@ सूरजपुर// कमल चंद साहू।।
सरगुजा संभाग के जिला सूरज के तमोर पिंगला जंगल मे 15 दिन पूर्व घायल अवस्था में मिले नर शावक की कल शाम रेस्क्यू सेंटर रमकोला में मौत हो गई। वन विभाग के द्वारा नन्हे शावक 15 दिन पूर्व तमोर पिंगला जंगल में पहाड़ के नीचे घायल अवस्था में मिला था, जिसे उपचार के लिए रेसक्यू सेंटर रमकोला में लाकर इलाज किया जा रहा था। जिससे इलाज के द्वौरान मौत हो गई है।
नन्हे गजराज के पोस्टमार्टम करने के बाद चिकित्सक डॉ. महेंद्र कुमार पांडेय ने बताया कि चोट के कारण शावक के दोनों पैर की फीमर हड्डी टूट गया था । आज पोस्टमार्टम के बाद सीएफ और डीएफओ की उपस्थिति में दफ्न कर दिया गया है।
वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार प्रतापपुर मुख्यालय से 45 किमी दूर 10 अप्रैल को वन विभाग को तमोर जंगल में पहाड़ के नीचे हाथी के शावक के घायल होने की जानकारी मिली। इस सूचना पर तमोर व पिंगला रेंज के रेंजर सहित वनकर्मी जब घटनास्थल पर पहुंचे तो हाथी का शावक घायल अवस्था में मिला, जिसे विभाग चिकित्सा के लिए उसे रेस्क्यू सेंटर रमकोला ले आया। विभाग के अधिकारियों के अनुसार इस शावक का ईलाज इसी सेंटर में मौजूद चिकित्सक देवकांत भगत व उसकी टीम लगातार कर रही थी। कल शाम 6 बजे इस शावक की मृत्यु हो गई। मृत्यु की सूचना उच्चाधिकारियों को दी गई उच्च अधिकारीयो के निर्देश पर आज शावक के शव का पोस्टमार्टम करने के लिए तीन चिकित्सकदल मौके पर पहुंच कर , वन विभाग के उच्चाधिकारी सीएफ एसएस कंवर, डीएफओ सूरजपुर, सहित उपनिदेशक प्रभाकर खलखो, रेंजर एसपी सोनी, रेंजर अजय सोनी सहित पूरा अमला मौजूद रहा। चिकित्सादल के द्वारा पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूर्ण की गई। इस दौरान डॉ महेंद्र कुमार पांडेय ने बताया कि मृत हाथी नर शावक था, जिसकी उम्र तकरीबन 3-4 वर्ष की है। उन्होनें बताया कि शावक के पूरे शरीर में संक्रमण फैल चुका था। इस वजह से कार्डियक अरेस्ट के कारण सांस रुकने से उसकी मौत हो गई। डाँ ने बताया की संभवतः शावक को गजदल के हाथियों ने ही घायल किया होगा, अनुमान लगाया जा रहा है, क्योंकि की दोनों फीमर हड्डी टूटी हुई थी। मौजुद चिकित्सादल में डॉ महेंद्र कुमार पांडेय के , डॉ विजय शरण सिंह, डॉ शंभु पटेल चिकित्सक डॉ देवकांत भगत आदि शामिल रहे।