सरकार नहीं सर्कस चला रहे शिवराज
जीतू पटवारी ने आरोप लगाते हुए कहा, शिवराज सरकार को एक साल का समय पूरा हो गया है, लेकिन अभी तक सरकार मंत्रियों को जिलों के प्रभार भी नहीं दे सकी. यदि मंत्रियों के पास प्रभार होते तो परिवहन व्यवस्थाएं इतनी बुरी न होती. सीधी में हुई दर्दनाक घटना लापरवाही का ही नतीजा है, इसलिए सरकार को इस मामले में गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज करना चाहिए. उन्होंने कहा कि सीधी प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री को मच्छर ने काटा तो एक कर्मचारी को सस्पेंड कर दिया, लेकिन इतनी बड़ी घटना में अभी तक जिम्मेदारी तय नहीं हो सकी, लगता है शिवराज सिंह चौहान, सरकार नहीं बल्कि सर्कस चला रहे हैं।
सीधी घटना को लेकर कांग्रेस ने खड़े किए कई सवाल
पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने घटना को लेकर सरकार से सवाल किया है कि
- जब 35 सीट वाली बस को सिर्फ 70 किलोमीटर तक चलने की अनुमति है, तो फिर यह 135 किलोमीटर दूर कैसे जा रही थी?
- जब सीधी जाने वाली सड़क पर जाम था तो सरकार ने इसे खुलवाया क्यों नहीं ?
- जिस घटना में 50 से ज्यादा लोगों तक की जान गई, सरकार ऐसे मामले में अभी तक जिम्मेदारी तय क्यों नहीं कर सकी?
- उन्होंने आरोप लगाया कि दुर्घटना को लेकर सरकार चार लाख की आर्थिक मदद देती है, इस घटना में सरकार ने सिर्फ पांच लाख रुपए की आर्थिक मदद क्यों दी?
इंजीनियर सस्पेंड
गौरतलब है कि सीएम शिवराज के सीधी दौरे के बाद के उन्होंने जिले के सर्किट हाउस में रात में विश्राम किया था, इस दौरान वहां साफ-सफाई का अभाव पाया गया और वहां गंदगी के वजह से मच्छर भी थे. सीएम के विश्राम की सूचना वहां के उपयंत्री बाबूलाल गुप्ता को दी गई थी, अब इंतजाम की तैयारी भी उन्हें को दी गई थी. ऐसे में अपना काम ठीक ढंग से नहीं करने पर उपयंत्री बाबूलाल गुप्ता को निलंबित कर दिया गया।