बर्ड फ्लू (Bird Flu): सरगुजा में बर्ड फ्लू को लेकर लोगों को किया जा रहा जागरूक...

बर्ड फ्लू (Bird Flu): सरगुजा में बर्ड फ्लू को लेकर लोगों को किया जा रहा जागरूक...

अबिकापुर//सीएनबी लाईव।। 

वर्तमान में देश के कुछ राज्यों में एविएन इन्फ्लुएंजा बर्ड फ्लू के प्रकोप को दृष्टिगत रखते हुए छत्तीसगढ़ राज्य में एविएन इन्फ्लुएंजा बर्ड फ्लू के त्वरित नियंत्रण एवं रोकथाम हेतु दिशा-निर्देश जारी किया गया है। सरगुजा जिले में पशुपालन विभाग द्वारा जिला स्तरीय रैपिड रिस्पांस टीम का गठन किया गया है। डा. एके सिंह को जिला नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। टीम में सहायक पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ डा. संगीता अग्रवाल, डा. पीएल सोरी, सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्राधिकारी समलेश्वर प्रसाद दुबे, रागिनी गुप्ता, वैक्सीनेटर राजेन्द्र तिवारी, विजय पटेल, परिचारक हीरा राम व राजमणि चौबे को शामिल किया गया है।

उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं ने ब्लाक स्तर पर भी रैपिड रिस्पांस टीम का गठन करने का निर्देश दिया है। अभी तक सरगुजा, सूरजपुर अथवा बलरामपुर जिले में पक्षियों में बीमारी को लेकर किसी प्रकार की कोई शिकायत सामने नहीं आई है लेकिन पहले से ही बचाव के निर्देश जारी किए जा रहे है। लोगों को सतर्क किया जा रहा है। कई राज्यों में बर्ड फ्लू को देखते हुए अधिकारियों ने बताया कि इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए लोगों को जागरूक किया जा रहा है।

एवियन इन्फ्लुएंजा का संक्रमण मनुष्य में संक्रमित प्रवासी पक्षी व पोल्ट्री के माध्यम से फैलता है। यह वायरस, संक्रमित पक्षियों के लार, नाक, आंख स्त्राव व बीट में पाया जाता है। संक्रमित पक्षियों के सम्पर्क में आने से इंसानों में भी यह रोग फैलता है। मनुष्य में बर्ड फ्लु के फैलने से आंखों का संक्रमण, सांस लेने में तकलीफ, निमोनिया, मस्तिष्क में सूजन व हृदय में सूजन जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।

हैं।

मनुष्य में संक्रमण की जांच हेतु लक्षण दिखाई देने पर निकटतम स्वास्थ्य केन्द्र से सम्पर्क कर उपचार प्राप्त करें। संक्रमण के प्रसार तथा रोकथाम हेतु पक्षियों के पंख, लार तथा अपशिष्ट पदार्थों को न छुए। पक्षियों के देखभाल करते समय नाक व मुंह घने कपड़े या मास्क से ढक कर रखें। उन्होंने पड़ोसी राज्यों की स्थिति को ध्यान में रखते हुए नागरिकों से अपील की गई है कि वे अपने क्षेत्र में पक्षियों के बहुतायात में असामान्य मृत्यु होने पर निकटस्थ पशु चिकित्सालय एवं पशु औषधालय से संपर्क करें तथा प्रशासन को सूचना दे।

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