मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, तस्मानियाई डैविल एक ऐसा जीव है जो सिर्फ द्वीप राज्य तस्मानिया के जंगलों में ही पाया जाता है। यह जीव 1963 में थायलेसीन के विलुप्त होने के बाद यह दुनिया का सबसे बड़ा मांसाहारी धानी प्राणी बन गया था।
इसका मुंह चूहे की तरह होता है लेकिन यह आकार में कुत्ते की तरह होता है। 1990 में महामारी ने ले ली कई जानवरों की जान माना जाता है कि तस्मानियन डेविल को यह नाम उसके बड़े और नुकीले दांतों, तेज पंजों हमला करने और काटने की खतरनाक क्षमता की वजह से दिया गया है।
साल 1990 में इन जानवरों में चेहरे के ट्यूमर की महामारी काफी तेजी से फैली थी जिसने हजारों जानवरों को मौत के घाट उतार दिया। 2008 के यूएन रेड लिस्ट इस जानवर को बेहद संरक्षित श्रेणी में रखा गया था। इसके बाद जंगल में जीवित बचे गिनती के डेविल को इलाज के लिए चिड़ियाघर के पशु चिकित्सालयों में लाया गया।
सिर्फ ऑस्ट्रेलिया में पाए जाने वाले इस जीव के विलुप्त होने की कगार पर पहुंचने के बाद इसे बचाने के लिए क्रांतिकारी कदम उठाए गए।