राजधानी में केवल 4 बूथ, 18 हजार को टीके लगाने में ही लगेंगे 45 दिन...

राजधानी में केवल 4 बूथ, 18 हजार को टीके लगाने में ही लगेंगे 45 दिन...

Avinash

कोरोना टीके लगाने के लिए नए सिरे से तय हुआ प्लान में राजधानी के लिए केवल 4 वैक्सिनेशन सबूथ तय किए गए हैं। ये बूथ पं. नेहरु मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल, एमएमआई या बालाजी अस्पताल और नयापारा हेल्थ सेंटर में रहेंगे। राजधानी में 18 हजार हेल्थ और फ्रंटलाइन वर्कर्स को इन्हीं 4 बूथ में पहले चरण में टीके लगेंगे। एक बूथ में रोजाना 100 के हिसाब से एक दिन में शहर में केवल 400 टीके ही लग पाएंगे। इस तरह, सभी 18 हजार लोगों को पहले चरण के टीके लगाने में ही 45 दिन लगेंगे। इस वजह से इतने कम बूथ को लेकर अभी से सवाल उठ गए हैं। दिक्कत यह भी है कि पहले चरण का टीका आधा ही लगेगा, तभी 28 दिन बाद इन्हीं बूथ पर दूसरे चरण का टीकाकरण भी शुरू करना पड़ेगा।

राजधानी में कोरोना वैक्सीनेशन की लांचिंग पर अब ग्रीन कारपेट स्कूल की जगह 4 चुने हुए अस्पताल में बिछाया जाएगा। दरअसल, पहले 20 लोकेशन पर टीकाकरण के पहले चरण की तैयारियां की जा रही थी, इसमें पुरानी बस्ती का सरस्वती स्कूल भी था जहां मॉडल वैक्सीन बूथ बनाया जा रहा था। अब वैक्सीनेशन के लिए पूरे जिले में 6 सेंटर ही रहेंगे, जिनमें 4 राजधानी में होंगे। आउटर में एक केंद्र मंदिरहसौद हेल्थ सेंटर और दूसरा मिशन अस्पताल तिल्दा में बनाया जा रहा है। जहां तक जिले का सवाल है, यहां 30 हजार से अधिक हेल्थ और फ्रंट लाइन वर्करों को टीके लगाए जाने हैं। औसतन एक केंद्र में सौ टीके प्रतिदिन के हिसाब से 600 टीके हर दिन लगेंगे। पहले चरण में शुरूआती कुछ दिनों के बाद चुनी हुई बाकी 40 लोकेशन पर भी टीकाकरण शुरु होने की उम्मीद जताई जा रही है। अगर इन्हीं 6 केंद्रों पर टीकाकरण चलता रहा उस स्थिति में 30 हजार से ज्यादा टीके लगाने में भी 50 दिन तक लग सकते हैं।

वैक्सिनेशन कार्ड में भी छपेगा... दो गज दूरी और मास्क है जरूरी
वैक्सिनेशन करवाने वाले सभी व्यक्तियों के लिए एक कार्ड बनेगा। इसके लिए हेल्थ विभाग ने फॉर्मेट तय करके जिलों को भिजवा दिया है। तय किए गए फॉर्मेट के मुताबिक टीकाकरण कार्ड में नाम उम्र पते मोबाइल नंबर की जानकारी के साथ, टीका लगवाने की तारीख और अगले डोज के लिए तारीख भी उसी वक्त कार्ड में भरकर दी जाएगी। कार्ड में हेल्थ इमरजेंसी टीका लगवाने के बाद आने वाली दिक्कत के मद्देनजर इमरजेंसी नंबर भी लिखे जा रहे हैं। इमरजेंसी नंबर के रूप में सीएमएचओ, डीएसओ, डीपीएम, बीएमओ और एंबुलेंस का नंबर भी लिखा जा रहा है। हर जिले के लिए ये नंबर अलग-अलग रहेंगे। यही नहीं वैक्सीन लगवाने वालों के लिए हिदायत के तौर पर दो गज की दूरी और मास्क जरूरी का संदेश भी कार्ड में लिखा जा रहा है।

ब्लॉक स्तर पर बनाईं रैपिड रिस्पांस टीमें टीके के बाद मरीजों का रखेंगे रिकॉर्ड
टीके की वजह से आने वाली हेल्थ की दिक्कतों को देखते हुए ब्लॉक स्तर पर भी रैपिड रिस्पांस टीमें बनाई गई है। हर जिले में जिला स्तर के अलावा विकासखंड स्तर पर भी रैपिड रिस्पांस टीमें रहेंगी, जो जरूरत के मुताबिक हर दिन एक्शन लेंगी। कितने लोगों को टीके लगवाने के बाद हेल्थ संबंधी दिक्कतें आ रही है, इसका भी रिकॉर्ड रखा जाएगा। जो कोरोना वैक्सीनेशन के दौरान हर दिन जिले और राज्य के कंट्रोल एंड कमांड सेंटर में भेजा जाएगा। यहां से ये डाटा केंद्र को भी भेजा जाएगा। हर दिन इस तरह का रिकॉर्ड रखने से इस बात का पता लगाया जाएगा कि टीके लगने के बाद कितने प्रतिशत लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसके आधार पर आने वाले दिनों की रणनीति में हर बार बदलाव भी किया जाएगा।

कोेरोना वैक्सीनेशन के लिए पोलियो अभियान आगे बढ़ा
16 जनवरी को कोरोना वैक्सीनेशन को देखते हुए प्रदेश में पोलियो वैक्सीनेशन को स्थगित कर दिया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के द्वारा दिए गए निर्देश के बाद ऐसा किया गया है। प्रदेश में 17 जनवरी को पल्स पोलियो वैक्सीनेशन होना था। जिसमें करीब 45 लाख बच्चों को पोलियो दवा दी जाने वाली थी। राज्य के टीकाकरण अधिकारी डॉ. अमरसिंह ठाकुर के मुताबिक नई तारीख का ऐलान जल्द किया जाएगा। पोलियो वैक्सीनेशन से पहले कोरोना टीकाकरण अभियान की शुरूआत हो जाएगी। आपको बता दें कि प्रदेश में दिसंबर के माह में सभी कोल्ड चैन प्वाइंट तक पोलिया दवा पहुंचा दी गई है।

"रायपुर जिले में फिलहाल 6 जगहों से जिनमें सभी अस्पताल हैं वहां से हम टीकाकरण को लांच करेंगे। राजधानी के लिए 4 सेंटर तय किए गए हैं। इसके बाद जैसे-जैसे निर्देश मिलेंगे, उसके मुताबिक अभियान संचालित करेंगे।"
-डॉ. मीरा बघेल, सीएमएचओ, रायपुर




 
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