@लखनपुर//अविनाश कुमार।।
पिछले 26 अप्रैल से आयोजित सात दिवसीय AICTE-CSVTU शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम में समापन समारोह की अध्यक्षता एआईसीटीई चेयरमेन करेंगें, यह विश्वविद्यालय इंजीनियरिंग कॉलेज लखनपुर हेतू बहुत बड़ी व गौरान्वित करनें का अवसर है; छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय, भिलाई जिला दुर्ग का संघटक महाविद्यालय विश्वविद्यालय इंजीनियरिंग कॉलेज, लखनपुर अम्बिकापुर में सिविल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा ऑनलाईन माध्यम से अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद् नई दिल्ली तथा छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय भिलाई के सहमति ज्ञापन एवं संयुक्त तत्वाधान द्वारा प्रायोजित एक सप्ताह शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन दिनांक 26 अप्रैल 2021 से किया जा रहा है। जिसका शीषर्क जियोटेक्निकल इनवेस्टीगेशनस इन सिविल इंजीनियरिंग है।
कार्यक्रम के चौथे दिन के प्रथम सत्र में प्रोफेसर दिलीप कुमार वैद्य, आई.आई.टी. खड़गपुर ने जियोटेक्निकल इनवेस्टीगेशन मैथड एवं प्लानिंग में निम्न व्याख्यान प्रस्तुत किये -
• स्टेटस इन फाउनडेशन इंजीनियरिंग, कन्डकट सायल इनवेस्टीगेशन मानीटर डिजाईन करेकटेराईज दी सायल, आईडेन्टीफाईड मटेरियल, गेट सैम्पल एवं डाटा के बारे में बताया।• टोपोग्राफिग मैप, बैटिंग, सैम्पलिंग टैस्टिंग के बारे में जानकारी प्रदान की।• वासडिलिंग, वायरलाईन डिलिंग, स्लीपिंग इक्यूपमेंट के बारे में बताया गया।इसके पश्चात इंजीनियर आशीष सिंघई, जनरल मैनेजर, जेके सीमेंट इंदौर ने रिसाइकिलिंग एण्ड मैनेजमेंट आफ कांकिट एण्ड डिमोलेशन बेस्ट में निम्न व्याख्यान प्रस्तुत किए:• सेगरेगेशन, क्लेशन, ट्रांसपोटेशन, रिप्रेसिग रिसाइकिलिंग एण्ड डिस्पोटल के बारे में बताया।• रिड्यूसिंग, रियूजिंग रिसाईकिलिंग, रिक्वरीगं, ट्रीटींग एवं डिस्पोजिंग जिससे बेस्ट पैदा होता हैं।• उन्होनें जर्मनी, जापान, कोरिया, सिंगापुर का उदाहरण देकर रिसाईकिलिंग एवं उपयोग, बेस्ट उपयोग का कैसे हो रहा है इसके बारे में जानकारी दी।
इसके पश्चात कार्यक्रम समन्वयक डॉ. आर. एन. खरे ने कोरोना वायरस के रोकथाम एवं बचाव हेतु एक छोटा सा प्रयोग कर के बताया। उन्होनें बताया कि वायरस में फैट होता है हम फैट को साबुन का उपयोग कर दूर कर सकते है, इसलिए कहा जाता है कि साबुन से हाथ बार-बार धोते रहें।
इसके पश्चात प्रोफेसर समीर बाजपाई, एनआईटी रायपुर ने सर्वप्रथम एक मिनट के प्रार्थना करने के लिए कि हमें इस वैश्विक महामारी से लड़ने के लिए परमात्मा ऐसी शक्ति प्रदान करे जिससे की स्वंय एवं दूसरे का जीवन बचाया जा सके।
उन्होनें जियो इन्वरमेंटल इंजीनियरिंग पर व्याख्यान प्रस्तुत किया :
• उन्होनें एटमोसफियर हाईडोस्पेयर, लिथोस्पेयर, जियो इवारमेंटल इंजीनियरिंग चैलेंजेज के बारे में बताया ।• कन्टामिनेटेट साईट रेमिडियेशन, बेस्ट कन्टामिनेशन रिसाईकिलिंग के बारे में बताया।• स्लोप, सेटिबिलिटी, बिहेबियर आफ सायल रेपिड, औरंगनाईजेशन आयोजिकरण के बारे में बताया।इसके पश्चात प्रोफसर पी.के. गर्ग, आई.आई.टी. रुड़की ने रिमोट सेटिंग एण्ड जीआईएस फार जियोटेक्निकल इनवेस्टीगेशन पर निम्न व्याख्यान प्रस्तुत किए:• जियोस्पेशियल सर्विस प्रोवाइड इन इंडिया, लाइट टोन, डार्क टोन, होमोजिनियस टोन, टेक्श्चरपेटेन्ट, एसोसियेशन के बारे में बताया।• रिमोट टेक्निकल फार इन जियोटेक्निकल इनवेस्टीगेशन पर विस्तृत प्रेजेनटेशन दिया।
इसके पश्चात कार्यक्रम समन्वयक एवं प्राचार्य डॉ. आर. एन. खरे ने बताया कि शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन 30 अप्रैल 2021 को माननीय कुलपति एम. के. वर्मा के मुख्य अतिथ्य तथा अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद् नई दिल्ली के चेयरमेन प्रॉ. अनिल जी, सहस्त्रबुद्धे तथा एआईसीटीई के एफडीसी के चेयरमेन एवं गेस्ट ऑफ आनर कर्नल बी. ब्यंक्ट उपस्थित रहेंगें।
यह है कार्यक्रम की रूप-रेखा :