ग्राम पंचायत की महिला सचिव के खिलाफ भेलवां के ग्रामीण एवं जनप्रतिनिधि लामबंद हो गए हैं। सरपंच ने जिला पंचायत सदस्य विष्णु कुलदीप को ज्ञापन सौंपकर सचिव को भेलवां से हटाने तथा उसके खिलाफ विभागीय जांच कराने की मांग की है।
ग्राम पंचायत सचिव अपनी मांगों को लेकर लामबंद हैं। बीते आठ दिनों से लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।, वहीं दूसरी ओर फरसाबहार विकासखंड में सचिव के खिलाफ सरपंच द्वारा शिकायत करने का मामला सामने आया है। ग्राम पंचायत भेलवां के सरपंच परशुराम माझी ने पंचायत सचिव के तौर पर कुमारी सुनीता भगत के पदस्थापना के विरूद्ध जनहित में विभागीय जांच करानेे की मांग करते हुए जिला पंचायत सदस्य विष्णु कुलदीप को ज्ञापन सौंपा है।
ज्ञापन में उन्होंने आरोप लगाया है कि अलग-अलग पंचायतों में सचिव के रूप में पदस्थ रहने के दौरान सुनीता भगत पर आरोप लगते रहे हैं, जिनमें जांच के बाद शिकायत सही पाई गई है। सरपंच का कहना है कि 2012 में झारमुण्डा में पदस्थ रहने के दौरान कुमारी सुनीता भगत के खिलाफ सरपंच व ग्रामीणों के खिलाफ शिकायत मिली थी।
जांच के बाद उसे ग्राम पंचायत झारमुण्डा से हटाया गया था। 2013 में ग्राम पंचायत बाम्हनपारा में पदस्थ रहने के दौरान सरपंच ने राशि गबन के संबंध में शिकायत की थी। यह शिकायत भी जांच में सही मिली और उसे निलंबित कर दिया गया था।
इसके बाद ग्राम पंचायत डुमरिया में सचिव के रूप में पदस्थ किया गया, लेकिन यहां भी सचिव का यही रवैया रहा। परशु माझी का कहना है कि ग्राम पंचायत डुमरिया में सचिव के पद पर पदस्थ रहने के दौरान भी सरपंच एवं ग्रामीणों ने शौचालय निर्माण में राशि की मांग के साथ ही इंदिरा आवास निर्माण में अनियमितता एवं लोगों के साथ गाली-गलौच एवं अभद्र व्यवहार करने के संबंध में शिकायत की गई थी। इस शिकायत पर उसे ग्राम पंचायत डुमरिया से भी हटा दिया गया।
अब उसे ग्राम पंचायत भेलवां में सचिव के पद पर पदस्थ किया गया, लेकिन यहां भी सरपंच व ग्रामीणों द्वारा जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र व विवाह प्रमाण पत्र बनाने में पैसों की मांग के संबंध में शिकायत सही मिली थी। सरपंच का कहना है कि झारमुण्डा, बाम्हनपारा, डुमरिया और भेलवां समेत चार-चार ग्राम पंचायतों में सरपंच व ग्रामीणों द्वारा संबंधित सचिव के खिलाफ शिकायत की है।