@रायपुर//इंटरनेट डेस्क।।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सीएम हाउस पर छत्तीसगढ़ के राजकीय गमछे का लोकार्पण किया. छत्तीसगढ़ राज्य हाथकरघा संघ द्वारा राज्य की पारंपरिक सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करने वाले ये गमछे टसर सिल्क और कॉटन बुनकरों के अलावा गोदना हस्त शिल्पियों द्वारा तैयार कराए गए हैं. गमछे पर छत्तीसगढ़ के राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना, राजकीय पशु वन भैंसा, मांदर, बस्तर के प्रसिद्ध गौर मुकुट और लोक नृत्य करते लोक कलाकारों के चित्र गोदना चित्रकारी से अंकित किए गए हैं. मुख्यमंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ में शासकीय आयोजनों में यह गमछा अतिथियों को भेंट किया जाएगा.
गमछे पर दिखती है छत्तीसगढ़ की परंपरागत पहचान :
गमछे की डिजाईन में धान के कटोरे के रूप में प्रसिद्ध छत्तीसगढ़ राज्य को प्रदर्शित करने के लिए धान की बाली तथा हल जोतते किसान को प्रदर्शित किया गया है. सरगुजा की पारंपरिक भित्ति चित्र कला की छाप गमछे के बार्डर में अंकित की गई है. शासकीय आयोजनों में यह गमछा अतिथियों को भेंट किया जाएगा. गमछा तैयार करने के पारिश्रमिक के अलावा गमछे से होने वाली आय का 95 प्रतिशत हिस्सा बुनकरों तथा गोदना शिल्पकारों को दिया जाएगा.
टसर सिल्क गमछा :
टसर सिल्क गमछे में बुनकर द्वारा ताने में फिलेचर सिल्क यार्न तथा बाने में डाभा टसर यार्न एवं घींचा यार्न का उपयोग किया गया है. गमछे की चौड़ाई 24 इंच तथा लंबाई 84 इंच है. इस टसर सिल्क गमछे की बुनाई सिवनी चांपा के बुनकरों द्वारा की गई है. गमछे की बुनाई के बाद उनमें सरगुजा की महिला गोदना शिल्पियों के द्वारा गोदना प्रिंट के माध्यम से डिजाइनों को उकेरा गया है. सिल्क गमछे में गोदना डिजाइन कार्य दो शिल्पियों द्वारा एक दिन में एक नग तैयार किया जाता है. एक सिल्क गमछे में गोदना कार्य हेतु प्रति नग 700 रूपए का पारिश्रमिक शिल्पियों को प्रदान किया जाता है. एक सिल्क गमछे का मूल्य 1,534 रूपये (जी.एस.टी. सहित) निर्धारित है. सिल्क गमछे की बुनाई मजदूरी 120 रूपए प्रति नग है.
कॉटन गमछा :
कॉटन गमछे को भी राज्य के बालोद, दुर्ग, राजनांदगांव के बुनकरों द्वारा हाथकरघों पर बुनाई के माध्यम से तैयार किया गया है. गमछे में ताने में 2/40 काउंट का कॉटन यार्न तथा बाने में 20 माउंट का कॉटन यार्न उपयोग किया गया है. गमछे की बुनाई के उपरांत इसमें भी राज्य की परपंरा को प्रदर्शित करते हुये डिजाइनों को स्क्रिन प्रिंट से तैयार कराया गया है. स्क्रिन प्रिंट का कार्य छत्तीसगढ़ राज्य हाथकरघा संघ से अनुबंधित प्रिंटिंग इकाई से कराया जा रहा है, इसकी भी चौड़ाई 24 इंच तथा लंबाई 84 इंच है. कॉटन गमछे का मूल्य 239 रूपए (जी.एस.टी. सहित) प्रति नग निर्धारित है. इन गमछों को राज्य के स्मृति चिन्ह के रूप में मान्यता दिये जाने से बुनाई के माध्यम से 300 बुनकरों को तथा 100 गोदना शिल्पियों को वर्ष भर का रोजगार प्राप्त होगा. कॉटन गमछे की बुनाई मजदूरी 60 रूपए प्रति नग है.
सोर्स : इंटरनेट वेबसाइट।