बढ़ती हुई कोविड-19 अभी भी लापरवाह रघुनाथनगर समुदायिक उप स्वास्थ्य केंद्र... यह प्रशासन भी नहीं दे रहे हैं कोई ध्यान...-

बढ़ती हुई कोविड-19 अभी भी लापरवाह रघुनाथनगर समुदायिक उप स्वास्थ्य केंद्र... यह प्रशासन भी नहीं दे रहे हैं कोई ध्यान...-

PIYUSH SAHU (BALOD)
@ बलरामपुर// कमल चंद साहू।।
  

हमारा देश-प्रदेश कोरोना Covid 19 जैसे महामारी से जूझ रहा है। ऐसी स्थिति में हम सभी को इस बीमारी से बचने और बचाने में अपेक्षाकृत हैं। कोरोना गाइडलाइन का पालन किया जा रहा है। 
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ राज्य के दूरियां अंचल जिला बलरामपुर अंतर्गत रघुनाथनगर सामुदायिक उप स्वास्थ्य केंद्र में कोविड-19 का नियमों का धज्जियां उड़ाते हुए नजर आया। यहां किसी व्यक्ति के प्रवेश पर किसी भी तरह का या तो सलाह नहीं दिया जाता है या तो कोई पालन नहीं करता है। ऐसी दशा में अस्पताल प्रबंधन को ऐसे व्यक्तियों पर नाकाम कसने के लिए पुलिस फोर्स की सहायता लेना चाहिए ना कि ऐसा ही आवारा छोड़ देना चाहिए। यहां तो इंक्वायरी बेंच का ही स्थापित नहीं किया गया है। पूछताछ केंद्र अगर रहता तो कोई भी व्यक्ति इधर उधर भटकने से बच जाता और करोना से संक्रमित व्यक्ति प्रत्येक व्यक्ति से संपर्क में आने से भी बच जाता। 
हैरान कर देने वाली बात तो यह है कि करोना जैसे महामारी से निपटने के लिए जहां हॉस्पिटल नहीं भी हैं वहां भी आपातकालीन चिकित्सा सुविधा मुहैया कराया जा रहा है। शासन के द्वारा पग पग पर कोरोना टेस्ट की अर्थात लक्षणों की जानकारी के लिए आपातकाल चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराया जा रहा है। जिससे कि कोई भी कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति इधर उधर भटकने को विवस ना हो वह तत्काल चिकित्सा सुविधा प्राप्त कर ले ऐसी मानसा के अनुरूप छत्तीसगढ़ शासन जगह जगह सुविधाएं उपलब्ध कराया जा रहा है।
विडंबना की बात तो यह है कि बलरामपुर जिले की रघुनाथनगर अस्पताल में ऐसा अस्पताल है जहां किसी भी तरह का बोर्ड नहीं लगा है जिससे कि अनजान व्यक्ति समझ सके कि यह अस्पताल है यहां मुझे चिकित्सा सुविधा मिल सकता है। रघुनाथनगर सामुदायिक उप स्वास्थ्य केंद्र तो शासन ने निर्माण तो करा दिया है लेकिन यहां किसी भी तरह का बोर्ड नहीं लगवाया है या प्रबंधन की लापरवाही है। जिससे की आम व्यक्ति को पता चल सके कि यहां पर भी अस्पताल है और मुझे यहां चिकित्सा से संबंधित सुविधा उपलब्ध हो जाएगा। 
अब देखने वाली बात यह होती है कि रघुनाथनगर अस्पताल में बोर्ड जहां अस्पताल का नाम अंकित हो ऐसा बोर्ड या बैनर की व्यवस्था हो पाता है या नहीं होता है।
ऐसा बोर्ड और बैनर अस्पताल के सामने अगर होता तो हर व्यक्ति जो नए-नए हो वह भी इस सुविधा का लाभ ले सकता है। यह अस्पताल तो बहुत ही अच्छा जगह पर है जहां अंतर्राज्यीय राज्यमार्ग गुजरा हुआ है। यहां पर किसी भी समय परिस्थिति में कोई भी व्यक्ति अगर इस अंतर्राज्यीय राज्य मार्ग से गुजरता तो अस्पताल का बोर्ड देखकर अपनी आपातकालीन प्राथमिक उपचार करा लेता परंतु इस अस्पताल में तो सामान्य भवन की तरह ही यह अस्पताल दिखाई देता है ऐसे में छत्तीसगढ़ शासन की लाखों करोड़ों की लागत से यह अस्पताल किस काम का है जब आपातकाल की स्थिति में प्राथमिक उपचार के लिए आम व्यक्ति लाभ ना ले सके ऐसे अस्पताल का होना और ना होना किस काम का होगा यह एक विचारणीय प्रश्न है।
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