजेश जायसवाल के नाप के जुते चप्पल न मिलने से राजेश के द्वारा मोची से चप्पल बनवाकर पहना जाता था तथा प्रार्थिया ललीता जायसवाल द्वारा बार-बार यह कहने पर कि अगर यह शव का पैर देख ले तो वह अपने भाई को पहचान सकती है लेकिन सरगुजा पुलिस के सामने अज्ञात शव के बाकी टुकड़ों को भी खोजना चुनौती का कारण बना हुआ था।
उक्त गुम इंसान के संबंध में सभी पहलुओं पर जांच करने के पश्चात पुलिस को यह पता चला कि राजेश जायसवाल एक ऑटो चालक था तथा इसकी शादी सुनिता जायसवाल नाम महिला से वर्ष 2007 में हुई थी। सुनिता जायसवाल के बारे में हर तथ्य के जांच उपरांत यह पता चला कि दोनों पति पत्नी के बीच में अक्सर अनबन व विवाद होता रहता था। इस जानकारी को अधार बनाकर पुलिस ने अपनी जांच को आगे बढ़ाया तथा तकनिकी साक्ष्यों के आधार पर सरगुजा पुलिस को यह शंका हुआ कि उक्त अज्ञात शव राजेश जायसवाल का हो सकता है।
लेकिन इस शंका को और पुख्ता करने के लिये वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में उक्त शव तथा राजेश जायसवाल के बेटी का डीएनए सैम्पल लेकर जांच हेतु एफएसएल रायपुर भेजा गया। डीएनए रिपोर्ट आने तक संदेही सुनीता जायसवाल तथा बैजनाथ जायसवाल पर निगरानी रखा गया था। इसी बीच डीएनए रिपोर्ट आने पर सरगुजा पुलिस के हाथ शव के शिनाख्त में पहली सफलता प्राप्त हुई य यह ज्ञात हुआ कि उक्त अज्ञात शव राजेश जायसवाल पिता मनकू जायसवाल का हैं। डीएनए रिपोर्ट प्राप्त होने पर पुन वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में संदेही बैजनाथ जायसवाल एवं सुनीता जायसवाल से पूछताछ किया गया। पूछताछ के दौरान संदेहीयों द्वारा यह बताया गया कि सुनीता एवं बैजनाथ के बीच में लगभग एक वर्ष से अवैध संबंध था जिसकी शंका मृतक राजेश जायसवाल को हो गयी थी।
जिसको लेकर राजेश जायसवाल तथा उसकी पत्नी सुनीता के बीच विवाद होता था कि दिनांक 31-05-2021 की शाम राजेश तथा सुनीता के बीच राजेश के जनपदपारा स्थित किराये के मकान में ही विवाद हो रहा था उसी दौरान बैजनाथ जायसवाल भी राजेश के घर पंहुचा तथा बैजनाथ के द्वारा राजेश के सर पर लोहे के रॉड से वार कर घटना कारित किया गया जिसमें राजेश जायसवाल की मृत्यु हो गयी। घटना के बाद शव को ठिकाने लगाने के उद्देश्य से राजेश की पत्नी सुनीता तथा वैजनाथ द्वारा चाकू व टांगी का प्रयोग कर उसके शव के टुकड़े किये गयेजिसमें गर्दन, हाथ, पैर, जांघ को काटकर अलग अलग प्लास्टिक तथा बोरियों में भरकर धड़, जांघ तथा हाथ को गर्दन पाट में स्कूटी से ले जाकर फेका गया तथा सर तथा उसके पैर से राजेश की पहचान हो जाएगी यह सोचकर उसे शव के साथ न फेक कर सर को शंकरघाट नदी में तथा घुटने से नीचे पैर को बौरीबांध तालाब में फेंक दिया गया। आरोपी वैजनाथ तथा सुनीता के निशांदेही पर पुलिस के द्वारा बौरीबांध तालाब से मृतक राजेश के घुटने के नीचे के दोनो पैर प्लास्टिक तथा बोरी में बंधा हुआ बरामद किया गया।
।पुलिस द्वारा मृतक के सर का तलाश शंकरघाट स्थित नदी में किया जा रहा हैं जो अभी तक बरामद नहीं हो पाया है। थाना कोतवाली के अपराध क्रमांक 547/2021 धारा 302,201,120 बी, के तहत आरोपिया सुनिता जायसवाल पति स्व. राजेश जायसवाल उम्र 28 वर्ष निवासी जशपुर हाल मुकाम जनपद पारा अम्बिकापुर तथा बैजनाथ जायसवाल पिता रामचन्द्र जायसवाल निवासी पुरानी टोली जशपुर हाल मुकाम मिशन चौक अम्बिकापुर को गिरफतार कर न्यायिक रिमाण्ड पर भेजा गया है।