@खैरागढ़
वन मंत्री की एरिया से तेंदुआ खाल की तस्करी करने वाला एक अंतरराज्यीय गिरोह साल्हेवारा पुलिस के हत्थे चढ़ा है। पुलिस ने तस्करी करने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को पकडऩे में सफलता हासिल की है। जबकि दो आरोपी अंधेरे का फायदा उठाकर फरार होने में कामयाब रहे।
तस्करी के तार को दुर्ग-भिलाई व मध्यप्रदेश से जोडक़र देखा जा रहा है। क्योंकि दो तस्कर दुर्ग-भिलाई एरिया व एक तस्कर मध्यप्रदेश के बालाघाट जिला के रहने वाले बताए जा रहे हैं। तस्करों के पास से पुलिस ने तेंदुआ की एक खाल भी बरामद की है, जिसकी कीमत लगभग 4 लाख रुपये बतायी जा रही है।
इधर पुलिस व वन विभाग तेंदुए की खाल को तस्कर कहां से कहा ले जा रहे थे, यह पता करने में जुटी हुई है। क्योंकि इसके बाद ही पूरे मामले पर से पर्दा उठेगा। वही तस्करों के एक बड़े गिरोह का भी खुलासा होने की संभावना है।
संदिग्ध लोगों के ट्रेवल करने की मिली थी सूचना
नर्मदा-साल्हेवारा मुख्य मार्ग पर मोहगांव की ओर से एक कार में संदिग्ध व्यक्ति सवार होने और संदिग्ध वस्तु लेकर साल्हेवारा की आरे आने की पुलिस को सूचना मिली थी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर तत्काल नाकाबंदी शुरू कर दी। इस दौरान मोहगांव की ओर से आ रही स्विफ्ट कार क्रमांक सीजी 04 डीके 5700 को रोककर चेक किया गया। वही तस्करी का भांडा फूट गया।
कार की डिक्की में छुपा कर रखे थे खाल
पुलिस ने कार रोकने के बाद जांच की कार्रवाई शुरू कर दी। उन्होंने एक-एक कर पूरी कार की तलाशी ली। इस दौरान कार की डिक्की खोल कर चेक किया गया। डिक्की में प्लास्टिक बोरी के अंदर एक गुलाबी रंग की झिल्ली में संरक्षित वन्य प्राणी जीव तेंदुआ का खाल रखा हुआ था। वही खाल से गंध आ रही थी।
रात के अंधेरे में भाग गए दो तस्कर
तस्करी के दौरान कार में पांच तस्कर सवार थे। इस दौरान दो तस्कर पुलिस द्वारा कार रोकते ही मध्यप्रदेश के बालाघाट के साल्हेटेकरी निवासी तेजलाल ध्रुवे और बैहर के गणेश भाग खड़े हुए। जबकि भिलाई के सुपेला निवासी 58 वर्षीय रामअवतार गुप्ता, दुर्ग चीचा के बिरेन्द्र वर्मा और बालाघाट के रघोली निवासी रूकदेव परते को पुलिस ने गिरफतार किया है। वही कार की डिक्की से संरक्षित वन्य प्राणी जीव तेंदुआ का खाल और तस्करी में प्रयुक्त वाल को कब्जे में ले लिया। यह प्रकरण वन विभाग से संबंधित होने के चलते उन्हें हेंडओवर कर दिया गया है।
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