शिक्षकों की कमी होनें पर प्राचार्य ले रहे क्लास, सत्र 2018-19 से अब तक नहीं हो पाई स्थाई शिक्षकों की नियुक्ति...

शिक्षकों की कमी होनें पर प्राचार्य ले रहे क्लास, सत्र 2018-19 से अब तक नहीं हो पाई स्थाई शिक्षकों की नियुक्ति...

@लखनपुर//CNB Live News।।  
सरगुजा संभाग का एकमात्र शासकीय इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय आए दिन चर्चा में आता ही रहता है, कभी छत्रों की परेशानीयों के समाधान को ले कर, तो कभी प्राचार्य द्वारा किए गए छात्र हितैषी कार्यों को ले कर. ऐसे ही एक बार फिर विश्वविद्यालय इंजीनियरिंग कॉलेज लखनपुर चर्चा में है। आपको बता दें इस इंजीनियरिंग कॉलेज में वर्ष 2018-19 के क़रीब माइनिंग इंजीनियरिंग विभाग का आरम्भ किया गया था किन्तु अब तक इतनें वर्षों के बाद भी यहाँ माइनिंग इंजीनियरिंग शाखा में स्थाई शिक्षकों की नियुक्ति का कार्य पूर्ण नहीं हो पाया है, विश्वविद्यालय इंजीनियरिंग कॉलेज में माइनिंग इंजीनियरिंग विभाग के लिए छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद टेक्निकल यूनिवर्सिटी भिलाई से शिक्षकों हेतू 07 पद निकाले गये थे जिसमें से एक पद पर ज्वाइन किया गया है परन्तु उन्हें भी किसी कारण वश पीएचडी करनें जाना पड़ा। इस तरह माइनिंग इंजीनियरिंग विभाग में स्थाई शिक्षकों की कमी अब भी बरकरार है, इस कमी से छात्रों की शिक्षा पर दुष्प्रभाव ना पड़े इस ओर ध्यान देते हुए विश्वविद्यालय इंजीनियरिंग कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आर.एन. खरे द्वारा प्रयास करते हुए सूरजपुर पॉलिटेक्निक कॉलेज के प्राचार्य से बात कर वहां के स्टॉफ से एनआईटी गेस्ट फैकेल्टी के द्वारा विश्वविद्यालय इंजीनियरिंग कॉलेज की माइनिंग इंजीनियरिंग विभाग का पाठ्यक्रम पूर्ण कराया जा रहा है।

विश्वविद्यालय इंजरिंग कॉलेज लखनपुर के प्राचार्य डॉ आर. एन. खरे निरंतर छात्रों के भविष्य एवं पढ़ाई हेतू प्रयासरत रहते हैं एवं हर तरह से पाठ्यक्रम पूर्ण कराने का प्रयास कर रहे हैं, आपको बता दें माइनिंग इंजीनियरिंग विभाग में शिक्षकों की कमी होनें पर स्वयं प्राचार्य आर.एन. खरे द्वारा कई विषयों की कक्षाएं ली जा रही हैं, जिससे छात्रों की पढ़ाई पर असर ना पड़े।



इसके आलावा विश्वविद्यालय इंजीनियरिंग कॉलेज अपनी स्थाई बिल्डिंग के लिए भी कई वर्षों से इंतजार कर रहा है, आपको बता दें यहाँ नविन कॉलेज परिसर का निर्माण अंबिकापुर के डिगमा में चल रहा है, कई वर्षों से यहाँ कार्य चलू है परन्तु कुछ कारणों से यह कार्य पूर्ण नहीं हो पाया था. अब तक ग्राउंड फ्लोर तो बनकर तैयार हो गया है जिसके पश्चात एक बार पुनः ग्राउंड फ्लोर से ऊपर की बिल्डिंग बनाने हेतू क़रीब 2.50 करोड़ का टेंडर निकाला गया है। जिसके बाद जल्द ही निर्माण कार्य पूर्ण होनें की संभावना है।

इन सब के अतिरिक्त विश्वविद्यालय इंजीनियरिंग कॉलेज के सत्र 2020 में पास होनें वाले छात्रों के सामने एक सबसे बड़ी समस्या उनके परीक्षा परिणामों को ले कर बनी हुई है, गौरतलब है की वैश्विक महामारी कोरोना के कारण परीक्षाओं को ले कर थोड़ी अव्यवस्थाएं हुई थी जिसके कारण अंतिम वर्ष में पास होनें वाले छात्रों में बैकलॉग के छात्रों का रिजल्ट अब तक उपलब्ध नहीं कराया जा सका है। वर्ष 2020 में अष्टम सेमेस्टर के परीक्षाओं के परिणाम तो दे दिए गए हैं परन्तु बैकलॉग के छात्रों की परीक्षाएं समय पर नहीं ली जा सकी थी जिस कारण वर्ष 2020 में पास होनें वाले छात्र अन्य कहीं भी उच्च शिक्षा अथवा जॉब के लिए आवेदन नहीं कर पाए. यहाँ ध्यान देनें वाली बात यह है की बैकलॉग की परीक्षाएं वर्ष 2020 की नवम्बर से दिसंबर माह  में ली गई हैं किन्तु कोरोना संक्रमण के कारण उनके रिजल्ट अब तक उपलब्ध नहीं कराए गए हैं। इस मामले पर प्राचार्य डॉ. आर एन खरे द्वारा कहा गया है की आगामी कुछ दिनों में उचित कार्यवाही की जाएगी, बहरहाल छात्रों के हित में किए जा रहे कार्यों के मद्देनज़र यह कहा जा सकता है की जल्द ही छात्रों के परीक्षा परिणाम घोषित कर दिए जायेंगे।


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