Balrampur : होली भारतवर्ष के एकमात्र ऐसे पर्व जो कि 2021 में कोरोना काल के होते हुए भी बलरामपुर जिले के सरना में मनाया गया धूमधाम से होली का त्यौहार...-

Balrampur : होली भारतवर्ष के एकमात्र ऐसे पर्व जो कि 2021 में कोरोना काल के होते हुए भी बलरामपुर जिले के सरना में मनाया गया धूमधाम से होली का त्यौहार...-

PIYUSH SAHU (BALOD)
@बलरामपुर//कमल चंद साहू।।
प्रदेश में कोरोना का असर होने के बावजूद भी रंगोत्सव का त्योहार होली मनाने की बर्ताव के बावजूद भी होली ऐसा त्यौहार है कि लोगों ने अपने आपको बेकाबू महसूस करते हुए बढ़-चढ़कर जगह जगह होली खेलते नजर आए। कुछ लोगों ने तो इस कदर होली खेला की कुछ अंश ही देखने को नहीं मिला की कोरोना जैसे बीमारी का गाइडलाइन भी पालन करना है।
हालांकि करो ना यह बीमारी संपर्क में आने पर ही होता है वैसे नहीं होता है। गजब की बात तो यह है कि यह बीमारी किसी विशेष क्षेत्र में किसी व्यक्ति को है तब तो तीव्र गति से संपर्क में आने से फैलता है। अगर किसी एरिया में कोई भी व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव नहीं है तो कितनों ही होली खेला जाए या किसी भी तरह का सामूहिक कार्यक्रम किया जाए करो ना उस जगह है ही नहीं किसी भी व्यक्ति में तो उस जगह अथवा उस क्षेत्र में बिल्कुल ही करोना नहीं मिलेगा।
इसलिए जो लोग इस स्थिति से नहीं गुजरे हैं और हमेशा सामूहिक कार्यक्रम करते आए हैं। जहां लोगों का एक दूसरे से मिलन होता है अर्थात संपर्क में होता है कार्यक्रम उस जगह कोरोना पॉजिटिव कोई व्यक्ति नहीं होता है तो उसी एरिया उस क्षेत्र उस गांव में चाहे जो भी कार्यक्रम किया जाए कुरौना जैसी घातक बीमारी बिल्कुल ही नहीं फैलता है।
हिंदू धर्म का आत्मीय ढंग से मिलन का यह रंगोत्सव त्यौहार होली बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। होली जैसा त्यौहार खूब मनमोहक नृत्य के साथ-साथ बहुत ही जबरदस्त गाना भी गाया जाता है।
आज के बदलते परिवेश में यह होली का त्यौहार सिर्फ दिखावटी त्यौहार ही देखने को भविष्य में मिलेगा।
हालांकि हमारी जिला बलरामपुर में कई जगह होली का त्यौहार डीजे की धुन पर थिरकते लोग नजर आए। क्या होली का त्यौहार हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण धर्मों में से महत्वपूर्ण त्यौहार है। साल भर गांव में शहरों में या इस भूमंडल में लोग एक दूसरे से किसी भी तरह का मनमुटाव किसी कारण बस हो जाता है तो इस होली की त्यौहार में एक दूसरे को रंग अबीर डालकर पैर छूकर, गले मिलकर अपने मन को एक दूसरे की भावनाओं को एक प्रेम भावना के साथ मिलन हो जाते हैं। इससे किसी भी तरह का मन में बैर भाव का भावना समाप्त हो जाता है। इसलिए होली का त्यौहार बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। क्या त्यौहार ग्राम सरना में भी कुछ लोगों ने भारी धूमधाम के साथ मनाया। होली के त्यौहार से एक दूसरे को रंग लगाकर होली का त्यौहार मनाया जाता है। एक दूसरे को रंग लगाकर जो हम उम्र से बड़े हो उन लोगों का पैर छूकर प्रणाम किया जाता है। जिससे छोटे बच्चे भी देखकर सीखते हैं।
इसलिए यह त्यौहार शिष्टाचार मानव जीवन की व्यावहारिकता का त्यौहार भी हैं। इस त्यौहार में ढोल मजीरा लेकर गांव गांव में लोग गाना बजाना भी करते हैं। लेकिन यह नजारा करो ना कॉल की वजह से बहुत ही कम देखने को मिला होगा। कई जगह तो इस होली के त्यौहार को अश्लील भावना से भी देखते हैं जबकि सरासर गलत है। होली के इस त्यौहार को पवित्र भाव से स्वक्ष दिल से खेलने का त्यौहार है। गांव में छोटे-छोटे बच्चे भी होली के इस रंग उत्सव में उमंग भरी टोलियों में खेलते देखा गया।
To Top