Big News :- लॉकडाउन में सत्संग की कमी को दूर कर रहे हैं... डिजिटल सत्संग ऑनलाइन मोबाइल के माध्यम से :- युवा संत रामबालक दास

Big News :- लॉकडाउन में सत्संग की कमी को दूर कर रहे हैं... डिजिटल सत्संग ऑनलाइन मोबाइल के माध्यम से :- युवा संत रामबालक दास

PIYUSH SAHU (BALOD)
@ बालोद // सीएनबी लाइव न्यूज़।।
अद्भुत ज्ञान का केंद्र बन चुका ऑनलाइन सत्संग का आयोजन श्री संत राम बालक दास जी के द्वारा उनके विभिन्न व्हाट्सएप ग्रुपो में प्रातः 10:00 बजे आयोजित किया जाता है, आज की परिचर्चा में सभी ने बाबा जी को उनके द्वारा आयोजित किए जाने यूट्यूब 
Rambalakdas
के कार्यक्रम बाबा जी की पाती को पूरे 1 वर्ष होने की ढेर सारी बधाई एवं शुभकामनाएं दी एवं लॉकडाउन की परिस्थितियों में बाबा जी के द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम के लिए उन्हें धन्यवाद प्रेषित किया, क्योंकि यह कार्यक्रम उस समय प्रसारित हुआ जब लोगों को ऐसे  कार्यक्रम की सर्वाधिक आवश्यकता थी जहां लोगो के मन में कोरोना से चारों तरफ उदासीनता का माहौल था ना मंदिर खुले थे ना ना कोई भगवत द्वार ना ही कोई सत्संग तभी बाबा जी के द्वारा आयोजित यह सत्संग और उनका यूट्यूब का कार्यक्रम बाबा जी की पाती ही सभी के लिए  धार्मिक एकीकरण का केंद्र बना हुआ है 
        आज की सत्संग परिचर्चा में पाठक परदेसी जी के द्वारा प्रतिदिन की भांति बहुत ही सुंदर एवं ज्ञानवर्धक कबीर जी के दोहे के भाव को स्पष्ट करने की विनती बाबाजी से की गई 
मान नहीं अपमान नहीं, ऐसे शीतल संतl
भवसागर से पार हैं, तोरे जम के दन्त ।
   कबीर जी की वाणी को स्पष्ट करते हुए बाबाजी ने बताया कि  संत महिमा को दर्शाता हुआ यह दोहा हमें बतलाता है कि मान अपमान से जो परे हो जाते हैं वही संत है वही शीतल है भगवान ने भी स्वयं कहा है कि जिनको निंदा स्तुति समान हो गया हो जो गुरु प्रभु के चरणों में रम गए हो जिनको ऐसे स्वभाव है वे स्वयं ही भवसागर से परे हैं जो संसार में रहकर भी नहीं बंधते वही संत है।
 इस प्रकार आज का ऑनलाइन सत्संग संपन्न हुआ।
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