@अंबिकापुर//इंटरनेट डेस्क।।
छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में एक नवजात की मौत हो गई है। जिसके बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया है और अस्पताल स्टाफ पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है। बताया गया है कि सभी बच्चों को बीमार होने के बाद अस्पताल के SNCU( special new born care unit) वार्ड में भर्ती कराया गया था। अब भी SNCU वार्ड में 50 बच्चों का इलाज चल रहा है।
वहीं इस मामले में वार्ड के प्रभारी डॉ रेलवानी ने लापरवाही की बात से इंकार किया है। उनका कहना है कि जिस बच्चे की मौत हुई। उसकी हालत पहले से ही गंभीर थी। वहीं परिजनों को बच्चे की मौत की जब खबर लगी तब उन्होंने शनिवार सुबह जमकर हंगामा किया।
वार्ड में ही बच्चे का इलाज करा चुके रघुनाथ नगर निवासी महेश कुमार जायसवाल ने बताया कि मैंने अपने बच्चे को 11 अक्टूबर को अपने बच्चे को भर्ती कराया था। उन्होंने बताया कि उन्हें कहा गया था कि बच्चे को मां का ही दूध पिलाना है, जिस पर महेश ने बच्चे की मां का दूध टिफिन में भरकर अस्पताल स्टाफ को दिया था।
उन्होंने कहा कि जब वह जब वापस वहां गए तब टिफिन में दूध रखा हुआ था। उसे बच्चे को पिलाया ही नहीं गया था। इसका विरोध उन्होंने किया तो अस्पताल स्टाफ कहना लगा कि इतना है तो प्राइवेट अस्पताल में बच्चे को क्यों नहीं ले जाते हो। क्यों यहां बच्चे को मारने के लिए लेकर आए हो, जबकि जान रहे हो कि ये सरकारी अस्पताल है।
इसके बाद उनसे कहा गया है कि बच्चा ठीक है। इसे अब डिस्चार्ज कर सकते हैं। महेश कुमार ने बताया कि जैसा ही वे बच्चे को डिस्चार्ज कराकर लेकर गए तो कुछ दूर जाकर फिर से बच्चे को तकलीफ होने लगी। इस पर उन्होंने एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया। वहां भी अस्पताल ने 10 हजार में इलाज करने का वादा किया था, लेकिन मुझसे 40 हजार रुपए ले लिए गए।
इधर, एसएनसीयू प्रभारी डॉ रेलवानी ने कहा है कि एसएनसीयू में गंभीर नवजात बच्चों को ही भर्ती किया जाता है। हम पूरी कोशिश करते हैं कि उन्हें ठीक किया जाए, मगर कई बार सफलता नहीं मिलती। उन्होंने कहा कि इलाज में किस तरह की लापरवाही नहीं हुई है।
सोर्स : इंटरनेट वेबसाइट।