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विशेषज्ञों के अनुसार रुक-रुककर हो रही बारिश के कारण भी लार्वा पैदा हो रहे हैं। बारिश के बावजूद दिन का अधिकतम तापमान 31 डिग्री से ज्यादा चल रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि जब तक तापमान 24 डिग्री से कम नहीं होगा, डेंगू के लार्वा पैदा होते रहेंगे। वैसे जुलाई से अक्टूबर तक डेंगू फैलने की आशंका ज्यादा रहती है।
गर्मी व ठंड में डेंगू के मरीज गिने-चुने आते हैं। घरों में कूलर, छतों पर, नारियल खटोली व पुराने टायरों में भरे साफ पानी में लार्वा पैदा हो रहे हैं। इसमें एंटी लार्वा या केमिकल डालने से यह नष्ट होता है।
निगम के अधिकारियों का कहना है कि शिकायतों के आधार पर भी फागिंग की जा रही है। एंटी लार्वा के अलावा केमिकल भी डाल रहे हैं। ज्यादा बारिश होने पर केमिकल व एंटी लार्वा बह जाता है।
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