@दुर्ग//सीएनबी लाईव न्यूज़।।
शिवसेना दुर्ग ज़िला इकाई के ज़िला सचिव खिलेश निर्मलकर व राजेश निर्मलकर ने संयुक्त रूप से प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कोरोना महामारी से निपटने हेतु राज्य सरकार द्वारा लिए गए संचार बंदी का स्वागत किया है।
संचारबन्दी के दौरान जिला सचिव खिलेश निर्मलकर ने शिवसेना दुर्ग इकाई के पदाधिकारियों, सदस्यों व समर्थकों से समस्त प्रशासनिक निर्देशों के पालन करने व महामारी के इस दौर में आम जनता के प्राणों की रक्षा के लिए केंद्र व राज्य की सरकार, प्रशासन व आम जनता की मदद करने अपील की है।
उन्होंने बताया कि जिस हिसाब से प्रदेश में कोरोना संक्रमण का प्रसार हो रहा था उसके लिए संचारबंदी का निर्णय हांलाकि बहुत पहले ही ले लिया जाना उचित होता और उस समय ही राज्य की सीमाओं पर कड़ाई से जांच इत्यादि कार्यक्रम करने पर कोरोना संक्रमण अधिक फैलता भी नही।
हालांकि लॉकडाउन के कारण मध्यम व ग़रीब तबके के परिवारों को दिक्कतें आती हैं, लेकिन फ़िलहाल अन्य कोई सुरक्षित तरीका ना होने पर यह आवश्यक प्रतीत होता है। छत्तीसगढ़ प्रदेश की सरकार द्वारा मध्यम व गरीब तबके के परिवारों को लॉकडाउन के दौरान परिवार के भरणपोषण लिए दो माह का चावल निःशुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है, यह स्वागत योग्य निर्णय है।
लेकिन राज्य सरकार को चाहिए कि ग़रीब परिवारों के साथ ही मध्यम वर्गीय परिवारों को भी अर्थात बीपीएल कार्ड धारकों के साथ ही एपीएल कार्ड धारक परिवारों को भी निःशुल्क चावल, गेहूं, दाल, चना, गुड़, नमक एवं केरोसिन तेल उपलब्ध कराया जाना चाहिए।
आवश्यक दवाओं की आपूर्ति सीधे अस्पतालों को किया जाए :
शिवसेना दुर्ग जिला के शिवसैनिक जवाहर आर्यन सिंह ने ज़िला प्रशासन को सलाह देते कहा कि विषाणु संक्रमण के रोकथाम व उपचार हेतु आवश्यक दवाओं की पर्ची लिखने के बजाय प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराया जाना चाहिए। इस तरह बेवज़ह मेडिकल स्टोर्स में भीड़ नही होगी और कालाबाज़ारी की शंका भी नही होगी। क्योंकि राजधानी सहित अन्य ज़िलों में कुछ दवाओं के कालाबाज़ारी की ख़बर सामने आ रही है, ऐसे में बस्तर के लिए यह आरंभ से ही सतर्क रहना उचित होगा।
लापरवाही करने वाले अधिकारियों और वेंडरों पर कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए :
शिवसेना के ज़िला सचिव खिलेश निर्मलकर ने ज़िला प्रशासन से इस प्रेस नोट के जरिये आग्रह किया है कि कोविड केयर अस्पतालों में भोजन व अन्य सुविधाओं की व्यवस्था गड़बड़ करने वालो पर कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए। अगर मरीजों को पौष्टिक भोजन नही मिलेगा या कीड़ा युक्त या अन्य प्रकार से गुणवत्ताहीन भोजन दिए जाने की शिकायत आए तब तत्काल संबंधित संस्था के भुगतान रोकते हुए उस संस्था को काले सूची में डालने के साथ ही प्रभारी अधिकारी पर कार्यवाही किया जाना चाहिए। क्योंकि यह समय भ्रष्टाचार को अंजाम देने के लिए नही है बल्कि अपने देश की जनता के प्राणों की रक्षा करने का समय का। क्योंकि ऐसी शिकायत बीते दिनों स्थानीय सेंटर से आ रही थी।
शिवसेना के ज़िला सचिव खिलेश निर्मलकर ने कहा हैकि लॉक डाऊन में इस समय गरीब परिवारों के साथ ही मध्यमवर्गीय परिवार भी प्रभावित हुआ है। उन्होंने राज्य सरकार से वर्तमान कोरोना संक्रमण के द्वितीय चक्र के दौर में समस्त परिवारों के बिजली, पानी के बिल के साथ मकान टैक्स माफ किया जाए ऐसी अपील करते हैं, एवं राज्य सरकार से यह अपील करते हैंकि बैंकों की किस्त भी आगे बढ़ाने की प्रक्रिया के लिए उन्हें सरकार निर्देशित करें।
ज़िला सचिव राजेश निर्मलकर ने कहा कि प्रदेश में बहुत से परिवार इस समय कोविड१९ विषाणु के संक्रमण से प्रभावित है एवं उन परिवारों ने इस संचारबंदी को सफ़ल बनाने में प्रशासन की मदद करते हुए घर पर ही समय गुज़ार रहे हैं। इस दौरान अनेकों परिवारों के पास कोई काम भी नहीं है जिससे धनार्जन हो सके अतः इस कारण वे राज्य सरकार से मांग करते हैकि म प्रदेश में ऐसी चिकित्सानीति भी बनाई जाए जिससे कि इस संक्रमण के दौर में इस महामारी से निपटने हेतु पूरे प्रदेश के प्रभावितों का सरकारी एवं प्राइवेट हॉस्पिटलों में निःशुल्क उपचार किया जा सके।