@छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना में एक लाख वेतन और आजीवन पेंशन लेने वाले पूर्व या वर्तमान मंत्री सांसद विधायक से भूमिहीन सरपंचो का तुलना करके भूमिहीन सरपंचो को न्याय योजना से वंचित करना अन्याय पूर्ण योजना है आरक्षण के कारण गांव वाले मजबूर होकर भूमिहीन कृषि मजदूर को सरपँच बनाया जाता है मुद्दा ये है भूमि है उनको केंद्र सरकार 6000 हजार प्रति वर्ष प्रति परिवार को दे रहे है और जो भूमिहीन है उनको 6000 हजार प्रतिवर्ष प्रति परिवार को छत्तीसगढ़ राज्य वर्तमान सरकार देना चाहते है पर मेरे पत्नी श्री मति गायत्री बाई साहू सरपँच बना था इसलिए राज्य सरकार अपने योजना से वंचित कर रहा है ना तो ससुर के पास भूमि है ना पति के पास भूमि है और ऐसे छत्तीसगढ़ में कई भूमिहीन सरपँच न्याय योजना से वंचित हो रहे है उक्त मुद्दा को उठाकर भूमिहीन सरपंचो को लाभ मिलना चाहिए।
केंद्र सरकार के द्वारा भूमि युक्त परिवार को समान राशि दिया जा रहा है। लेकिन छत्तीसगढ़ द्वारा भूमिहीन राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना जिसमें नियम और शर्त 7.9 में एक ऐसा नियम बनाया गया है जो नया योजना में सार्थक नहीं है।
देखिए वे कौन से नियम है
भूमिहीन सरपंच न्याय पाने के लिए छत्तीसगढ़ के मुखिया भूपेश बघेल को जन चौपाल के माध्यम से अपनी बात रखा। उन पर उनके आवेदन का जांच के लिए डोंगरगढ़ कलेक्ट्रेट भेजा गया और जांच करके फिर उनके सवाल में बिना परिवर्तन किए फिर उनके हाथ थमा दिए।