Balrampur : हर्षोलास के साथ मनाया जायेगा दशहरा का महा पर्व...

Balrampur : हर्षोलास के साथ मनाया जायेगा दशहरा का महा पर्व...

@बलरामपुर//कमल साहू।।
हमारे भारत देश में दुर्गा पूजा धार्मिक त्योहारों में से एक है जो हिंदू धर्म के लोगों द्वारा बहुत ही खुशी के साथ देश भर में मनाया जाता है। दुर्गा पूजा पूरे 9 दिन तक चलती है, लेकिन कुछ लोग इसे 5 या 7 दिनों तक मनाते हैं। लोग मां दुर्गा देवी की मूर्ति की पूजा चढ़ोतरी के साथ छठी से शुरू करते हैं जो दसवीं तक दुर्गा विसर्जन के साथ खत्म होती है। दुर्गा पूजा को दुर्गा का उत्सव या नवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है। दुर्गा पूजा का उत्सव भारत के छत्तीसगढ़, असम, उड़ीसा, बंगाल, झारखंड, मणिपुर और त्रिपुरा में व्यापक रूप से मनाया जाता है, बंगाल के अलावा दुर्गा पूजा भारत के दिल्ली, उत्तर प्रदेश, गुजरात, पंजाब, महाराष्ट्र आदि राज्यों में नवरात्रि पूजा के नाम से मनाया जाता है दुर्गा पूजा नवरात्रि पूजा साल में दो बार चैत्र और अश्वनी माह में मनाया जाता है।

दुर्गा पूजा हिंदू धर्म का बहुत ही महत्वपूर्ण है जिसका धार्मिक आध्यात्मिक और संस्कारी महत्व है इन दिनों सभी मंदिरों को सजाया जाता है और माहौल पूरी तरह भक्तिमय हो जाता हैं। कुछ लोग अपने घरों में ही सभी व्यवस्थाओं के साथ नौ दुर्गा की पूजा करते हैं और उपवास रखते हैं। दुर्गा पूजा के रूप में स्त्री शक्ति की पूजा करते हैं। कई जगह इस पर्व में मेला और बाजार लगता है। दुर्गा पूजा से जुड़ी कई कथाएं हैं ऐसा माना जाता है कि मां दुर्गा ने भैसासुर का संघार किया था, जो भगवान ब्रह्मा से वरदान पाकर काफी शक्तिशाली हो गया था।

ब्रम्हाजी ने भैसासुर को यह वरदान दिया था कि उस पर कोई विजय प्राप्त नहीं कर सकता। इसके बाद वह भैसासुर स्वर्ग लोक में देवताओं को परेशान करने लगा और पृथ्वी पर भी आतंक मचाने लगा उसने स्वर्ग में एक बार अचानक आक्रमण कर दिया और इंद्र को परास्त कर स्वर्ग पर कब्जा कर लिया था। सभी देव परेशान होकर त्रिमूर्ति ब्रह्मा, विष्णु और महेश के पास संहिता के लिए पहुंचे सारे देवताओं ने मिलकर उसे परास्त करने के लिए युद्ध किया परंतु हार गए कोई उपाय न मिलने पर देवताओं ने उसके विनाश के लिए देवी दुर्गा का स्मरण किया और पार्वती के नाम से भी जाना जाता है।

देवी दुर्गा ने भैसासुर पर आक्रमण कर उसे 9 दिनों तक युद्ध किया और उसका वध कर दिया इसी उपलक्ष में हिंदू दुर्गा पूजा का त्योहार मनाते हैं 10वें दिन को विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है। दुर्गा पूजा को वास्तव रूप में शक्ति पाने की इच्छा से मनाया जाता है जिससे की बुराइयों का अंत किया जा सके लोगों का विश्वास होता है कि देवी दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त होगा और सभी समस्याओं और नकारात्मक ऊर्जा से दूर रखेगी। हिंदू धर्म में दुर्गा पूजा महत्व के सामाजिक कारण होता है दुर्गा पूजा जो हमारे जीवन में उत्साह एवं ऊर्जा का संचार करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

वहीं दूसरी ओर भगवान श्री राम ने रावण का वध विजयदशमी के दिन किए थे। इसी उपरांत में प्रतिवर्ष विजयदशमी के दिन रावण दहन किया जाता है। इस त्यौहार का मुख्य रूप से बुराइयों को छोड़कर अच्छाइयों की ओर रुख अपनाना होता है।

छत्तीसगढ़ राज्य के तमाम छोटे-बड़े शहरों व गांव-गांव में यह नवरात्रि दुर्गा पूजा बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया गया। इसी कड़ी में सरगुजा संभाग के हर जिले में यह कार्यक्रम बड़ा ही चाव के साथ छोटे-छोटे बच्चों में भी जुनून और उत्साह के साथ मनाते हुए देखा गया। बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर क्षेत्रों में भी तमाम धूमधाम के साथ दुर्गा प्रतिमाओं का स्थापित कर जगह जगह पर कार्यक्रम किया गया।

जिसमें रामलीला कार्यक्रम, आरकेस्टा तथा अन्य कई तरह का कार्यक्रम भी किया गया। आज सरना ग्राम पंचायत में भव्य रामलीला कार्यक्रम आयोजित किया गया है, जिसमें रावण दहन किया जायेगा। दुर्गा पूजा रामलीला कार्यक्रम का आज अंतिम दिवस है, जहां आज माता दुर्गा जी का विसर्जन कार्यक्रम भी किया जाना है।
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