Balrampur : कब रुकेगा, बाल श्रम कानून का कब होगा सही प्रयोग... फिर बलरामपुर जिले वन विभाग ने करवाए नाबालिकों से काम... सरकार कब देंगे ध्यान...-

Balrampur : कब रुकेगा, बाल श्रम कानून का कब होगा सही प्रयोग... फिर बलरामपुर जिले वन विभाग ने करवाए नाबालिकों से काम... सरकार कब देंगे ध्यान...-

PIYUSH SAHU (BALOD)
@ बलरामपुर//कमल चंद साहू।।
रघुनाथनगर/बलरामपुर एक तरफ पूरा देश कोरोना से जूझ रहा है तो दूसरी तरफ रघुनाथनगर के वन विभाग के कुछ ऐसे गैर जिम्मेदार आला अधिकारी लॉकडाउन का नाजायज फायदा उठाने में सफल हो रहे हैं
मामला है छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के वन परिक्षेत्र रघुनाथनगर का जहां सोनहत बीट में ग्राम- गैना के लोटा बहरा में गौठान निर्माण कार्य किया है। जिसकी देखरेख वनरक्षक राजाराम पण्डो  है।सूत्रों जानकारी मिलती है कि वहां नाबालिक लड़कों से कार्य कराया जा रहा है और पत्रकारों की टीम वहां पर पहुंचती है तो मौके पर 8 से 9 लोग कार्य करते हुए पाए जाते हैं जिसमें चार पांच नाबालिग लड़के भी नजर आते हैं वही पत्रकारों के द्वारा कुछ लड़कों से पूछताछ किया जाता है जिसमें उन लड़कों द्वारा बताया जाता है कि हम लोग यहां पर दो-तीन दिन से कार्य कर रहे हैं लेकिन पीछे से राजाराम पण्डो के द्वारा रखे गए कुछ  मेट, मुंशीयों द्वारा बचाव हेतु साजिश रचा जाता है कि वह लड़के बकरी चराने व अन्य मकसद से आए हैं।
यहां तक तो माना ठीक है।
लेकिन जब इसकी जानकारी हेतु पत्रकारों की टीम वन परीक्षेत्र रघुनाथनगर के परिक्षेत्र अधिकारी रामशरण राम के पास पहुंचती है तो रामशरणराम के द्वारा वन रक्षक राजा राम पंडो जो गौठान निर्माण कार्य की देख-रेख करते हैं उन्हें फोन लगा कर बोला गया की लेबरों को लेकर के रघुनाथ नगर पहुंचे, लेकिन पत्रकारों ने पंचायत करने तो गए नहीं थे वह तो जानकारी लेने गए थे इसलिए जानकारी ना मिलने पर पत्रकारों की टीम वहां से वापस चला जाता है। रेंजर महोदय को मौका मिल जाता है और वे मनगढ़ंत कहानी बना लेते हैं।

जब पत्रकारों की टीम चार पांच दिन बाद फिर जानकारी लेने पहुंचती है तो रेंजर राम शरण राम के द्वारा यह झूठा बयान बाजी दिया जाता है कि वह लड़के काम करने नहीं बल्कि महुआ बिनने आए थे।

मामला यहीं खत्म नहीं होती वन रक्षक राजाराम पण्डो के द्वारा उन 4 दिनों के भीतर उक्त नाबालिक लड़कों से झूठा एक वीडियो तैयार किया जाता है जिसमें लड़के द्वारा कहा जाता है कि पत्रकारों ने हमसे जबरजस्ती पूछताछ किया हम तो महुआ बीछने गए हुए थे

अब सवाल खड़ा यह होता है कि पत्रकारों के कवरेज के दौरान उक्त लड़के कार्य करते हुए नजर आए जिसकी फुटेज पत्रकारों के कैमरे में कैद है। कवरेज के दौरान मेट मुंशीयों के द्वारा पीछे से कमेंट किया जाता है कि वह लड़के बकरी चराने आए हैं। रेंजर  राम शरणराम के द्वारा बताया जाता है कि वह लड़के महुआ बिनने आए थे।
अब तो सोचने वाली बात है कि नाना प्रकार के बयान बाजी क्यों

अब देखना यह है कि वन विभाग के उच्च अधिकारियों द्वारा ऐसे गैर जिम्मेदार अधिकारियों पर क्या कार्यवाही किया जाता है।
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