@बालोद// पीयूष कुमार साहू।।
उत्तरोत्तर सिद्धि को प्राप्त करते जा रहा संत राम बालक दास का ऑनलाइन सत्संग आज पूरे देश के लिए ज्ञान एवं समसामयिक चर्चा का केंद्र बना हुआ है।जो कि इस कोरोना काल में भी सबको हिम्मत से जीवन जीने का उद्देश प्रदान कर रहा है संत श्री के द्वारा प्रतिदिन सुबह 10:00 बजे अपने विभिन्न व्हाट्सएप ग्रुपों में एक साथ ऑनलाइन सत्संग का आयोजन किया जाता है जिसमें सभी भक्तगण जुड़कर अपनी विभिन्न जिज्ञासाओं का समाधान प्राप्त करते हैं।
आज ऑनलाइन परिचर्चा में निर्मल कुमार ठाकुर ने हनुमान चालीसा के के विषय में जानने की जिज्ञासा रखी, संत श्री ने इसको स्पष्ट करते हुए बताया कि हनुमान चालीसा पढ़ने के बहुत ही सामान्य से नियम है जिनका आपको बिल्कुल पालन करना चाहिए शौच आदि से निवृत्त होकर स्नान करके शुद्ध कपड़े धारण करके शुद्ध आसन पर बैठकर ही हनुमान चालीसा पढ़ना चाहिए, श्रद्धा एवं विश्वास के साथ यदि किसी भी संत की बात मानी जाए उसका कुछ ना कुछ प्रतिफल अवश्य प्राप्त होता है गोस्वामी तुलसीदास जी ने हनुमान चालीसा में "जो सत बार पाठ कर कोई छूटही बंदी महा सुख होई" यह उद्धृत किया है, जिसके हम दो अर्थ ले सकते हैं एक तो यह हुआ कि 100 बार पाठ और दूसरा है कि शत-शत अर्थात शत-प्रतिशत पढ़ना उसे पूरी तरह से स्पष्ट रूप से पढ़ना चाहिए ना कि इस तरह की क्या पढ़ रहे हैं स्वयं ही ना समझ पाए भले ही दिन में एक ही बार आप हनुमान चालीसा करें परंतु प्रेम भक्ति भाव के साथ स्वर के साथ स्वयं को आनंद आ जाए इस तरह से हनुमान चालीसा करना चाहिए।
रामफल ने जिज्ञासा रखी की "गिरिजा संत समागम, सम न लाभ कछु आन। बिनु हरि कृपा ना होई सो, गावही बेद पुराण।।" पंक्ति के भाव को स्पष्ट करने की विनती की भाव को स्पष्ट करते हुए, संत श्री ने बताया कि माता पार्वती से शिव जी कहते कि है।पार्वती संत समागम के समान कोई लाभ है ही नहीं लेकिन यह आपके पराक्रम से आपको मिल जाए यह संभव भी नहीं है ऐसा सत्संग जिसका लाभ बहुत अधिक है उसे पाना भी उतना ही दुर्लभ होता है यह तब तक आपको प्राप्त नही होगा जब तक आप पर हरि कृपा नहीं होती इसके लिए आपको प्रभु की भक्ति में विलीन होना होगा उनमें श्रद्धा भक्ति भाव रखना होगा राम विमुख होकर हरि विमुख होकर कोई भी सत्संग का लाभ प्राप्त नहीं कर सकता।
अंत में तेरा रामजी करेंगे बेड़ा पार भजन से संत श्री ने सब को आनंदित किया इनके अलावा बहुत से भक्तों ने माताओं ने नन्हे-मुन्ने बच्चों ने भजन एवं रामायण की चौप इस प्रकार आज का ऑनलाइन सत्संग पूर्ण हुआ।