सीएम भूपेश बघेल ने कहा- सरिया और छाल बनेंगी तहसील, मेकाहारा का नाम गुरु घासीदास के नाम पर...

सीएम भूपेश बघेल ने कहा- सरिया और छाल बनेंगी तहसील, मेकाहारा का नाम गुरु घासीदास के नाम पर...

Avinash

जिले में सरिया और छाल अब तहसील बनेंगे। रायगढ़ मेडिकल कॉलेज का नाम अब बाबा गुरु घासीदास के नाम पर होगा। हमने वादे के मुताबिक 2500 रुपए किया तो धान खरीदी प्रभावित करने के लिए केंद्र ने एफसीआई को प्रदेश का चावल लेने से मना कर दिया । अगर किसानों के साथ अन्याय हुआ तो पंजाब-हरियाणा की तरह हमारे किसान भी दिल्ली में आंदोलन करेंगे। उक्त बातें प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मिनी स्टेडियम में जनसभा को संबोधित करते हुए कहीं।

शनिवार दोपहर 3 बजे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शहर पहुंचे। मिनी स्टेडियम में लगभग 1146 करोड़ रुपए के कामों का लोकार्पण और शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने शाम को संबलपुरी गौठान और कोसमनारा बाल उद्यान का लोकार्पण भी किया । मुख्यमंत्री ने कहा, केन्द्रीय एजेन्सी एफसीआई द्वारा अभी तक चावल लेने की अनुमति नहीं दिए जाने के कारण राज्य में धान खरीदी की गति कुछ प्रभावित हुई है। सीएम ने उम्मीद जताई कि इसका समाधान जल्द निकलेगा।

कृषि व जिले के प्रभारी मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा, मुख्यमंत्री स्वयं किसान हैं । किसानों के दुख-दर्द से अच्छी तरह परिचित हैं । गोधन न्याय योजना के अंतर्गत 70 करोड़ रुपए से ज्यादा की गोबर खरीदी हो चुकी है। उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने कहा, बारदानों के कमी को देखते हुए राज्य सरकार ने किसानों के बारदानों में भी खरीदी करने का निर्णय लिया है।

धरमजयगढ़ विधायक लालजीत राठिया, रायगढ़ के प्रकाश नायक, लैलूंगा के चक्रधर सिदार और सारंगढ़ विधायक उत्तरी जांगड़े ने भी जनसभा को संबोधित किया। कलेक्टर भीम सिंह ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत जिले में हुए विकास कार्यों एवं उपलब्धियों की जानकारी भी दी।

पीएम मात्र 2 हजार, हम 10 हजार रु. दे रहे हैं

केंद्र सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री बघेल ने कहा, केंद्र शुरू से धान का समर्थन मूल्य 1868 रुपए देने पर अड़ा रहा। हमने 632 रुपए राजीव गांधी न्याय योजना के तहत दिया ताकि किसानों को 2500 रुपए का समर्थन मूल्य मिल सके। केंद्र सरकार सम्मान निधि के नाम पर 2 हजार रुपए दे रही है जबकि हम प्रति एकड़ किसानों को 10 हजार रुपए दे रहे हैं। इसके अलावा किसाना की समृद्धि के लिए हम कई तरह के प्रयास कर रहे हैं।

कोरोनाकाल में लंबे समय के बाद ऐसी भीड़

साल की शुरुआत में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के दो दिवसीय कार्यक्रम से कांग्रेसियों में उत्साह नजर आया। अलग-अलग धड़ों ने रैली और भीड़ जुटा कर ताकत दिखाई वहीं पांच विधानसभा में कांग्रेसी विधायक होने के कारण बड़ी संख्या में ग्रामीण सीएम की जनसभा में पहुंचे। कोरोनाकाल में कई महीनों बाद जिले में राजनीतिक कार्यक्रम हुआ। इ बसें नहीं मिली तो लोग ट्रैक्टर से आए। तनी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को दिनभर मशक्कत करनी पड़ी।

परिवर्तन का मतलब जीवन में बदलाव

मुख्यमंत्री ने कहा, विपक्ष में रहते हुए नंदकुमार पटेल के साथ कांग्रेस ने परिवर्तन यात्रा निकाली थी। हमारा मतलब भाजपा के बदले कांग्रेस की सरकार बनना परिवर्तन नहीं था। परिवर्तन का मतलब, किसान, मजदूर और आदिवासियों के जीवन में परिवर्तन लाना था। वह हम साकार कर रहे हैं।

किसान खुशहाल हैं, गोधन न्याय योजना के जरिए गोबर बेचकर बाइक तक खरीद रहे हैं। मजदूरों का गांव में काम मिल रहा है, आदिवासियों को वनोपज की अच्छी कीमत मिल रही है। गरीब परिवारों के बच्चे अंग्रेजी मीडियम स्कूल में पढ़ सकें इसलिए हम ऐसे स्कूल खोल रहे हैं।

ये काम प्रमुख

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