अतिक्रमण की लिखित शिकायत के बाद भी मौन हैं जिम्मेदार... बलरामपुर के ग्रामीण (Villager) हो रहे परेशान...

अतिक्रमण की लिखित शिकायत के बाद भी मौन हैं जिम्मेदार... बलरामपुर के ग्रामीण (Villager) हो रहे परेशान...

@बलरामपुर//कमल चंद साहू।।
प्रदेश में अतिक्रमण किसी भी स्थान पर आसानी से देखने को मिल जाएगा। यह समस्या एक गंभीर समस्या होती जा रही है। वर्तमान समय में सुरसा राक्षस की तरह भूमि का अतिक्रमण किया जा रहा है। यह अतिक्रमण कहीं भी अछूता नहीं रह गया है। भूमि अतिक्रमण शासकीय, गैर शासकीय या फिर किसी भी स्थान का हो दिन दूनी रात चौगुनी किया जा रहा है। अतिक्रमण का मामला चाहे वह जंगल हो या फिर रोड हो या अन्य कोई जगह हो दिन रात सालों दर सालों किया जा रहा है। अतिक्रमण रोकने जैसे कोई जिम्मेदार व्यक्ति, नेता, शासन प्रशासन नजर नहीं आ रहे हैं।
इससे जुड़ी एक मामला प्रदेश के जिला बलरामपुर में वाड्रफनगर से लगभग 30 किलोमीटर दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत सरना का है। इस ग्राम पंचायत में लिखित सूचना देने के बावजूद भी आज तक अतिक्रमण नहीं हटवाया गया है। यहां खासकर वर्षा ऋतु में अपनी फसलों को मवेशियों से बचाने के लिए जब रुन्हाई या बाउंड्री किया जाता है तो हर साल थोड़ा-थोड़ा रोड के तरफ बढ़ाकर रुन्हाई-घोराई  किया जाता है। जिससे काफी चौड़ी चौड़ी रोड काफी संकीर्ण  व सकरा होते नज़र आ रहा है।
जिसका शिकायत ग्राम पंचायत सरना के सरपंच को देने के बावजूद भी यह अतिक्रमण आज तक नही हटाया जा सका है। उच्च अधिकारियों को भी इस समस्या से अवगत कराया जा चुका है तुरंत आज तक किसी भी तरह का कोई कारगर कदम नहीं उठाया गया है।
इतना कुछ करने के बावजूद भी जब कुछ कारगर कदम नहीं उठाया जाता है तो अतिक्रमणकारियों का हौसला और ही बुलंद होते जा रहा है।
अफसोस की बात तो यह है कि भूमि अतिक्रमण तो किया ही जा रहा है साथ ही साथ इन सकरी रास्तों, रोडों पर वाहनों व इनके पार्ट्स को भी रख दिया जाता है। जिससे रोड का आवागमन काफी बाधित होता है। आवागमन बाधित होने के साथ ही साथ कभी भी कोई गंभीर घटना घटित होने की संभावना बना रहता है।
वर्तमान समय में किसी भी तरह का कार्यवाही नहीं किए जाने से लोगों के हौसले इतने बढ़ गए हैं कि वे रोड के जस्ट बाजू में ही नींव खोदकर मकान बनाने को उतारू हो गए हैं। जिसका खामियाजा भविष्य में शासन प्रशासन को अतिक्रमण हटाने में और भी काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। इसलिए रहते समय में अगर इस तरह की अतिक्रमण हटा दिया जाता है तो भविष्य में कोई बड़ी कारगर कदम नहीं उठाना पड़ेगा। इससे जिस व्यक्ति का आर्थिक रूप से धन जो लगेगा वह भी सुरक्षित बच जाएगा और वह इस आर्थिक को धन को दूसरे स्थान पर नींव खोदकर मकान बना सकता है और सुरक्षित रह सकता है। ऐसा करने से दुर्घटनाएं जो हो रही हैं दिनों दिन वह दुर्घटना होने से बचा जा सकता है। 1 सप्ताह पूर्व अभी हाल ही में शंख लाल काशी गूंगा का सड़क दुर्घटना में ही मौत का शिकार हो गया है।
जहां पर रोड अतिक्रमण से लोग परेसानियो का सामना कर रहे हैं ग्रामीणो ने बताया कि कई बार सरपंच हीरामनी सिंह से इस बात की लिखित शिकायत भी की गई पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है हालांकि जब मीडिया कर्मी से बात करते समय सरपंच ने बताया कि लिखित आवेदन पर तत्काल कार्रवाई करते हुए नायब तहसीलदार को अवगत करा दी गई है पर अभी तक कोई सुनाई नहीं हुई है सरपंच ने यह भी बताया की ग्राम पंचायत सरना में कभी भी हादसा हो सकता है जब हादसा हो सकता है तब अभी तक कोई भी अधिकारी या जनप्रतिनिधि अभी तक इस बात पर किसी का ध्यान आकर्षण नहीं हुआ क्या पुनः कोई घटना घटे तब जाकर जनप्रतिनिधि अधिकारी इस पर एक्शन लेंगे ? अब देखने वाली बात यह होगी की ग्राम पंचायत वासियों को अतिक्रमण से छुटकारा मिलता है कि नहीं या उन्हें हमेशा डर से जीना ही होगा।
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