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31 मई विश्व तम्बाकू निषेध दिवस राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वंय सेवकों ने लोगों को को तम्बाकू के उपयोग से होने वाले नुकसान और इससे बचने परिवार की खुशहाली के लिए तम्बाकू से दूर रहने के लिए लोगों को जागरूक व प्रेरित किया गया।
तम्बाकू मनुष्य के लिए शत्रु के समान :- स्वंय सेवक यशवंत टंडन
रासेयो के स्वंय सेवक यशवंत कुमार टंडन ने बताया कि तम्बाकू व अन्य मादक द्रव्य पदार्थ स्वास्थ्य के लिए महाशत्रु है एवं मनुष्य को शारीरिक, मानसिक आर्थिक और नैतिक दृष्टि से बर्बाद कर देते हैं।
तम्बाकू बीड़ी सिगरेट,गुटका खैनी आदि के सेवन से होने वाली बीमारियों से विश्व में 70 लाख से अधिक लोग मरते हैं। केवल भारत वर्ष में तंबाकू के सेवन से होने वाली बीमारियों से प्रति 10 लाख से अधिक लोग मौत का शिकार हो जाते हैं।
तम्बाकू सेवन से प्रमुख बीमारियों ये -
तम्बाकू के सेवन से दिल का दौरा, धमनियों के रोग फेफड़ों का कैंसर मुंह, होंठ,जीभ गला आदि का कैंसर होता है।तथा शरीर के कई अन्य अंगों में बीमारियों होती है।
तम्बाकू में पाए जाने वाले 18 प्रकार के विषों में प्रूसीड एसिड पायरोडीन ,पायकोलीन आदि मुख्य हैं। इसमें सबसे प्रमुख है। निकोटिन जो एक पौण्ड तंबाकू में 350 ग्रेन पाया जाता है।प्रयोग करके देखा गया कि इसका 1/10 ग्रेन ही अपना प्रभाव शरीर पर दिखाने लगता है। इस विष की एक ग्रेन मात्रा से कुत्ते कुछ ही मिनट में मर जाते हैं। मनुष्य को मारने के लिए भी एक एक डेढ़ ग्रेन काफी है।
बच्चों को रखे अपने निगरानी में, घर से निगरानी करेंगे, तभी रहेगा बच्चे नशे से दूर - कौशल गजेन्द्र(रासेयो वरिष्ठ स्वयंसेवक & सामाजिक कार्यकर्ता)
सभी को मालूम है कि नशा सामाजिक बुराई है। इससे बचने के लिए अब निगरानी घर से ही करनी पड़ेगी। तभी हम इससे हमारे युवा पीढ़ी और समाज को बचा सकते हैं।
पता करें कि उसके आसपास का माहौल कैसा है। वह किन लोगों के साथ उठ-बैठ रहा है। उसकी दोस्ती किस तरह के लोगों से है।
युवा नशे की ओर अग्रसर हो रहे हैं।उन्होंने बताया कि नशे के प्रयोग से शारीरिक बीमारियां टीबी, कैंसर, आंखों की बीमारियां, चमड़ी की बीमारियां, काला पीलिया और एचआईवी आदि से भी पीडि़त हो जाते हैं और उन्हें अस्वस्थ जीवन जीना पड़ता है। इन बीमारियों का इलाज करवाने में उनकी आर्थिक स्थिति भी खराब हो जाती है।
नशे के प्रयोग के साथ व्यक्ति को आर्थिक मंदहाली, सामाजिक नफरत का शिकार होना पड़ता है। इसके अलावा गैरजिम्मेदार,आलसी, शराबी व्यक्ति मानसिक रोगी हो जाता है।
जिससे उस के परिवार को भी मानसिक तनाव का शिकार होना पड़ता है। नशेड़ी व्यक्ति नशे की प्राप्ति के लिए लूट पाट, खतरनाक वारदात अन्य क्राइम को भी अंजाम देते हैं।
नशे की लत पूरी करने के िलए वे चोरी, लूट, स्नेचिंग और छीनाझपटी की वारदातें करते हैं। जिससे समाज में अपराध बढ़ता है और लोगों को हमेशा ही असुरक्षा का अहसास होता रहता है। इसलिए नशेड़ी बच्चे से नफरत करें बल्कि उसे समझाकर नशा मुक्ति केंद्र में ले जाये ताकि वह इलाज से स्वस्थ हो सके।