@अंबिकापुर//CNB Live News।।
आज एनएसयूआई जिला अध्यक्ष हिमांशु जायसवाल ने संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय के कुलसचिव से कोविड नियमो का पालन करते हुए मुलाकात कर 4 बिंदुओं पर अपना मांग पत्र सौंपा जिसमे कहा है :
1. वर्ष 2019 -20 में परीक्षा जो ऑनलाइन हुई है उनके परिणाम की घोषणा के उपरांत रुके, रोके अथवा त्रुटिपूर्ण परीक्षा परिणाम को सुधार कर अपग्रेड करने तथा पुनर्मूल्यांकन में जो छात्र पास हो गए है और वो विशेष परीक्षा का आवेदन कर चुके थे क्योंकि पुनर्मूल्यांकन का परिणाम अपलोड विलंब से हुआ था और छात्र विशेष परीक्षा का आवेदन कर चुके थे उन छात्रों के लिए पुनर्मूल्यांकन के रिजल्ट को ही अपडेट किया जावे।
2.विशेष परीक्षा में बहोत से छात्र लिपिकीय त्रुटिवश सैद्धान्तिक परीक्षा के साथ साथ प्रयोगिक परीक्षा में त्रुटिवश फार्म भर दिए है ऐसे छात्रों को परीक्षा परिणाम में प्रयोगिक में अनुपस्थित दर्शाया गया जिससे परिणाम में फेल या पूरक है छात्र हित मे देखते हुए छात्र से संबंधित विषय के मुख्य परीक्षा में प्राप्त अंको के आधार मानते हुए परीक्षा परिणाम में संसोधित करते हुए अपडेट करने की मांग करते है
3. बहोत से छात्र जो दूर अंचल से आते है वो अपना फॉर्म कंप्यूटर सेंटर में भरवाते है जिसमे लिपिकीय त्रुटि या जानकारी के आभाव में छात्रों द्वारा समस्त विषयो 1 प्रश्नपत्र के जगह दोनों प्रश्रपत्र को चयन कर लिया गया और छात्र सिर्फ एक प्रश्नपत्र में सम्मलित होकर परीक्षा दिया ऐसे में शेष विषयों में अनुपस्थित न दर्शा कर मुख्य परीक्षा के अंकों के आधार पर परिणाम संसोधित कर घोषित करने की मांग करते है।
4.कोरोना महामारी को देखते हुए इस वर्ष भी ऑनलाइन परीक्षा करवाने का निर्णय लिया गया है जिसमे छात्रों को उत्तरपुस्तिका से लेकर सारे परीक्षा सामग्री छात्रों को खुद खरीदना है जबकि छात्र अपना सारे शुल्क विश्वविद्यालय में जमा कर दिए है लॉकडाउन में कई छात्रों की आर्थिक स्थिति बहोत खराब है जिससे एनएसयूआई सरगुजा मांग करती है छात्रों की आर्थिक स्थिति को देखते हुए परीक्षा शुल्क में 50 प्रतिशत की शुल्क वापसी किया जाए जिससे छात्रों पर अतिरिक्त बोझ न पड़े।
कुलसचिव महोदय ने कहा कि मैंने पूर्व में निर्देश किया है लॉक डाउन में कर्मचारियों के साथ छात्रों के लिए लगा हु उन्होंने 1 से 3 बिंदुओं पर तत्काल निर्देश कर 5 जून तक सारे संसोधित परिणाम सुधार कर अपडेट कर दिया जाएगा चौथे बिंदु शुल्क वापसी पर कहा कि ये किसी एक विश्वविद्यालय क का मामला नही है प्रदेश में ओर भी विश्वविद्यालय है जिसमे नीतिगत तरीके से शासन के निर्णय के बाद ही इस संबंध में कार्यवाही कर सकते है