Balrampur : धूम-धाम से मनाया गया तीजा का त्यौहार...

Balrampur : धूम-धाम से मनाया गया तीजा का त्यौहार...

@बलरामपुर//कमल चंद साहू।। 
त्रेता युग के समय से चली आ रहे आज तीज त्यौहार जिसे हरितालिका के नाम से जाना जाता है उसे महिलाओं ने पूर्ण आस्था एवं विश्वास के साथ पूजा अर्चना पश्चात आज अपना व्रत तोड़ा। श्रद्धालु महिलाओं से इससे संबंधित जानकारी बताया गया कि रामायण काल में सीता मैया ने अपने पति श्री राम भगवान जी की लंबी आयु के लिए व्रत रखी थी तब से यह त्यौहार हरितालिका के नाम से मनाया जाता है। 

वहीं बहुत से महिलाओं ने यह भी बताएं कि यह कथा तीज त्यौहार माता पार्वती तथा शंकर भगवान से जुड़ा हुआ पर्व है। हमारे देश में किसी भी पर्व त्यौहार का मनाने का कई स्रोतों से शिक्षा से जुड़ी हुई ओतप्रोतश्रद्धा पूर्ण के साथ मनाया जाता है। यह त्यौहार संपूर्ण हिंदुत्व समाज में मनाए जाने वाला त्यौहार है। 

इस त्यौहार में शिव भक्तों के द्वारा व श्रद्धालुओं के द्वारा शिव मंदिरों व अन्य मंदिरों में पूजा पाठ करते हुए नजर आए हैं। वाड्रफनगर जनपद के अंतर्गत ग्राम पंचायत सरना में भी श्रद्धालुओं ने अपनी पूर्ण निष्ठा एवं विश्वास के साथ पूजा अर्चना वह हर कीर्तन पाठ का आयोजन किया गया है। जहां गांव के श्रद्धालु भक्तों ने अपनी पूर्ण आस्था एवं विश्वास के साथ हर कीर्तन पाठ कर रहे हैं विगत दिवस से यह पाठ चल रहा है जहां भगवान के आस्था का प्रतीक बना हुआ है।
बलरामपुर शिवगढ़ी शिव मंदिर प्रांगण में हरतालिका तीज पूर्ण आस्था और श्रद्धा के साथ मनाया गया। महिलाओं ने पवित्र मन एवं विचारों के साथ व्रत रखा। इस दौरान उनके द्वारा कई धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किए गए। इसमें कथा श्रवण से लेकर पूजापाठ का कार्यक्रम शामिल है।

हरतालिका तीज भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हस्त नक्षत्र के दिन पूरे संभाग में मनाई गई। इस बार यह व्रत बीते दिवस 9 सितंबर  को था, हिंदू मान्यता में तीज का बड़ा महत्व माना गया है। सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखा।
पंचांग के अनुसार 9 सितंबर 2021 गुरुवार को भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज का पर्व मनाया जाता है। हरतालिका तीज का पर्व सुहागिन स्त्रियों को समर्पित है। इस दिन स्त्रियां व्रत रखकर अपने पति की लंबी आयु और सफलता की प्रार्थना करती हैं। हरतालिका तीज पर भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा की जाती है। हरतालिका की पूजा में विशेष चीजों को शामिल किया जाता है, ये सभी चीजें सुहाग से जुड़ी होती हैं।

तैयार की जाती है सुहाग की पिटारी :

हरतालिका तीज में सुहाग की पिटारी तैयार की जाती है, इस पिटारी में सुहाग से जुड़ी चीजों को शामिल किया जाता है। इस पिटारी  को ध्यान से और पूरी श्रद्धा से तैयार करना होता है।महिलाओं के अहम त्योहारों में शामिल हरतालिका तीज का व्रत रखने के दौरान बहुत सावधानी-सतर्कता की आवश्कता होती है। हरतालिका तीज का व्रत बेहद कठिन होता है। ऐसी मान्यता है कि व्रत रखने वाली महिलाओं को रात में नहीं सोना होता है। इस व्रत के दौरान पूरी रात को जागरण किया जाता है। इस दौरान भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा और अर्चना की जाती हैं। हरितालिका तीज व्रत की पूजा विधि विधान से नगर में महिलाओं द्वारा सभी मंदिरों देवालयों तथा घरों में की जा रही है।

हरितालिका तीज व्रत शहरी क्षेत्रों के साथ ही ग्रामीण क्षेत्र एवं मंदिरों मे भक्ति भाव के साथ मनाया गया सुहागिन महिला पति की लंबी आयु के लिए रखती है व्रत।
शिवगढ़ी शिव मंदिर अलावा भी गांव गांव में घर-घर में भी मनाया गया भक्ति भाव से हरितालिका तीज व्रत जहां कई ग्रामों से पहुंचे हजारों की संख्या में सुहागिन महिला जिसमें ग्राम पंचायत सरनाडीह के सरपंच श्रीमती दुर्गावती देवी भी शिवगढ़ी शिव मंदिर में पूजा करने पहुंची। सरना स्कूल पारा में शिव मंदिर प्रांगण में भी शिव भक्तों का ताता लगा रहे तथा हर कीर्तन रामायण पूजा पाठ का प्रोग्राम भी चल रहा है

शिवगढ़ी शिव मंदिर तक जाने के लिए महिलाओं को कुछ परेशानियां भी हुआ रास्ते की वजह से निर्जला व्रत रखने वाली महिलाओं को कीचड़ भरे रास्तों से भी गुजर कर जाना पड़ा।
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