@बलरामपुर//कमल साहू।।
बलरामपुर जिले में प्राथमिक शाला पचफेड़ी पारा "बसेरा कला" में शिक्षक नदारद मिले। जिले में शिक्षा गुणवत्ता काफी दयनीय देखने को मिल रहा है। शिक्षक विद्यालय समय में उपस्थित नहीं रहते हैं। विद्यालय समय काफी व्यतीत हो जाने के बाद शिक्षक लगभग 2 बजे विद्यालय आते हैं। ऐसे में छत्तीसगढ़ शासन ने शिक्षा हेतु शिक्षकों को स्कूलों में नियुक्त किया है। नियुक्त शिक्षक स्कूलों में स्कूल समय में उपस्थित नहीं रहते हैं तो सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है की शिक्षा व्यवस्था क्या होगी और बच्चे क्या पढ़ेंगे क्या लिखेंगे। यह शिक्षा व्यवस्था सिर्फ भगवान भरोसे चल रहा है इसमें शासन प्रशासन को विशेष ध्यान देना चाहिए कि आज के बच्चे कल के भावी नागरिक होंगे। बच्चों को उचित शिक्षा दीक्षा अगर नहीं दी जाएगी तो हमारे कल के भावी नागरिक कैसे बनेंगे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। शिक्षक का व्यवसाय शिक्षा देना होता है उनको शिक्षा स्कूल समय में अर्थात विद्यालय समय में अपने विद्यालय में देना होता है परंतु यह शिक्षक कौन से स्थान में शिक्षा देते हैं जब इनको शासन ने शिक्षा के लिए स्कूलों में पदस्थ किया है और बकायदा इन शिक्षकों की पगार दिया जाता है तो यह शिक्षक और कौन सा पगार के चक्कर में पड़े रहते हैं, जो कि विद्यालय में उपस्थित नहीं रहते हैं जब शिक्षक विद्यालय में ही उपस्थित नहीं रहते हैं तो क्या वे शिक्षा देंगे, घर से शिक्षा कैसे देते होंगे, शिक्षक स्कूल में बैठे हुए छात्रों को अर्थात छत्तीसगढ़ राज्य में स्थित जिला बलरामपुर का यह स्कूल बहुत ही दयनीय स्थिति देखने को मिला है बहरहाल अब देखना यह है कि इस स्कूल की शिक्षकों की कार्यप्रणाली में क्या अंतर आता है क्या शासन-प्रशासन इन शिक्षकों की कार्यप्रणाली में परिवर्तन दिखाएगी। अन्यथा ज्यों का त्यों बना रहेगा।