ईसाई धर्म को मानने वाले युवक नें रोते हुए लगाया श्रीराम का नारा... कहा दबाव में आकर मानना पड़ता था ईसाई धर्म...I

ईसाई धर्म को मानने वाले युवक नें रोते हुए लगाया श्रीराम का नारा... कहा दबाव में आकर मानना पड़ता था ईसाई धर्म...I

भारतीय जनता पार्टी पिछले कई महीनों से दावा कर रही है कि प्रदेश में लोगों का धर्म बदला जा रहा है। कांग्रेस ने ऐसी किसी भी बात से हमेशा इनकार किया है। इस बीच शनिवार को राजधानी रायपुर में एक युवक जो कुछ साल पहले ईसाई बन चुका था उसने वापस हिंदू धर्म अपनाया है। BJP नेता सच्चिदानंद उपासने और पार्षद अमर बंसल ने खासतौर पर घर वापसी का कार्यक्रम आयोजित किया। बाकायदा युवक को गुलदस्ता देकर उसका स्वागत किया गया, पार्षद ने उसके पैरों को धोकर गोद में उठा लिया। इधर, वापस हिंदू धर्म अपनाने वाले युवक ने धर्मांतरण को लेकर चौंकाने वाला दावा कि

युवक का नाम मुकेश साहू है। लाखे नगर के रहने वाले मुकेश साहू ने 3 साल पहले दबाव में आकर ईसाई धर्म अपना लिया था। वो कार्यक्रम के दौरान जय श्रीराम का नारा लगाते हुए रो पड़ा। मुकेश ने बताया कि दबाव में आकर हिंदू धर्म छोड़ा था। कार्यक्रम के दौरान BJP नेता सच्चिदानंद उपासने ने कहा कि लोगों को सेवा, शिक्षा और प्रार्थना के नाम पर बरगलाकर जबरन उनका धर्म बदला जा रहा है। इसका खुलासा मुकेश के मामले से हो चुका है। जिस तरह से मुकेश जैसे युवक ने सामने आकर इस बात को स्वीकारते हुए घर वापसी की है, यह प्रदेश की उस व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा करता है जो हमेशा यह दावा करती है कि छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण नहीं हो रहा। हम ऐसी घटनाओं को बर्दाश्त नहीं करेंगे।

उसने बताया कि 3 साल पहले बहन की तबीयत कुछ ज्यादा खराब रहने लगी थी। इस बात से परिवार परेशान था तो किसी ने कह दिया कि तेलीबांधा स्थित एक प्रार्थना स्थल पर जाकर प्रार्थना करने से बहन की बीमारी ठीक हो सकती है।

बातों में आकर मुकेश अपनी बहन को लेकर वहां पहुंचे। वहां मौजूद ईसाई धर्म से जुड़े लोगों ने प्रार्थनाएं करवाई और मुकेश को बार-बार यह कहते रहे कि लगातार प्रार्थना करने से ही बहन की तबीयत ठीक हो सकती है। इसके बाद मुकेश का परिवार हर रविवार तेलीबांधा इलाके में स्थित प्रार्थना स्थल पर जाने लगे। कुछ दिन बाद धर्म से जुड़े लोगों ने मुकेश से कहा कि वह अपने घर में रखे देवी-देवताओं की पूजा करना बंद कर दें, ऐसा न करने से प्रभु नाराज हो जाते हैं और कृपा नहीं आती। मुकेश पर देवी देवताओं की तस्वीरों का विसर्जन करने का दबाव बनाया गया। कुछ दिनों बाद कुछ लोग मुकेश के घर आए। उसे एक धार्मिक ग्रंथ दिया गया, प्रेयर की गई और पवित्र जल का छिड़काव किया गया। मुकेश से कह दिया गया कि अब आगे की जिंदगी वो वही ग्रंथ करे और कभी भी हिंदू देवों का ख्याल अपने मन में न लाए।

मुकेश ने यह भी बताया कि प्रार्थना सभा में क्या होता है। उसने दावा किया कि वहां मौजूद लोग हमेशा इस बात को कहते थे कि यदि वह प्रभु में अपना पूरा मन लगाते हैं, पूरी आस्था रखते हैं तो उनकी आर्थिक स्थिति भी बेहतर होगी। परिवार के लोगों की बीमारियां भी दूर हो जाएंगी। शिक्षा और व्यवसाय में बरकत हासिल होगी। इस तरह की बातों से ब्रेनवॉश किया जाता था। मुकेश जैसे कई लोग इसी तरह की बातों में आकर उसे मानने भी लगते थे। उसने बताया कि पूरी शिद्दत से हर रविवार को अपने परिवार और जाने वाले कई दोस्तों के साथ प्रार्थना स्थल जाकर प्रभु के लिए प्रेयर किया करते थे। मुकेश ने रुपयों का लालच दिए जाने जैसी बात से इनकार किया।

तेलीबांधा, बैरन बाजार, पेंशन बाड़ा, टाटीबंध जैसे इलाकों में प्रार्थनाओं का आयोजन हर रविवार को होता है। ऐसी दर्जनों सभाओं में शामिल हो चुके मुकेश ने बताया कि इस सभा में बताया जाता है कि प्रभु में आस्था रखने से उसके जीवन में बदलाव होगा। ऐसी ही बातों में आकर उसने अपना धर्म बदला थ

युवक ने बताया कि रायपुर शहर में रविवार को होने वाली इस तरह की प्रार्थना सभाओं में 60% से भी अधिक हिंदू आबादी पहुंचती है। 40 फीसदी ही ऐसे लोग होते हैं जिनका परिवार कई सालों से ईसाई धर्म में आस्था रखे हुए हैं। इसके बाद बहुत से लोग हिंदू धर्म छोड़कर अपना धर्म बदल लेते हैं। अब भी मेरे कई दोस्ता और जानने वाले हैं, जो हिंदू धर्म छोड़कर ईसाई बने हुए हैं। यह रायपुर शहर में हो रहा है।

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